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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को शराब बांटते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो को इन दिनों चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) का बताकर वायरल किया जा रहा है.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर (पूर्व में ट्विटर) एक यूजर ने किसानों पर कटाक्ष करने के लिए यह वीडियो शेयर करते हुए कहा, "यह शंभू सीमा पर चाय का समय है."
जबकि कई अन्य यूजर्स ने इसी वीडियो को इस कैप्शन के साथ अपलोड किया है, "तथाकथित किसान नेताओं द्वारा शंभू बॉर्डर पर गरीब किसानों को सुबह की चाय बांटने का सीन. नफरत करने वाले कहेंगे कि यह शराब है."
दोनों दावों को मिलाकर इस प्लेटफॉर्म पर दो लाख से अधिक व्यूज मिल चुके थे.
(इसी तरह के दावों के अन्य आर्काइव यहां, यहां और यहां देखें जा सकते हैं.)
क्या ये दावे सच हैं?: न तो यह वीडियो अभी का है और न ही अभी चल रहे किसानों के विरोध से इसका कोई संबंध है. यह वीडियो अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है और केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए तीन कृषि बिलों के पारित होने से पहले का है.
हमनें सच का पता कैसे लगाया?: हमने 'InVID' नाम के Google Chrome एक्सटेंशन की मदद से वीडियो को कई कीफ्रेम में बांट दिया और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल किया.
Yandex सर्च इंजन में सर्च करने पर हमें 'R.Punjab' नाम के एक अनवेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया यही वीडियो मिला.
इसे 11 अप्रैल 2020 को शेयर किया गया था.
अन्य सोर्स: टीम वेबकूफ को फेसबुक जैसे अन्य प्लेटफार्म पर समान वीडियो के पुराने वर्जन मिले. ऐसी पोस्ट के लिंक यहां, यहां और यहां देखें जा सकते हैं.
हालांकि हमें इस वीडियो के अन्य डिटेल, जैसे जगह और इसका संदर्भ नहीं मिला, लेकिन यह साफ है कि वीडियो पुराना है और चल रहे विरोध प्रदर्शनों से इसका कोई संबंध नहीं है.
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कृषि बिल सितंबर 2020 में संसद में पारित किए गए थे, जिससे देश के कई हिस्सों में विवाद और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था.
बार-बार दोहराया जाने वाला दावा?: हमने पहले भी इसी वीडियो को खारिज किया था, जब इसे तीन कृषि बिलों के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन से जोड़ा गया था.
किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में गलत सूचना: अभी जारी किसानों के प्रदर्शन को लेकर कई पुराने और असंबंधित वीडियो और फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए हैं और यूजर्स इन्हें विरोध प्रदर्शन से गलत तरीके से जोड़ रहे हैं.
टीम वेबकूफ ने कई दावों को खारिज किया है, जहां AI-जनरेटेड तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया गया था.
आप हमारी कुछ फैक्ट-चेक स्टोरीज यहां, यहां और यहां पढ़ सकते है.
निष्कर्ष: लोगों के बीच शराब बांटे जाने का यह वीडियो पुराना है और फिलहाल चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन से इसका कोई संबंध नहीं है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 , या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
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