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अमरावती में BJP के प्रोटेस्ट का नहीं, कर्नाटक में रामनवमी जुलूस का है ये वीडियो

ये वीडियो हाल का नहीं 2019 का है. इसका अमरावती में हाल में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है.

सर्वजीत सिंह चौहान
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>ये वीडियो हाल का नहीं 2019 का है. इसका अमरावती में हाल में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है</p></div>
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ये वीडियो हाल का नहीं 2019 का है. इसका अमरावती में हाल में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है

(फोटो: Altered by the Quint)

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सोशल मीडिया पर मस्जिद के सामने भगवा झंडे लिए और राम नाम के नारे लगाती भीड़ का एक वीडियो शेयर हो रहा है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो महाराष्ट्र (Maharashtra) के अमरावती का है, जहां मुस्लिमों ने बंद किया था. इसके बाद BJP ने विरोध प्रदर्शन किया जिस वजह से अमरावती (Amravati) में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो हाल का नहीं, बल्कि साल 2019 का है और कर्नाटक का है, जब रामनवमी के दौरान वहां पर जुलूस निकाला गया था और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस जुलूस में जूस बांटा था.

दावा

वीडियो शेयर कर दावे में लिखा जा रहा है, ''*त्रिपुरा दंगे के खिलाफ मुसलमानों ने कल किए गए बंद के बाद आज भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र के अमरावती में कर्फ्यू* *Hinduism और Hindutva को समझने के लिये इससे बढ़िया उदाहरण नहीं मिलेगा! हिंदुइज्म की रक्षा करना ही हिंदुत्व का काम है!* *जय जय श्री राम*".

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

ये वीडियो फेसबुक के साथ-साथ ट्विटर पर भी इसी दावे से शेयर किया गया है. इनके आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल INVid का इस्तेमाल कर वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा. इसके बाद उनमें से कुछ पर Yandex पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे, हमें Vish RK नाम का एक यूट्यूब हैंडल पर 13 अप्रैल 2019 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसमें वायरल वीडियो जैसे विजुअल देखे जा सकते हैं.

बाएं यूट्यूब पर उपलब्ध 2019 का वीडियो, दाएं वायरल वीडियो

(फोटो: Altered by the Quint)

दोनों फोटो में मस्जिद के गेट के ठीक ऊपर एक 'तारे' का निशान बना हुआ है. इसके अलावा मस्जिद के ठीक पीछे दोनों ही फोटो में टावर दिख रहे हैं. इससे साबित होता है कि ये वीडियो हाल का नहीं बल्कि 2019 का है.

इसके अलावा, हमें और भी यूट्यूब वीडियो मिले जिनमें वायरल विजुअल देखे जा सकते हैं. वीडियो के टाइटल और लोकेशन के मुताबिक ये वीडियो कादरी बाजार कलबुर्गी, कर्नाटक का है.

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हमने ये जानने के लिए कि क्या सच में ये वीडियो कलबुर्गी का ही है? गूगल पर 'qadri bazar masjid kalburgi ramnavami' कीवर्ड की मदद से सर्च किया. हमें न्यूज एजेंसी ANI के यूट्यूब हैंडल पर एक वीडियो मिला, जिसे 22 अप्रैल 2019 को अपलोड किया गया था. इस वीडियो में वायरल विजुअल जैसे विजुअल देखे जा सकते हैं.

वीडियो का टाइटल था, ''Muslims in Kalaburgi offer juices to Hindu devotees during Ram Navami procession" (अनुवाद- कलबुर्गी में मुस्लिम रामनवमी जुलूस के दौरान हिंदू भक्तों को जूस पिलाते हुए)

रामनवमी के दौरान हिंदुओं को जूस पिलाते मुस्लिमों का वीडियो

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ANI)

इसके अलावा, हमें ANI के ही ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर 13 अप्रैल 2019 का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें वायरल विजुअल और मस्जिद देखे जा सकते हैं.

ये ट्वीट 13 अप्रैल 2019 को किया गया था

(फोटो: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

ट्वीट के कैप्शन के मुताबिक, कलबुर्गी में रामनवमी के दौरान जुलूस में शामिल लोगों को मुस्लिमों ने जूस पिलाया.

मतलब साफ है कि कलबुर्गी का 2 साल पुराना वीडियो हाल में हुई अमरावती में हिंसा से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

क्या हुआ था अमरावती में?

बीते दिनों अमरावती में त्रिपुरा हिंसा के खिलाफ मोर्चा निकाला गया था, जिसके बाद हालात बिगड़ गए और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं और पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा. अमरावती में मामला तनावपूर्ण होने की वजह से कर्फ्यू भी लागू कर दिया गया है.

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