advertisement
कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच कई प्रदेशों से प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्य भेजे जा रहे हैं. बिहार के प्रवासी मजदूरों की संख्या भी लाखों में है. ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिंता है कि, प्रवासी मजदूरों की वापसी से प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है. वहीं, अब तक जो प्रवासी मजदूर बिहार पहुंचे है उससे प्रदेश में 148 नए मामले आए हैं.
पीएम मोदी के साथ हुई वीडियो कॉफ्रेन्सिंग के जरिए बैठक में नीतीश कुमार ने इस चिंता को लेकर बात की थी और पीएम को आंकड़ों के बारे में भी बताया. इसके साथ ही नीतीश कुमार ने लॉकडाउन को बढ़ाने की भी मांग की थी. ये जानकारी बिहार मंत्रिमंडल में एक मंत्री और सीएम के करीबी ने दी. उन्होंने कहा,
इससे पहले 10 मई को बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया था कि, दूसरे राज्यों से लौटने वाले 44 प्रवासी मजदूरों में कोविड-19 का पॉजिटिव मामला सामने आया है. पिछले एक हफ्ते में राज्य में 300 से अधिक कोविड-19 के मामले सामने आए हैं, जिससे बिहार सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है.
सत्ताधारी दल जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, आनेवाले दिनों में राज्य में ज्यादा से ज्यादा लोग लौटने वाले हैं ऐसे में मामले तेजी से बढ़ सकते हैं और प्रसाशन इस बात के लिए भयभीत है कि इससे ग्रीन जोन में भी मामले आ सकते हैं, जहां अभी कोरोना के एक भी मामले नहीं हैं.
रेलवे ने ट्रेन सेवा शुरू करने जा रही है, जिसके तहत मुख्य-मुख्य स्थानों के लिए 15 जोड़ी ट्रेन शुरू करने का फैसला लिया है. इसमें दिल्ली से बिहार जानेवाली ट्रेन भी शामिल हैं. बिहार के लिए एक ट्रेन दी गई है जो रोजाना दिल्ली से डिब्रूगढ़ तक जाएगी जो बिहार के दानापुर स्टेशन पर रूकेगी.
बता दें, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, बिहार में COVID-19 मामलों की संख्या मंगलवार को 747 थी, जिनमें 377 मरीज ठीक हुए हैं. वहीं, राज्य में अब तक संक्रमण से 6 लोगों की मौत हो चुकी है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)