ADVERTISEMENTREMOVE AD

FACT CHECK: सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाया पूरे देश में पटाखों पर 'बैन', गलत है दावा

Fact Check: ये दावा भ्रामक है. सुप्रीम कोर्ट ने भारत में पटाखों से जुड़े नियमों पर बस अपने पिछले आदेश को दोहराया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार, 7 नवंबर को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पटाखों में बेरियम और प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल को लेकर दिए गए 2021 के अपने निर्देशों को स्पष्ट किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये प्रतिबंध सिर्फ दिल्ली (Delhi) - एनसीआर ही नहीं, बल्कि भारत के सभी राज्यों में लागू है.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने दिल्ली में प्रदूषण के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद 1 जनवरी 2024 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऐसे में कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में ''पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध'' लगा दिया है.

(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.)

सच क्या है?: सुप्रीम कोर्ट ने पूरे भारत में सभी पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है.

  • सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पटाखों में प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल की रोक को लेकर उसके पहले निर्देश सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू हैं.

  • कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया है कि देश में सभी पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर सर्च करने पर हमें Live Law का 7 नवंबर का एक आर्टिकल मिला.

  • आर्टिकल के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के पहले पटाखों के इस्तेमाल पर कोई नया नियम या प्रतिबंध जारी नहीं किया है. बल्कि सिर्फ उन पटाखों पर प्रतिबंध की बात दोहराई है, जिनमें बेरियम का इस्तेमाल होता है. ये निर्देश 2021 में दिया गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
  • रिपोर्ट में बताया गया है कि ''पीठ ने ये भी स्पष्ट किया कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है''. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि पूरे भारत में पटाखों के इस्तेमाल पर कुछ नियम जरूर हैं.

  • आर्टिकल में ये भी बताया गया है कि 2021 में, जस्टिसे एमआर शाह और एएस बोपन्ना की पीठ ने ये सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश जारी किए कि पटाखों में बेरियम आधारित रसायनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाए.

  • आदेश में सिर्फ ''ग्रीन पटाखों'' के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है.

  • सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में पूर्ण प्रतिबंध लगाने के खिलाफ फैसला सुनाया था.

  • हालांकि, कोर्ट ने पटाखों की ऑलनाइन बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था और पटाखे फोड़ने का समय और जगहें आवंटित की थी.

  • इस पर India Today और News18 ने रिपोर्ट की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?: सीएसआईआर नेशनल एनवायर्मेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSIR NEERI) के मुताबिक, ग्रीन पटाखे छोटे खोल वाले पटाखे होते हैं और इनमें राख या धूल वाले पदार्थ नहीं होते हैं, जिससे इनसे उत्सर्जन कम होता है.

  • इनमें बेरियम नहीं होता है, जिससे इन पटाखों का खास हरा रंग मिलता है.

  • ये पटाखे कानफोड़ू नहीं होते हैं. इनसे 110 से 125 डेसिबल के बीच अवाज होती है. जबकि पारंपरिक पटाकों में ये आवाज करीब 160 डेसिबल होती है.

  • हमने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से भी संपर्क किया है. प्रतिक्रिया मिलते ही स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

निष्कर्ष: भारत में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में पटाखों में बेरियम आधारित रसायनों के खिलाफ नियम जारी किए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×