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पंजाब (Punjab) में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच अलग-अलग मुद्दों को लेकर सियासी रस्साकस्सी जारी है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu)) ने रविवार, 5 दिसंबर को गेस्ट टीचरों के मुद्दे में पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया.
स्थायी नियुक्ति की मांग कर रहे दिल्ली के गेस्ट टीचरों के साथ मिलकर नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरना दिया. इससे पहले दिल्ली में शिक्षा के मॉडल को लेकर उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा.
पंजाब कांग्रेस चीफ ने आगे कहा, ''2015 के घोषणापत्र में आपने 8 लाख नई नौकरियां और 20 नए कॉलेज बनाने का दावा किया. ये नौकरियां और कॉलेज कहां हैं? आपने दिल्ली में केवल 440 नौकरियां दी हैं. उल्टे आपके असफल आश्वासन के बाद दिल्ली में बेरोजगारी पिछले 5 सालों में 5 गुनी बढ़ गई है.''
सिद्धू ने कहा कि 2015 में दिल्ली में शिक्षकों की 12,515 वैकेंसी थी, लेकिन 2021 में शिक्षकों की 19,907 वैकेंसी है, जिसे दिल्ली सरकार गेस्ट शिक्षकों के जरिए भर रही है.
कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह को दिल्ली और पंजाब के 10-10 स्कूलों की तुलना करने की चुनौती थी, जिसके बाद पंजाब के शिक्षा मंत्री ने कहा था कि 10 की जगह दोनों राज्यों के 250 स्कूलों की तुलना हो और दिल्ली सरकार इसके लिए अपने मानक बताए.
सिसोदिया ने इसके बाद दिल्ली के 250 ऐसे स्कूलों की लिस्ट जारी की थी, जिसका उनके हिसाब से कायापलट किया गया था. सिसोदिया यहीं नहीं रुके थे, उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विधानसभा क्षेत्र के एक स्कूल का दौरा किया था और उसकी खराब हालत की फोटो भी साझा की थी.
चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी दिल्ली के शिक्षा मॉडल को लेकर पंजाब की कांग्रेस सरकार को लगातार घेर रही है, नवजोत सिंह सिद्धू का दिल्ली में प्रदर्शन आम आदमी पार्टी पर पलटवार के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस की कोशिश आम आदमी पार्टी को शिक्षा के मुद्दे पर उसी के घर में घेरने की दिख रही है.
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