advertisement
झांसी में 13 अप्रैल को एनकाउंटर में मारे गए अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद अहमद (Asad Ahmed) की फोटो बताकर, अतीक के छोटे बेटे अली अहमद की फोटो शेयर की गई. इसके अलावा, कभी कई राजनेताओं के साथ एक दावत में खाना खाते जवाहर लाल नेहरू की फोटो इस गलत दावे से शेयर की गई कि उन्होंने आजादी के तुरंत बाद इफ्तार पार्टी दी थी. तो कभी डॉ. की पोशाक में पीएम मोदी की फोटो शेयर कर गलत दावा किया गया.
इस हफ्ते सोशल मीडिया पर वायरल ऐसे तमाम भ्रामक और गलत दावों का सच हमने आपको बताया. यहां ऐसे ही तमाम झूठे दावों का सच आपको एक साथ मिलेगा.
एनकाउंटर में मारे गए उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहे गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद अहमद (Asad Ahmed) की बताकर कई मीडिया संगठनों ने ये फोटो शेयर की.
ये फोटो अतीक अहमद के छोटे बेटों में से एक अली अहमद की है. अली यूपी के प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में है, जो 2021 के जबरन वसूली के एक केस में जेल भेजा गया था.
पूरी पड़ताल यहां पढ़ें
देश के पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू के साथ एक टेबल में खाना खाते कई राजनेताओं की फोटो नेहरू पर 'तुष्टिकरण की राजनीति' का आरोप लगाते हुए शेयर की गई. दावा किया गया कि आजादी के बाद 1947 में नेहरू ने इफ्तार पार्टी दी थी, जिसका विरोध सरदार पटेल ने किया था और वो इस दावत में शामिल भी नहीं हुए थे.
वायरल फोटो 1947 की नहीं, बल्कि 1948 की है और इफ्तार पार्टी को नहीं दिखाती. तब चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को भारत के पहले गवर्नर जनरल के तौर पर नियुक्त किया गया था. इसके जश्न में सरदार पटेल ने सभी को दावत दी थी, न कि नेहरू ने.
पूरी पड़ताल यहां पढ़ें
प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की ये फोटो असली बताकर शेयर की गई. जिसमें वो किसी रिसर्चर के तौर पर माइक्रोस्कोप से अपने हाथों को देखते नजर आ रहे हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का एक कथित लेटरहेड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसे इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि RSS ने हिंदू पुरुषों से मुस्लिम महिलाओं को 'फंसाकर' उनका धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा है.
पड़ताल में हमने पाया कि ये लेटर फेक है. हमने RSS की ओर से जारी किए गए पुराने लेटर चेक किए. हमें लेटर के फॉर्मैट और लोगो से जुड़ी कई असमानताएं मिलीं. जिसे आप नीचे देख सकते हैं.
सोशल मीडिया पर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर में पैदल नदी पार करती एक महिला का वीडियो वायरल है. वीडियो को कई तरह के चमत्कार से जुड़े दावों से शेयर किया जा रहा है. दावा है कि इसमें दिख रही वृद्ध महिला पानी पर चल रही हैं.
पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो में महिला नदी पार करती तो दिख रही हैं, लेकिन ये कोई चमत्कारिक शक्ति नहीं. दरअसल, वीडियो जिस घाट का है, वहां पानी जमीन की सतह से ज्यादा ऊपर नहीं था. लिहाजा महिला ने ठीक उसी तरह पैदल चलकर नदी पार कर ली, जैसा कि कोई आम शख्स करता.
वीडियो में दिख रही महिला ने खुद पुष्टि की है कि पानी ज्यादा गहरा नहीं था.
मध्यप्रदेश पुलिस ने महिला को लेकर किए जा रहे चमत्कार से जुड़े दावों को बेबुनियाद बताया है.
पूरी पड़ताल यहां पढ़ें
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)