हरियाणा (Haryana) के नूंह में हाल में हुई हिंसा से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में पुलिसकर्मी दो महिलाओं को पकड़कर उन्हें गाड़ी में बिठाते दिख रहे हैं. पुलिसकर्मी वीडियो में महिलाओं को डंडे मारते भी दिख रहे हैं.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि हरियाणा के नूंह (Nuh) में पत्थरबाजी करने वालों को पुलिस 'सबक' सिखा रही है.
सच क्या है?: वायरल वीडियो हाल का नहीं, साल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है.
हथिन के डीएसपी सुरेश भडाना ने भी पुष्टि की कि ये वीडियो पुराना है. इसका हालिया नूंह हिंसा से कोई संबंध नहीं है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वायरल वीडियो में पुलिस कर्मियों को मास्क लगाए देखा जा सकता है, जिससे हमें ये अंदाजा लगा कि वीडियो कोरोना लॉकडाउन के दौरान का हो सकता है. इसके अलावा, कई यूजर्स ने कमेंट में भी बताया था कि ये वीडियो पुराना है.
यहां से क्लू लेकर हमने सोशल मीडिया पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किए. हमें 24 अप्रैल 2020 का एक ट्वीट मिला, जिसमें इसी वीडियो का इस्तेमाल किया गया था.
मो. खालिद नाम के ट्विटर यूजर ने ये वीडियो ट्वीट कर कैप्शन में बताया था कि वीडियो पलवल जिले के उत्तावर गांव का है.
ये वीडियो अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है. जबकि नूंह हिंसा 31 जुलाई 2023 को शुरू हुई. साफ है कि ये वीडियो नूंह हिंसा से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं रखता.
क्या कहना है पुलिस का?: हमने वायरल वीडियो से जुड़ी घटना के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए पलवल जिले में हथिन के डीएसपी सुरेश भडाना से बात की, जिन्होंने पुष्टि की ये वीडियो साल 2020 का है और वायरल दावा गलत है.
उन्होंने बताया कि ये घटना कोरोना लॉकडाउन के दौरान की है. गांव में एक आरोपी को पकड़ने गई पुलिस के साथ इन महिलाओं ने हाथापाई की थी. जिसके बाद दोबारा पुलिस की टीम गई थी और उन महिलाओं को पकड़कर लाई थी.
नूंह में सांप्रदायिक हिंसा: नूंह में हिंसा ने 31 जुलाई के बाद तूल पकड़ा. जब एक धार्मिक जुलूस पर कथित तौर पर पत्थऱबाजी की गई. नूंह हिंसा में 6 लोगों की मौत भी हो गई.
हरियाणा सरकार ने 5 अगस्त को नूंह जिले में 'बुलडोजर कार्रवाई' करते हुए कुछ मकान भी गिराए थे. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर 7 अगस्त को स्वत: संज्ञान लेते हुए अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
निष्कर्ष: साफ है कि 3 साल पुराना वीडियो हरियाणा के नूंह में हुई हालिया हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)