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शुक्रवार को झारखंड में छापों की झड़ी लग गई. एक तरफ इनकम टैक्स के छापे पड़े तो दूसरी तरफ ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने रेड की. ये छापे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ED के बुलावे के अगले दिन पड़े हैं. आयकर विभाग ने करीब 70 जगह छापे डाले तो ED ने भी करीब 12 जगहों पर छापे डाले. जिनके यहां छापे पड़े उनमें सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक और कारोबारी शामिल हैं. एक कांग्रेस विधायक अनूप सिंह तो वो हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले बीजेपी के खिलाफ सरकार गिराने की साजिश का मामला दर्ज कराया था.
बीजेपी ने इन रेड्स को लेकर पूरा माहौल बनाया हुआ था कि छापों के दौरान एक वीडियो वायरल हो गया और इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा ( JMM) और कांग्रेस हमलावर हो गए. वीडियो में दिख रहा था कि छापे के लिए एक गाड़ी पर बीजेपी का स्टीकर लगा हुआ था.
कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह, प्रदीप यादव समेत 70 ठिकानों पर शुक्रवार को आयकर विभाग ने एक साथ छापेमारी की. इसमें झारखंड में जहां रांची, बेरमो, जमशेदपुर, चाईबासा, देवघर स्थित आवास व दफ्तरों में आयकर ने दबिश की. वहीं, बिहार में भी अनूप सिंह के पटना व गया स्थित आवास में आयकर ने कार्रवाई की. आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई लौह और कोयला खनन से जुड़े मामले में की गई है. आयकर विभाग को टैक्स चोरी का अंदेशा था. जिसके बाद शुक्रवार को यह कार्रवाई की गई.
कांग्रेस विधायक अनूप सिंह और प्रदीप यादव, बरियातू के मनीष बंसल, कोयला व्यवसायी अजय सिंह, चाईबासा से सेवानिवृत पूर्व जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार ठाकुर, टंडवा के कोयला कारोबारी कैलाश वर्मा, बेरमो में लकी सरदार, कारोबारी अंकित सिंह, कोल्हान के बड़े कारोबारी राजकुमार शाह, दुमका नगर परिषद के उपाध्यक्ष विनोद कुमार लाल के आवास, प्रदीप यादव के सहायक देवेंद्र पंडित व मित्र के होटल व आवास पर आयकर का छापा पड़ा.
सूत्र बता रहे हैं देर रात तक चली छापेमारी में विधायक अनूप सिंह के यहां से कोयला कारोबार से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले. वहीं, विधायक प्रदीप यादव के यहां से भी आयकर विभाग ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं.
इसके अलावा कोयला व लौह अयस्क खनन व्यवसायियों के यहां से आयकर विभाग की टीम ने संपत्ति से जुड़े कागजात खंगाले. इसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए. इसके अलावा कई ठिकानों से कंप्यूटर व हार्ड डिस्क भी जब्त किए. हालांकि विभाग ने अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया है.
ईडी की टीमों ने पश्चिम बंगाल और झारखंड में करीब एक दर्जन जगहों पर छापे डाले हैं. अधिकारियों का कहना है कि इन राज्यों में रक्षा भूमि की बिक्री के लिए जाली कागजों के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए यह छापेमारी की जा रही है. इस मामले का संबंध ईडी द्वारा जांचे जा रहे कथित अवैध खनन मामले से भी है, जिसमें उसने हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तलब किया था और उनके एक सहयोगी और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था.
अधिकारियों का कहना है कि यह जांच झारखंड पुलिस द्वारा रक्षा भूमि की बिक्री और खरीद में जाली कागजों के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए दायर की गई एफआईआर रिपोर्ट के बाद शुरू हुई है.
वहीं चर्चा इस बात की भी है कि आनेवाले दिनों में ईडी जेएमएम के बैंक खाते को भी सील करेगी. पत्रकारों और आमलोगों के बीच चर्चा इस बात की होती रही कि इस कार्रवाई से बीजेपी को कहीं से फायदा नहीं होने जा रही है. ऐसे कार्रवाई सो तो जेएमएम हर दिन राजनैतिक रूप से मजबूत ही हो रही है.
