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पूर्व आईएएस अधिकारी वी कार्तिकेयन पांडियन सोमवार (27 नवंबर) को औपचारिक रूप से सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) में शामिल हो गए. उन्हें राज्य के सीएम नवीन पटनायक का करीबी भी माना जाता है. पांडियन राज्य के मुख्यमंत्री, राज्य के मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ बीजेडी नेताओं की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए.
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि वी कार्तिकेयन कौन हैं? BJD में क्यों शामिल हुए और लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव से पहले उनका बीजेडी में शामिल होने क्यों है खास?
वी कार्तिकेयन साल 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.
पांडियन की साल 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में SDM के रूप में पहली तैनाती हुई थी. इसके बाद वो 2005 में मयूरभंज जिले के जिलाधिकारी (DM) बनाए गये थे. बाद में, उन्हें 2007 में गंजम के कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया.
48 वर्षीय वी कार्तिकेयन राज्य के कई जिलों में जिलाधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं. ऐसा माना जाता है कि इन्हीं वजह से वो सीएम नवीन पटनायक की नजरों में भी आ गये थे.
जानकारी के अनुसार, गंजम में अपने कार्यकाल के दौरान, पांडियन सीएम के करीब आए और 2011 में उनके निजी सचिव बन गये.
मुख्यमंत्री के निजी सचिव होने के अलावा, पटनायक ने उन्हें सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने के लिए 2019 में '5T सचिव' की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी.
इस साल अक्टूबर में IAS वी कार्तिकेयन ने सरकारी सेवा से VRS लिया और अगले दिन राज्य सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री रैंक के साथ 5T (ट्रांसफेरिन, टीम वर्क, टेक्नोलॉजी, टाइम और ट्रांसफॉर्मेशन पहल) और नबीन ओडिशा के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया.
पांडियन की पत्नी सुजाता कार्तिकेयन भी एक आईएएस अधिकारी और उनकी बैचमेट हैं. वह मिशन शक्ति विभाग के आयुक्त के पद पर तैनात हैं. हाल ही में उन्हें उड़िया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग में भी नियुक्त किया गया था.
पूर्व आईएएस अधिकारी पांडियन को राज्य में "सबसे शक्तिशाली नौकरशाह" माना जाता था.
पिछले 10 वर्षों में, पांडियन ने पटनायक सरकार के कई फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
पांडियन ने श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना और श्रीमंदिर परिक्रमा जैसी परियोजनाओं में अहम भूमिका निभाई है. श्रीमंदिर के साथ-साथ पांडियन ने राज्य भर में प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिरों के नवीकरण और जीर्णोद्धार की ओडिशा सरकार की पहल की भी निगरानी की.
जानकारी के अनुसार, ओडिशा सरकार के प्रमुख कार्यक्रम "मो सरकार" भी पांडियन की पहल है. "मो सरकार" का उद्देश्य रैंडम फीडबैक तंत्र के माध्यम से सार्वजनिक कार्यालयों और पदाधिकारियों में व्यावसायिकता और निरंतर व्यवहार परिवर्तन लाना है, जो सरकार को सीधे नागरिकों से जोड़ता है. ओडिशा सरकार का कहना है कि इससे सरकार द्वारा नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं की बारीकी से जांच संभव हो गई.
इस साल मार्च में पांडियन ने राज्य का दौरा करना भी शुरू कर दिया था, जो सितंबर में समाप्त हुआ. छह महीने के दौरे में वो राज्य की सभी 147 विधानसभा सीट पर गये और लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं और सरकार की योजनाओं के बारे में चर्चा की. इसके अलावा, वो राज्य के ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर भी गये और वहां विकास कार्यों की समीक्षा की.
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो, पांडियन पूरे दौरे के दौरान एक राजनेता की तरह उभरे हैं. उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के लिए योजनाओं की घोषणा की और राजनीतिक नेताओं की तरह भाषण देकर नेता की भूमिका निभाई.
दरअसल, वी कार्तिकेयन पांडियन को लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव होने के 4-5 महीने पहले बीजेडी में शामिल किया गया है. जानकारों की मानें तो, पार्टी और सरकार के कामों को चुनाव से पहले विस्तार करने और जनता के बीच ले जाने में पूर्व IAS की भूमिका अहम है. इसलिए पिछले कुछ महीनों से वो राज्य का दौरा कर रहे थे और जमीन पर बीजेडी की स्थिति को लेकर भी काम किया.
इस सवाल पर कि क्या वो बीजेडी में नबंर दो पर रहेंगे, इस पर नेता ने कहा, "ये सीएम तय करेंगे, लेकिन ये सच है कि उनका कद पार्टी में बड़ा होगा. वो लंबे समय तक प्रशासनिक भूमिका निभा चुके हैं और कुछ समय से ओडिशा के विकास के लिए काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने सभी वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में उन्हें पार्टी में शामिल कराया है. ऐसे में संकेत साफ है कि वो चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे."
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए BJD MP पिनाकी मिश्रा ने कहा, "सीएम ने पांडियन से कहा कि जिस तरह से उन्होंने पिछले 13-14 वर्षों से उनके (निजी सचिव) के रूप में उनके साथ काम किया है, उसी तरह पार्टी और राज्य के लिए काम करे. सीएम ने कहा कि उनका पिछला प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव पार्टी के लिए फायदेमंद होगा."
कुछ जानकारों का कहना है कि पटनायक अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है. ऐसे में वो किसी को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं. इसमें पांडियन सबसे फिट बैठते हैं. वो सीएम के विश्वासपात्र तो हैं ही, साथ ही उनके विजन को भी अच्छी तरह से समझते हैं. पिछले कुछ समय में पार्टी में हुए फैसलों में भी उनका ही हाथ है. पटनायक ने पार्टी में भी ऐसे संकेत दे दिये हैं कि पांडियन की भूमिका जल्द ही बड़ी होगी.
हालांकि, कार्तिकेयन पांडियन विवादों में भी रहे हैं. इस साल जून में नौकरशाह से नेता बने दो लोगों ने राजनीतिक कार्यक्रमों में वीके पांडियन की मौजूदगी के खिलाफ शिकायत की थी.
24 जून को, अपराजिता सारंगी ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में एक शिकायत दर्ज की, जिसमें कथित तौर पर राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए पांडियन द्वारा अखिल भारतीय सेवा मानदंडों का उल्लंघन किया गया था. इसी तरह की शिकायत कुछ दिनों बाद पूर्व मुख्य सचिव बिजय कुमार पटनायक, जो अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं, ने भी दर्ज कराई थी.
डीओपीटी ने ओडिशा के मुख्य सचिव से इस मामले पर स्पष्टीकरण देने को कहा था.
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