Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-201920 सेकंड सांस रोक सके तो कोरोना नहीं? जानिए इस झोलाछाप ट्रिक का सच

20 सेकंड सांस रोक सके तो कोरोना नहीं? जानिए इस झोलाछाप ट्रिक का सच

WHO के मुताबिक अगर आप 10 सेकंड या इससे ज्यादा समय तक सांस रोक लेते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि आपको कोरोना नहीं है.

सर्वजीत सिंह चौहान
वेबकूफ
Updated:
आप 10 सेकंड या इससे ज्यादा समय तक सांस रोक लेते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि आपको कोरोना नहीं है.
i
आप 10 सेकंड या इससे ज्यादा समय तक सांस रोक लेते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि आपको कोरोना नहीं है.
(फोटो: Altered by The Quint)

advertisement

भारत में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच कई भ्रामक खबरें वायरल हो रही हैं. आए दिन कोरोना से जुड़े तरह-तरह के दावे किए जाते हैं. ऐसा ही एक और दावा किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स एक वीडियो शेयर कर रहे हैं. जिसमें दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिए गए टेस्ट से ये पता लगाया जा सकता है कि आपको कोरोना है या नहीं.

टेस्ट में एक निश्चित समय के लिए सांस रोकने की सलाह दी गई है. अगर आप टेस्ट में दिए समय तक सांस रोक लेते हैं, तो इसका मतलब है कि आपको कोरोना नहीं है. वीडियो में A से B पॉइंट तक सांस रोकने के लिए सलाह दी जा रही है. ये समय 20 सेकंड का है.

हालांकि, क्विंट की पड़ताल में ये दावा गलत निकला. WHO के मुताबिक अगर आप 10 सेकंड या इससे ज्यादा समय तक सांस रोक लेते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि आपको कोरोना नहीं है. ये दावा गलत है.

दावा

कई सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर कैप्शन में लिख रहे हैं: ''अपने लंग्स और ऑक्सीजन लेवल की जांच करें''. साथ ही, इस टेस्ट को इस्तेमाल करने की सलाह भी लिखी गई है और दूसरों के साथ शेयर करने के लिए भी बोला गया है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

ये वीडियो ऐसे ही दावों के साथ ट्विटर और फेसबुक पर शेयर किया जा रहा है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने सबसे पहले WHO की साइट में जाकर चेक किया कि क्या ऐसे कोई सुझाव दिए गए हैं. हमें साइट में ‘Myth Buster’ सेक्शन मिला.

WHO वेबसाइट का मिथ बस्टर सेक्शन(सोर्स: स्क्रीनशॉट/WHO)

इसमें बताया गया है कि अगर आप 10 सेकंड या इससे ज्यादा समय तक सांस रोक लेते हैं, तो इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आप कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं. WHO ने बताया है कि कोरोना के संक्रमण का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका लैब में टेस्ट कराना है, न कि कोई ब्रीदिंग एक्सरसाइज. क्योंकि ये खतरनाक हो सकती है.

हमने इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए, फोर्टिस हॉस्पिटल शालीमार बाग के पल्मोनॉलजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और हेड डॉ. विकास मौर्या से संपर्क किया. उन्होंने वायरल वीडियो टेस्ट में बताई गई जानकारी से इनकार करते हुए इसे गलत बताया.

अगर आपको कोविड के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो तुरंत जांच कराएं. बुखार, खांसी, जुकाम और सांस फूलने की समस्या के साथ-साथ खुशबू आना बंद हो गई है या स्वाद चला गया है, तो कोविड टेस्ट करवा लें. खुद को आइसोलेट कर लें और ध्यान रखें कि आप किसी और को संक्रमित न कर रहे हों. कोविड हवा में छोटी-छोटी बूंदों (ड्रॉप्लेट्स) के जरिए ट्रैवल करता है. अगर आप अपनी सांस को 10, 15 या 20 सेकंड रोक पा रहे हैं, तो इसका मतलब ये नहीं है कि आपको कोविड का संक्रमण नहीं हो सकता.
डॉ. विकास मौर्या, फोर्टिस हॉस्पिटल शालीमार बाग
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सांस ज्यादा देर रोक के रखने से बढ़ सकता है इनफेक्शन का खतरा- स्टडी

हमें Science The Wire नाम की एक वेबसाइट में 11 जनवरी 2021 को पब्लिश एक आर्टिकल मिला. इसमें IIT मद्रास की एक स्टडी के बारे में बताया गया है. इस आर्टिकल का टाइटल ‘सांस रोकने से बढ़ सकता है कोविड 19 का खतरा: आईआईटी मद्रास’ है.

रिसर्चर्स ने एक मॉडल तैयार किया जिससे सांसों की फ्रीक्वेंसी और वायरस के बीच का कनेक्शन समझा जा सके. उन्होंने रिसर्च में पाया कि सांस धीमी लेने पर वायरस के लंग्स में ज्यादा देर ठहरने और लंग्स में ज्यादा अंदर तक पहुंचने का खतरा रहता है.
ये स्टडी IIT मद्रास ने की है(सोर्स: स्क्रीनशॉट/वेबसाइट)

ये स्टडी 'Physics of Fluids' नाम के एक जर्नल में 18 सितंबर 2020 को प्रकाशित हुई है.

क्या कहना है दूसरे एक्सपर्ट्स का?

हमें यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, यूसीएच के मुख्य क्वालिटी ऑफिसर और संक्रामक रोगों के प्रमुख फहीम यूनुस का एक ट्वीट भी मिला. जिन्होंने वायरल वीडियो को ट्वीट करके कैप्शन में लिखा है कि इस तकनीक का इस्तेमाल न करें. ये भ्रामक है और बुरा आइडिया है.

डॉ. फहीम यूनुस ने इसे भ्रामक बताया है(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

हमने डॉ. यूनुस के और भी ट्वीट खंगाले. हमें उनका 17 मई 2020 को किया गया एक और ट्वीट मिला. जिसमें उन्होंने साफतौर पर बताया था कि कोरोना संक्रमित युवा मरीज 10 सेकंड से ज्यादा अपनी सांस रोक पाते हैं और ऐसे कई बुजर्ग लोग हैं जो कोरोना संक्रमित नहीं हैं, लेकिन फिर भी 10 सेकंड सांस नहीं रोक पाते.

ये ट्वीट पिछले साल 2020 का है(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

डॉ. यूनुस ने ये ट्वीट उस गलत दावे को खारिज करते हुए किया था जिसमें कहा गया था कि 10 सेकंंड से ज्यादा सांस रोकने वाले कोरोना से मुक्त हैं. बता दें कि साल 2020 में भी इस तरह के दावे किए जा रहे थे कि 10 सेकंड से ज्यादा सांस रोकने वालों को कोरोना नहीं है. इस दावे को तब WHO खारिज किया था.

मतलब साफ है कि 20 सेकंड तक सांस रोककर रखने वाली विशेष तकनीक वाले वीडियो के जरिए भ्रामक दावा किया जा रहा है कि अगर आप ये टेस्ट पास कर लेते हैं तो आपको कोरोना नहीं है. ये दावा गलत है. ऐसे किसी भी दावे से प्रेरित होने के बजाय अपने चिकित्सक से एक बार सलाह जरूर ले लें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 28 Apr 2021,01:36 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT