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ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप (World Cup 2023) का खुमार अपने चरम पर है. और इसी बीच सोशल मीडिया पर वर्ल्ड कप से जुड़े भ्रामक दावों का सिलसिला भी जारी है. दिवाली की दस्तक पर इससे जुड़े भ्रामक दावे भी किए जा रहे हैं. क्विंट की फैक्ट चेकिंग टीम इन सभी दावों की पड़ताल कर रही है, एक नजर में जानिए सच.
एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी नवरात्रि के दौरान गरबा करते दिख रहे हैं.
इस वीडियो में पीएम मोदी नहीं, बल्कि उनकी तरह दिखने वाले विकास महंते हैं. और ये वीडियो महाराष्ट्र के मुंबई में नवरात्रि कार्यक्रम का है.
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भारत के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 7 नवंबर को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पटाखों में बेरियम और प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल को लेकर दिए गए 2021 के अपने निर्देशों को स्पष्ट किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये प्रतिबंध सिर्फ दिल्ली एनसीआर ही नहीं, बल्कि भारत के सभी राज्यों में लागू है.
इस खबर के बीच सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में ''पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध'' लगा दिया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने पूरे भारत में सभी पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटाखों में प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल की रोक को लेकर उसके पहले निर्देश सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू हैं. कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया है कि देश में सभी पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.
रचिन रविंद्र के पाकिस्तान के खिलाफ लगाए गए शतक का जिक्र करते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्होंने 3 साल पहले भारत छोड़ दिया था और न्यूजीलैंड चले गए थे. दावे में आगे ये भी कहा गया है कि रचिन रविंद्र अगर भारत में ही रुकते और भारतीय क्रिकेट टीम से खेलते तो ब्राह्मणवाद के आरोप लगते. इसलिए रचिन ने यहां के जातिवाद से तंग आकर भारत छोड़ दिया.
नहीं, वायरल मैसेज में किया गया ये दावा सच नहीं है.
रचिन रविंद्र के सॉफ्टवेयर इंजीनियर और क्रिकेट प्रेमी पिता रवि कृष्णमूर्ति भारत से न्यूजीलैंड गए थे और वहीं रचिन का जन्म हुआ.
रचिन ना सिर्फ न्यूजीलैंड के नागरिक हैं बल्कि उनकी बहन न्यूजीलैंड के मिनिस्ट्री ऑफ जस्टिस के लिए काम करती हैं.
रचिन 2016 में न्यूजीलैंड की अंडर - 19 टीम का हिस्सा थे, 2021 से उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की.
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एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उज्जैन में मुस्लिमों ने जुलूस निकालकर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए, जिसके बाद हिंदुओं ने मस्जिद के सामने जमा होकर पाकिस्तान के विरोध में नारे लगाए.
दावे में ये भी कहा जा रहा है कि ''हिंदू भगवा झंडे लेकर मस्जिद के सामने इकट्ठा हुए और यह कहकर विरोध किया कि "जिन्होंने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए, उन्हें यहां नहीं रहना चाहिए, पाकिस्तान चले जाओ".
वायरल दावा गलत है. वायरल वीडियो में पाकिस्तान विरोध में जो नारे सुनाई दे रहे हैं, उन्हें असल में एडिटिंग की मदद से वीडियो में अलग से जोड़ा गया है.
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केरल में फिलिस्तीन के समर्थन में निकाली गई रैली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास को अपना समर्थन दिया है.
वीडियो में कई लोगों के हाथों में बैनर दिख रहा है, जिस पर लिखे हुए का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है, 'भारत फिलिस्तीन के साथ', 'फिलिस्तीन के लिए प्रार्थना करें', 'फिलिस्तीन में नरसंहार बंद करो', 'गाजा में लोगों को मारना बंद करो'.
वीडियो में फिलिस्तीन के समर्थन में निकाली गई रैली दिख रही है, जहां थरूर ने हमास के साथ-साथ इजरायल की कार्रवाई की निंदा की और कहा था कि इन दोनों की वजह से नागरिकों की मौत हुई. उन्होंने अपना समर्थन फिलिस्तीन को दिया था न कि हमास को.
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