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किसानों का हक बातचीत से नहीं मिलेगा, तो लड़ाई और हिंसा से लेंगे: सत्यपाल मलिक

Satyapal Malik ने कहा कि "किसान अपना हक लेकर रहेंगे, बातचीत से नहीं तो लड़ाई से लेंगे, लड़ाई से नहीं तो हिंसा से."

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<div class="paragraphs"><p>सरकार किसानों के साथ खिलवाड़ न करे, वे अपना हक लेकर रहेंगे- सत्यपाल मलिक</p></div>
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सरकार किसानों के साथ खिलवाड़ न करे, वे अपना हक लेकर रहेंगे- सत्यपाल मलिक

(फोटो: ट्विटर)

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पंजाब विधानसभा चुनावों (Punjab Assembly Election) में आम आदमी (AAP) को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद अब किसानों को लेकर भी कई बातें कही जाने लगी हैं. राजस्थान में एक कार्यक्रम में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने एक बार फिर किसानों को लेकर अपनी बात रखी है. सत्ता परिवर्तन के बाद अब उन्होंने कहा है कि किसानों को अब दबाकर नहीं रखा जा सकता.

सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार को किसानों पर खुलकर अपनी बात रखी और कहा कि,

"दिल्ली में जो सरकार है मैं उसके खिलाफ नहीं हूं, किसानों को अब और दबाकर नहीं रखा जा सकता. किसान अपना हक लेकर रहेंगे, बातचीत से नहीं दोगे तो लड़ाई से लेंगे, लड़ाई से नहीं मिलेगा तो हिंसा से लेंगे"

राज्यपाल का पद जाने से नहीं डरता- मलिक

मलिक जो अक्सर किसान आंदोलन के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ बोलते आए हैं, उन्होंने फिर से केंद्र सरकार को नसीहत दे डाली.उन्होंने कहा कि, “दिल्ली को मेरी सलाह है कि उसे किसानों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए, वे खतरनाक लोग हैं. किसानों को वह मिलेगा जो वे चाहते हैं."

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राज्यपाल राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. बिहार, गोवा और तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल मलिक ने ये भी कहा की कि वह किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए अपना पद खो सकते हैं, लेकिन अपनी आवाज उठाने या राज्यपाल का पद जाने से नहीं डरते. मलिक ने केंद्र सरकार को किसानों से किए गए सभी वादों को पूरा करने की भी सलाह दी, जिन्होंने इस संबंध में सरकार के आश्वासन के बाद कृषि कानूनों के खिलाफ अपना साल भर का आंदोलन खत्म कर दिया था.

हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र के साथ उनकी कोई दुश्मनी नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं दिल्ली में डेढ़ कमरे के घर में रहता हूं, इसलिए मैं किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी का मुकाबला करने में सक्षम हूं." मलिक इससे पहले भी किसानों के मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेर चुके हैं.

जनवरी में मलिक ने दावा किया कि किसानों के मुद्दे पर दोनों के बीच एक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने अहंकारी व्यवहार किया. उन्होंने आगे दावा किया कि जब उन्होंने अमित शाह के साथ पीएम मोदी के व्यवहार के बारे में बात की, तो केंद्रीय गृह मंत्री ने टिप्पणी की कि पीएम ने अपना दिमाग खो दिया है.

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