सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है. फोटो में टोपी पहने एक शख्स उस बिल्डिंग के सामने खड़ा दिख रहा है, जिसे जेसीबी से गिराया जा रहा है.
क्या है दावा?: फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये फोटो हरियाणा (Haryana) के नूंह (Nuh) की है, जहां हाल में हुई हिंसा के दौरान एक मुस्लिम शख्स का घर गिराया गया.
सच क्या है?: ये तस्वीर साल 2022 की है और मध्य प्रदेश के खरगोन की है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: साधारण सा रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें साल 2022 की कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
इस तस्वीर का इस्तेमाल The Free Press Journal के 11 अप्रैल 2022 के आर्टिकल में भी किया गया था.
ये आर्टिकल मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के दौरान हुए दंगों के बारे में था. इस रिपोर्ट में एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान के दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के फैसले के बारे में भी बताया गया था.
हमें Scroll का भी एक आर्टिकल मिला. 19 अक्टूबर 2022 की इस रिपोर्ट में खरगोन हिंसा के बारे में बताया गया था.
इस आर्टिकल में भी इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
साथ ही, एक नाबालिग से जुड़ी घटना का उल्लेख भी किया गया था, जिसने कथित तौर पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था.
इन रिपोर्ट्स में इस तस्वीर के सोर्स या इससे जुड़ी कोई खास जानकारी नहीं दी गई थी.
हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से तस्वीर के संदर्भ के बारे में पता नहीं कर सके. लेकिन, ये साफ है कि तस्वीर नूंह में हिंसा से पहले की है.
नूंह में सांप्रदायिक हिंसा: नूंह में हिंसा की शुरुआत 31 जुलाई को तब हुई जब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने धार्मिक जुलूस निकाला था. कथित तौर पर स्थानीय लोगों ने जुलूस पर पथराव किया था.
हरियाणा पुलिस के मुताबिक, 3 अगस्त तक राज्य में 83 एफआईआर और 165 गिरफ्तारियां हुईं. इस हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई.
हरियाणा सरकार ने 5 अगस्त को नूंह जिले में बुलडोजर कार्रवाई करते हुए मकान गिराए थे.
नलहर मेडिकल कॉलेज के पास 45 से ज्यादा "अवैध" दुकानों और 13-15 अस्थायी अवैध जगहों पर बुलडोजर चलाया गया.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर 7 अगस्त को स्वत: संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को अगले आदेश तक इस अभियान को रोकने का आदेश दिया.
खरगोन हिंसा के बारे में:
10 अप्रैल 2022 को रामनवमी के दौरान खरगोन में हुई हिंसा में एक शख्स की मौत और 50 अन्य घायल हो गए थे.
ये हिंसा रामनवमी के जुलूस के दौरान कथित तौर पर कुछ लोगों के पथराव के बाद भड़की.
इसके बाद, जिला प्रशासन ने कथित तौर पर पथराव करने वालों और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 55 से ज्यादा ''अवैध'' घरों को गिरा दिया.
निष्कर्ष: साफ है कि मध्य प्रदेश के खरगोन की पुरानी तस्वीर शेयर कर उसे हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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