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केंद्रीय एजेंसियों ने महा विकास अघाड़ी (MVA) के दो नेताओं - संजय राउत (Sanjay Raut) और शरद पवार (Sharad Pawar) के खिलाफ अब तक जो कदम उठाए हैं वे काफी चर्चा में रहे हैं. दोनों दिग्गज नेताओं के ऊपर ED का एक्शन उस समय हो रहा है जब महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल मची है.
संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय से एक समन जारी हुआ था जिसमें वे शुक्रवार, 1 जुलाई को पेश हुए थे. दूसरी ओर, गुरुवार को आयकर विभाग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सुप्रीमो शरद पवार को 2004, 2009, 2014 और 2020 में उनके चुनावी हलफनामों के संबंध में नोटिस दिया था.
राउत और पवार के खिलाफ कार्रवाई केंद्रीय एजेंसियों का एक कदम है जो एमवीए नेताओं पर नकेल कसने के लिए किया गया है. ठाकरे और कई एमवीए नेताओं ने एजेंसियों के इन एक्शन को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताकर उनके कदमों की आलोचना की है.
कांग्रेस ने एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस का जिक्र करते हुए गुरुवार को शपथ लेने वाली नई महाराष्ट्र सरकार को "ईडी सरकार" करार दिया. शरद पवार, राउत, नवाब मलिक और अजीत पवार जैसे दिग्गजों के अलावा, अब BJP-शिंदे की नई सरकार में शिवसेना के विद्रोही खेमे के भी कुछ नेता ऐसे ही मामलों का सामना कर रहे हैं.
ईडी का दावा है कि संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के अन्य निदेशकों ने सिद्धार्थ नगर के पुनर्विकास में महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी को गुमराह किया, जिसे पात्रा चॉल के नाम से जाना जाता है.
ईडी ने आरोप लगाया है कि 2010 में, 83 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को ट्रांसफर कर दिए गए थे. इन पैसों का इस्तेमाल उन्होंने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था. ईडी ने इस साल की शुरुआत में 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में राउत से जुड़ी संपत्तियों को कुर्क किया था.
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री नवाब मलिक पर देवेंद्र फडणवीस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नवाब मलिक पर अवैध भूमि सौदे का आरोप लगाया था. इसके तीन महीने बाद ईडी ने 23 फरवरी को गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. ईडी एक भूमि सौदे की जांच कर रहा है जिसमें नवाब मलिक ने इब्राहिम की दिवंगत बहन हसीना पारकर के कथित फ्रंटमैन सलीम पटेल से 50 लाख रुपये में 3.3 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी थी.
ईडी ने 2021 में महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सतारा जिले की एक चीनी मिल की 65.75 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. ईडी ने आरोप लगाया है कि सहकारी मिल को खरीदने के लिए इस्तेमाल किए गए धन को एक अन्य चीनी मिल के माध्यम से भेजा गया था, जिसे बदले में स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड से पैसा मिला था. इसमें पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और पत्नी सुनेत्रा बहुसंख्यक शेयरधारक हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने नवंबर 2021 में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह की तरफ से लगाए गए भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया. मामला 20 मार्च 2021 का है, जब परम बीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि देशमुख ने अवैध वसूली के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है.
एजेंसी के अनुसार, पैसा मुखौटा कंपनियों के माध्यम से भेजा गया था और अंत में श्री साईं शिक्षण संस्था के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था, जो कथित तौर पर देशमुख परिवार का एक ट्रस्ट था.
ईडी ने मई में शिवसेना नेता और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष यशवंत जाधव को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के कथित उल्लंघन के संबंध में समन जारी किया था. जाधव की पत्नी शिवसेना के बागी धड़े का हिस्सा हैं. आयकर अधिकारियों ने इस साल की शुरुआत में टैक्स चोरी के आरोप में बांद्रा में जाधव परिवार का एक फ्लैट और उनसे जुड़ी करीब 40 संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था.
शिवसेना सांसद और बागी भावना गवली एक एनजीओ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के रडार पर हैं. ईडी ने 2021 में गवली के गिरफ्तार सहयोगी सईद खान की 3 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी. ईडी ने 'महिला उत्कर्ष प्रतिष्ठान' नामक ट्रस्ट से धन की हेराफेरी के आरोपी खान को सितंबर 2021 में गिरफ्तार किया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने इस साल की शुरुआत में शिवसेना नेता और उद्धव ठाकरे के सहयोगी अर्जुन खोतकर की 78 करोड़ रुपये की संपत्ति को महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) में 25,000 करोड़ रुपये की अनियमितताओं से जुड़े मामले में कुर्क किया था. खोटकर से जुड़ी एक चीनी फैक्ट्री कथित तौर पर MSCB से कर्ज चुकाने में नाकाम रही थी. फर्म की स्थापना 235 एकड़ जमीन पर की गई थी और इसमें से 100 एकड़ को बिना किसी मौद्रिक लेन-देन के अधिग्रहित कर लिया गया था.
ईडी ने 2021 में एनसीपी नेता एकनाथ खडसे, उनकी पत्नी मंदाकिनी खडसे और उनके दामाद गिरीश चौधरी की 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. चौधरी को भी गिरफ्तार किया था. खडसे और उनके दामाद से पुणे के भोसरी गांव में 3.75 करोड़ रुपये में जमीन खरीदने के मामले की जांच की जा रही है, जबकि इसकी वास्तविक कीमत 31 करोड़ रुपये से ज्यादा थी. खडसे ने 2020 में बीजेपी से NCP में प्रवेश किया था.
ईडी ने एनसीपी नेता अनिल भोसले को मार्च 2021 में पुणे स्थित सहकारी बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने आरोप लगाया कि भोसले, जो शिवाजीराव भोसले को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के निदेशक थे, ने अपने पद का दुरुपयोग करके सह-आरोपियों के साथ साजिश रची और बैंक से पैसे निकाले.
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