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इस हफ्ते हरियाणा (Haryana) के नूंह (Nuh) में हुई हिंसा से जोड़कर कई पुराने वीडियो गलत दावे से शेयर किए गए. इसके अलावा, पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan) का एडिटेड वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया गया कि पूर्व पीएम जेल में बैठे दिख रहे हैं.
ऐसे ही खतरनाक रास्तों में चल रहे लोगों का एक और वीडियो शेयर कर ये गलत दावा किया गया कि वीडियो में दिख रहे लोग म्यांमार से मणिपुर में घुसपैठ करते दिख रहे हैं.
ऐसे तमाम झूठे दावों की पड़ताल यहां पढ़िए एक जगह एक साथ.
सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है. फोटो में टोपी पहने एक शख्स उस बिल्डिंग के सामने खड़ा दिख रहा है, जिसे जेसीबी से गिराया जा रहा है. फोटो शेयर कर दावा किया गया कि ये फोटो हरियाणा के नूंह की है, जहां हाल में हुई हिंसा के दौरान एक मुस्लिम शख्स का घर गिराया गया.
पड़ताल में हमने पाया कि ये तस्वीर साल 2022 की है और मध्य प्रदेश के खरगोन की है. तब रामनवमी के दौरान वहां हिंसा हुई थी. इसके बाद, प्रशासन ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मकान गिराए थे.
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सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कुछ लोग अपने सामान और बच्चों के साथ खतरनाक पहाड़ी रास्ते पार करते दिख रहे हैं. वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि ये म्यांमार के लोग हैं जो अपनी जान की बाजी लगाकर अवैध रूप से चोर रास्ते से मणिपुर में घुस रहे हैं.
सोशल मीडिया पर एक लड़की का वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि वीडियो नूंह का है, जहां सरकार ने कार्रवाई करते हुए लड़की का मकान गिरा दिया है. वीडियो में लड़की अपने घर और सपनों के टूटने के बार में बात करती दिख रही है.
वीडियो का नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा और उसके बाद घर ढहाए जाने से कोई संबंध नहीं है. ये वीडियो दिल्ली के वसंत कुंज का है, जहां 16 जून 2023 को प्रियंका गांधी कैंप में बनी झुग्गियों को गिराया गया था. ये वीडियो उस घटना से प्रभावित लोगों को दिखाता है.
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नूंह का बताकर एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पुलिसकर्मियों को दो महिलाओं को पकड़कर ले जाते हुए दिखाया है. वीडियो में पुलिसकर्मी महिलाओं को डंडे मारते भी दिख रहे हैं. इसे शेयर कर दावा किया गया कि नूंह में पत्थरबाजी करने वालों को पुलिस 'सबक' सिखा रही है.
पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो हाल का नहीं, बल्कि साल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है. ये घटना कोरोना लॉकडाउन के दौरान की है और हथिन के उत्तावर गांव की है. हथिन डीएसपी सुरेश भडाना ने भी पुष्टि की कि ये वीडियो पुराना है. इसका हालिया नूंह हिंसा से कोई संबंध नहीं है.
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वो आंखें बंद करके चुपचाप बैठे दिख रहे हैं. वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि ये वीडियो उस जेल का है जहां वो फिलहाल बंद हैं.
पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो एडिटेड है. आंखे बंद करने से जुड़ा फिल्टर का इस्तेमाल कर वीडियो को एडिट किया गया है, जिससे इमरान की आंखें बंद दिख रही हैं.
इसके अलावा, इमरान की गिरफ्तार 5 अगस्त को हुई जबकि ये वीडियो 1 अगस्त से इंटरनेट पर मौजूद है. यानी ये वीडियो इमरान की गिरफ्तारी से पहले का है और उन्हें जेल में नहीं दिखाता.
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