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अफगानिस्तान संकट- दिल्ली से काबुल एक ‘बदकिस्मत’ उड़ान की कहानी

एयर इंडिया की एक फ्लाइट 15 अगस्त को 40 यात्रियों के साथ काबुल पहुंची

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<div class="paragraphs"><p>दिल्ली से काबुल उड़ान की कहानी</p></div>
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दिल्ली से काबुल उड़ान की कहानी

(फोटो-द क्विंट)

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जब एयर इंडिया की एक फ्लाइट 15 अगस्त की दोपहर दिल्ली से 40 यात्रियों को लेकर अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर पहुंची, तो Air Traffic Control ने इसे लैंडिंग के लिए मंजूरी दे दी. मौसम बेहद गर्म था और तेज धूप के साथ तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था.

फ्लाइट से काबुल पहुंचे छः लोगों के ग्रुप को थोड़ा भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि जमीन पर चीजें कितनी तेजी से बदल रही हैं. अफगानिस्तान में सरकार गिरने के बाद तालिबानी आतंकियों ने काबुल पर कब्जा करना शुरू कर दिया था, जिससे देश में 20 सालों के बाद अमेरिकी सेना बल देश को छोड़कर जा रहे थे. जब पायलट ने लैंडिंग की तैयारी की तो Air Traffic Controllers ने बिना कोई कारण बताए हवा में ही होल्ड करने को कहा.

90 मिनट तक हवा में चक्कर लगाती रही फ्लाइट

Airlines के सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद 16000 फीट (5000 मीटर) की ऊंचाई पर फ्लाइट अगले करीब 90 मिनट तक हवा में ही चक्कर लगाती रहती है. लैंडिंग में देरी की आशंका इस बात को लेकर लगाई लगाई जा रही थी कि काबुल के आस-पास की ऊंचाई पर कभी-कभी Air Communication खराब हो जाता है. फ्लाइट लगातार अतिरिक्त फ्यूल लेती जा रही थी.

पायलटों का कहना था कि काबुल एयरपोर्ट के आस-पास Air activity अक्सर व्यस्त रहती है. साल के इस सीजन के दौरान हवाओं की रफ्तार बढ़ जाती है जिससे चुनौती और ज्यादा बढ़ जाती है.

उसी वक्त दो अन्य विदेशी जहाज काबुल के ऊपर चक्कर लगा रहे थे और लैंड करने के लिए Clearance का इंतजार कर रहे थे. आखिरकार, कैप्टन आदित्य चोपड़ा द्वारा कमांड की जाने वाली 160-Seater फ्लाइट Air India Airbus 320 काबुल के समय के अनुसार 15:30 पर उतरी.

आमतौर पर दिल्ली से काबुल के लिए उड़ान भरने में 105 से 120 मिनट का समय लगता है लेकिन रविवार को इस सफर में साढ़े तीन घंटे का समय लगा था.

फ्लाइट में सवार कुछ यात्रियों ने बताया कि वो वहां पर पसरे सन्नाटे को भांपने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि हो क्या रहा है.

Runway पर Soldiers चलते दिखाई दे रहे थे. हवाई उड़ानों की भी आवाजें आ रही थी. C-17 Globemaster Military Transport Aircraft और Chinook Helicopters इधर-उधर उड़ रहे थे.

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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक Air India Flight में सवार Passenger ने बताया कि एयरपोर्ट के कर्मचारी अपने बचाव की कोशिश में थे और एक भीड़ एयरपोर्ट पर आना चाह रही थी.

फ्लाइट की लैंडिंग होने का बाद काबुल के प्रोटोकाल के अनुसार क्रू मेंबर्स Cockpit में ही रहे.

Tarmac पर डेढ़ घंटे से ज्यादा इंतजार करने के बाद Air India Flight ने 129 यात्रियों को लेकर उड़ान भरी. इन यात्रियों में कुछ अफगान अधिकारी, दो सांसद और पूर्व राष्ट्रपति के एक वरिष्ठ सलाहकार शामिल थे. कई अन्य यात्री फ्लाइट नहीं पकड़ सके क्योंकि संभवतः वे काबुल में ट्रैफिक जाम में फंस गए थे.

उनमें से एक यात्री ने कहा कि मैंने कभी किसी देश के नागिरकों की ऐसी दुर्दशा नहीं देखी थी. लोग अपने देश को छोड़ने के बेताब थे. जब वो फ्लाइट पर चढ़े तो उनकी आंखों में वो हताशा देखी जा सकती थी.

फ्लाइट में सवारी कर रहे अधिकांश यात्री अफगानी थे, जो अपने देश से भाग रहे थे. कई भारतीय भी थे जो अपने देश लौट रहे थे.

सामने आया काबुल एयरपोर्ट पर भीड़ का वीडियो

शाम तक काबुल एयरपोर्ट पर विदेशी फ्लाइट पकड़ने के लिए अफगानों की एक बेताब भीड़ थी. एयरपोर्ट पर पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की भीड़-भाड़ भरे वीडियो सामने आए. कई प्रमुख एयरलाइंस अफगानिस्तान के ऊपर से उड़ान भरने से बचने के लिए अपने Route बदल रही थीं. सोमवार की सुबह भी काबुल में एयर इंडिया की फ्लाइट के लिए यात्रियों की भीड़ का वीडियो सामने आया.

1999 में एक Indian Airlines (जिसका बाद में Air India के साथ विलय हो गया) के एक जेट को 180 लोगों के साथ काठमांडू से दिल्ली के रास्ते में हाईजैक कर लिया गया था. इसे अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया, उसके बाद अपहरकर्ताओं ने कश्मीर में लड़ रहे आतंकवादियों की रिहाई की मांग की. भारत ने यात्रियों के बदले में तीन कश्मीरी आतंकवादियों को रिहा किया, पांच हथियारबंद अपहरणकर्ताओं में से कोई भी पकड़ा नहीं गया था.

युद्ध समाप्त होने के बाद से Air India काबुल के लिए नियमित उड़ानें शुरू करेगी, लेकिन अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. एक Spokesperson ने कहा कि सोमवार दोपहर को काबुल के लिए एक कॉमर्शियल फ्लाइट निर्धारित थी, लेकिन अगर एयरस्पेस बंद रहेगा तो हम ऑपरेट की स्थिति में नहीं रहेंगे.

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Published: 16 Aug 2021,04:23 PM IST

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