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इस हफ्ते पड़े होली के त्योहार का असर फेक न्यूज पर भी दिखा. सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर ये झूठा दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में रंग लगाने के लिए मुस्लिम इलाके में फायरिंग की गई.
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) को लेकर भी सोशल मीडिया पर ये दावा किया गया कि चुनाव आयोग ने बैलेट पेपर से वोटिंग कराने का फैसला किया है. विराट कोहली की एक तस्वीर को एडिट कर इस गलत दावे से शेयर कर दिया गया कि वो राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस देख रहे हैं. एक नजर में जानिए इन सभी भ्रामक दावों का सच.
वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बरेली के बारादरी में मुस्लिम इलाके में घुसकर जबरन रंग लगाने के लिए फायरिंग की गई.
रेली के बारादरी में हुई इस घटना को झूठा सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है. मामले में जिन दो पक्षों के बीच झड़प हुई वो दोनों ही मुस्लिम समुदाय से हैं.
बरेली पुलिस ने ये पुष्टि की है कि मामला दो पक्षों के बीच हुए विवाद का है और इसमें फायरिंग करने वाले आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है.
बारादरी थाने में दर्ज FIR से भी पुष्टि हो रही है कि मामले में शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों मुस्लिम समुदाय से हैं.
शिकायतकर्ता ने क्विंट हिंदी से बातचीत में भी ये बताया कि मामला सांप्रदायिक नहीं है. उनपर कथित तौर पर फायरिंग करने वाला शख्स उन्हीं के समुदाय से है.
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नहीं यह वीडियो Deepfake नहीं है. हमने वीडियो में कई ऐसी चीजें देखीं जो इस क्लिप के असली होने की तरफ इशारा कर रही हैं. वायरल वीडियो को इंस्टाग्राम यूजर 'प्रीति मोर्या' ने बनाया है.
The Indian Express, Times Now, और ETV Bharat जैसे कई मीडिया ऑउटलेट्स ने इस वायरल वीडियो पर रिपोर्ट्स की हैं. इनमें DMRC के हवाले से कहा गया कि वीडियो Deepfake हो सकता है.
क्या ये दावे सच हैं?: नहीं यह वीडियो Deepfake नहीं है. हमने वीडियो में कई ऐसी चीजें देखीं जो इस क्लिप के असली होने की तरफ इशारा कर रही हैं. वायरल वीडियो को इंस्टाग्राम यूजर 'प्रीति मोर्या' ने बनाया है.
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली की एक फोटो इंटरनेट पर वायरल हो रही है. इसमें कोहली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस देखते दिख रहे हैं.
विराट कोहली के फोन में राहुल गांधी की फोटो दिखाने के लिए इस फोटो को एडिट किया गया है. असली वीडियो में स्पष्ट रूप से यह नहीं दिख रहा है कि कोहली अपने फोन में क्या देख रहे हैं.
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तस्वीर को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है कि, "केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ जनता सड़कों पर है."
यह दावा सही नहीं है. यह तस्वीर जून 2023 से इंटरनेट पर है. यह तस्वीर ओडिशा के जगन्नाथ यात्रा की है. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से इसका कोई संबंध नहीं है.
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग ने बैलेट पेपर से वोटिंग कराने का फैसला लिया है. दावे के साथ अखबार की एक क्लिप भी शेयर की जा रही है, जिसमें हेडलाइन है - 'आयोग के नए निर्देश, ईवीएम नहीं बैलेट पेपर से होगा चुनाव.'
नहीं, निर्वाचन आयोग ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है, न ही कोई निर्देश दिए हैं कि लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से होगा. वायरल हो रही अखबार की कटिंग असली खबर की नहीं. ये इवनिंग टाइम्स का होली पर छपने वाला खास संस्करण है, जिसमें व्यंग्यात्मक खबरें छापी जाती हैं, जो कि सच नहीं होतीं.
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