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बीजेपी (BJP) की चुनावी रणनीति में यात्राओं का पुराना इतिहास रहा है. राजस्थान में पार्टी चाहे विपक्ष में बैठी हो या सत्ता में, यात्राओं के जरिए जनता की नब्ज टटोलने और कार्यकर्ताओं एक्टिव मोड में लाने के लिए पार्टी इस फॉर्मूले पर काम करती रही है. इसी फार्मूले के तहत बीजेपी ने मिशन 2023 के लिए 200 विधानसभा सीटों पर 'जनआक्रोश यात्रा' निकालने का मेगा प्लॉन तैयार किया है.
यात्रा के दौरान पार्टी न केवल निचले स्तर तक जनता की नब्ज टटोलेगी, बल्कि नई लीडरशिप डेवलमेंट का काम भी करेगी. नवंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर दिसंबर तक चलने वाली इन यात्राओं का यह फॉर्मूला पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से दिया गया है. पार्टी आक्रोश रैली के इस फॉर्मूले को उन राज्यों में भी काम में ले रही है, जहां बीजेपी की सरकार नहीं है. राजस्थान में इस पूरे मेगा प्लान को तैयार करने से लेकर लागू करने का काम प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर की देखरेख में किया जा रहा है. इन यात्राओं में खर्च का पार्टी ने भारी भरकम बजट भी रखा है.
पार्टी के इस मेगा प्लान के तहत हर विधानसभा सीट पर अलग-अलग रणनीति तैयार की है. हर सीट के लिए यात्रा प्रभारी नियुक्त किया गया है. साथ ही हर सीट पर होने वाले सम्मेलनों की अलग-अलग रूपरेखा तैयार की गई है. एक सीट पर पांच से सात सम्मेलन किए जाएंगे. जहां जैसी जातिगत समीकरण होंगे वैसे ही सम्मेलन किए जाएंगे. लेकिन युवाओं और महिलाओं के सम्मेलन और चर्चा को अनिवार्य बिन्दु रखा गया है.
हर सीट के लिए अलग-अलग 200 यात्रा रथ भी तैयार की गए है. स्थानीय मुद्दों को जोड़ते हुए इन रथों की सजावट भी की जा रही है. भाषण देने वालों से लेकर यात्रा का नेतृत्व करने वालों के अलग से नाम तय किए गए है. आक्रोश यात्रा का रथ एक विधानसभा में दस दिनों तक एक निर्वाचन क्षेत्र में घूमेगा.
पार्टी की तयशुदा रणनीति के हिसाब से आक्रोश रैली 2023 के विधानसभा चुनाव का आगाज माना जा रहा है। रथ में विशेष रूप से शिकायती पेटी लगाई जाएगी, जिसमें जनता से सरकार के खिलाफ शिकायत लिखित में ली जाएगी. यह डेटा सरकार के खिलाफ हर विधानसभावार मुद्दे तैयार करने में पार्टी काम में लेगी, वहीं प्रदेश सरकार के खिलाफ जनता में चर्चित मामलों की जानकारी भी जुटाएगी. जो कार्यकर्ता या नेता रथ यात्रा में बेहतर काम करेंगे, उनकी क्षेत्र में टिकट की दावेदारी भी मजबूत मानी जाएगी. इस दौरान पार्टी क्षेत्र में माहौल, समीकरण, मुद्दों, संभावित प्रत्याशी की छवि आदि की जानकारी भी लेगी. इससे पार्टी को एक साल बाद टिकट बंटवारे का होमवर्क अभी से तैयार मिलेगा.
बीजेपी ने इस रथ यात्रा के लिए वातानुकूलित बसों को रथ के रूप में तैयार किया जाएगा. इनमें करीब 10 लोगों के बैठने, माइक, सजावट की व्यवस्था भी रहेगी. सभी रथों पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरों, केंद्र सरकार की योजनाओं और बीजेपी की नीतियों के पोस्टर चस्पा होंगे. यह रथ बहुत से स्थानों पर रथ रुकेंगे, वहां छोटी-छोटी सभाएं भी होंगी. एक तय रूट चार्ट भी बनाया जा रहा है. सभाओं में लोगों को प्रदेश की कांग्रेस सरकार की विफलताओं, बिगड़ती कानून व्यवस्था और बेरोजगारी के बारे में बताया जाएगा.
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