इन सब के बीच एक और बात सामने आ रही है कि आखिर विष्णु अग्रवाल के यहां ईडी की टीम क्यों गई. आशंका जताई जा रही है कि विपक्ष के नेता और बीजेपी के सहयोगी एक पूर्व डिप्टी सीएम को भी निशाने पर लिया जा सकता है. कहा जा रहा है कि बीते विधानसभा चुनाव में उनके अकेले चुनाव लड़ने का सबसे अधिक नुकसान बीजेपी को ही हुआ है. आगामी विधानसभा चुनाव में भी वह अपनी पार्टी को अकेले चुनाव लड़ाने के मूड में दिख रहे थे. इन आशंकाओं के बीच उनके भी घेरने की कोशिश केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से की जा रही है.
सत्ता पक्ष के नेता बीजेपी पर जमकर बरसे. पहला हमला सीएम हेमंत सोरेन ने किया. उन्होंने कहा कि, "हमारे कई विधायकों के यहां छापा पड़ रहा. छापा में जो जांच पदाधिकारी हैं, वो बीजेपी के नेताओं की गाड़ी में जा रहे हैं. बीजेपी को शर्म आना चाहिए. इन्हें डूब मरना चाहिए. कमाल की बात है. इतना काला करके ये घूम रहे हैं ये अपना मुंह. देश के जनादेश को ठेंगा दिखाने का काम कर रहे हैं."
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, "विपक्ष सरकार को अस्थिर करने में लगी है ईडी, आईटी , सीबीआई का दुरूपयोग कर ED ने नोटिस देकर एक दिन बुलाया, मैं कोई चोर उचक्का हूं क्या, जो इस तरह बुलाया, बीजेपी के इशारों पर मेरे विधायकों के घर छापा पड़ा. बीजेपी नेता की गाड़ी से IT का अधिकारी छापेमारी कर रहा है."
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित ट्राइबल फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए रायपुर जाने से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकर्ताओं को अपने आधिकारिक आवास के बाहर संबोधित करते हुए, सोरेन ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एक लंबी राजनीतिक लड़ाई के लिए तैयार रहने का आग्रह किया.
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि, "ईडी के समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री आवास के सामने जो कुछ कहा वो उनके डर और अहंकार को दर्शाता है. रघुवर दास ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने कोई गलत काम नहीं किया है,तो उन्हें डर किस बात का है."
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, "केंद्र सरकार चार बार चुनाव में हार का सामना करने के बाद सरकारी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "यह उनकी हताशा है. झारखंड का हर एक मतदाता विपक्ष को जवाब देगा."
हालांकि आईटी टीम की गाड़ी पर बीजेपी का स्टीकर लगे होने के आरोप का जवाब केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से अभी तक नहीं आया.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ED द्वारा तलब किए जाने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि, "हर जगह ऐसा ही हो रहा है. 2024 तक ऐसा ही होता रहेगा. लेकिन हमें मजबूती के साथ लड़ाई लड़नी है और सब लड़ रहे हैं."
हेमंत सोरेन ने ईडी को उन्हें अरेस्ट करने की भी चुनौती दी है.
बीजेपी के नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, "ईडी ने हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए बुलाया तो उन्हें तकलीफ हो रही है. वो कह रहे हैं कि आदिवासी हैं, इसलिए ऐसा हो रहा है.
अब आदिवासी होने से आपको लूटने का लाइसेंस तो नहीं मिल गया न. उनको सरकार चलाने का लाइसेंस जनता ने दिया है. ये जो प्राकृतिक संपदा है, सरकार उसका कस्टोडियन होता है, उसको ठीक से चलाइए. लेकिन उसको लुटाइगा तो बीजेपी चुप नहीं रहेगी. अब उनको आदिवासियत याद आ रहा है. पूछताछ में शामिल होने के बजाय धमकी दे रहे हैं. हेमंत सोरेन को कानून का पालन करना चाहिए, ना कि धमकी देना चाहिए."
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