Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान में 'बगावत', 2022 में सैकड़ों हमलों से फट पड़े पश्तून

आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान में 'बगावत', 2022 में सैकड़ों हमलों से फट पड़े पश्तून

Pakistan Terrorism Rise: 2022 में पाकिस्तान में कुल 376 हमले हुए, जिनमें से 64 फीसदी केवल खैबर पख्तूनख्वा हुए हैं.

मोहम्मद साकिब मज़ीद
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान में 'बगावत', 2022 में सैकड़ों हमलों से फट पड़े पश्तून</p></div>
i

आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान में 'बगावत', 2022 में सैकड़ों हमलों से फट पड़े पश्तून

(Photo: Altered by Quint)

advertisement

पाकिस्तान (Pakistan) में पिछले कुछ महीनों से आतंकी हमले बेतहाशा बढ़े हैं. देश में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबन पाकिस्तान (TTP) और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठनों ने देश भर में कई हमलों को अंजाम दिया है. बलूचिस्तान में विद्रोहियों ने भी अपनी हिंसक गतिविधियों को तेज कर दिया है. खैबर पख्तूनख्वा पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग में हुई हाईजैक की घटना और इस्लामाबाद में आत्मघाती बम विस्फोट की कोशिश ने न केवल सत्ता के गलियारों में उथल-पुथल मचा दी बल्कि कई देशों को अपने नागरिकों की सुरक्षा के बारे में परेशान कर दिया. अब देश में आतंकवाद के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर रहे हैं.

अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब ने एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों से पाकिस्तान में आने-जाने पर पाबंदी लगाने और गैर-जरूरी यात्राओं से बचने को कहा है.

आतंकवाद के खिलाफ हजारों नागरिक सड़कों पर

पाकिस्तान के दक्षिण वजीरिस्तान के वाना में हजारों लोग आतंकवाद की मौजूदा स्थिति के खिलाफ शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए और इलाके में शांति की तत्काल बहाली की मांग की. पिछले दिनों पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक माना जाता है कि अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के नेताओं द्वारा इसकी योजना बनाई गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक टीटीपी ने पिछले साल 100 से अधिक हमलों को अंजाम दिया, जिनमें से ज्यादातर हमले अगस्त के बाद हुए, जब इस ग्रुप की पाकिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता डगमगा गई. टीटीपी ने 28 नवंबर 2022 को औपचारिक रूप से युद्धविराम खत्म करने का ऐलान कर दिया था.

5 जनवरी को सुरक्षा बलों ने दक्षिण वजीरिस्तान में एक छापे में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के एक प्रमुख कमांडर सहित 11 आतंकवादियों को मार गिराया.

खैबर पख्तूनख्वा के नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर मांग की है कि सरकार को आतंकवाद खत्म करने के लिए और कोशिश करनी चाहिए. गुरुवार को बाजौर जिले में भी हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे.

प्रदर्शन में लीडर, सोशल वर्कर, बिजनेसमैन और युवाओं की आवाज

पाकिस्तान के वाना में शुक्रवार को आयोजित शांति मार्च में राजनीतिक कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, व्यापारियों और युवाओं सहित हर तरह के लोगों ने भाग लिया. सफेद झंडे और तख्तियां लिए प्रतिभागियों ने आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए.

पीपीपी, पीटीएम, पीएमएल-एन और एडब्ल्यूपी के नेताओं ने रैली को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सरकार इन इलाकों में सुरक्षा स्थापित करने के लिए जिम्मेदार है, इस बात पर जोर देते हुए कि आतंकवाद किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है.

रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवाद के विरोध हो रहे प्रदर्शन में आए वक्ताओं ने कहा कि वाना में सुरक्षा कर्मियों पर हमलों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि आम नागरिकों को जबरन वसूली के लिए अगवा किया जा रहा है.

DAWN की रिपोर्ट के मुताबिक अवामी नेशनल पार्टी के नेता अयाज वजीर ने कहा कि नेताओं से लेकर व्यापारियों, आदिवासी नेताओं और ठेकेदारों तक कोई भी वाना में महफूज नहीं है. आज, हजारों लोग शांति की मांग के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. जब तक सरकार शांति की गारंटी नहीं देती, हम चुप नहीं बैठेंगे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

"बलि का बकरा बनने से इनकार कर रहे लोग"

उत्तरी वजीरिस्तान के सांसद मोहसिन डावर ने अपने ट्वीट में लिखा कि वाना के लोगों ने इलाके पर थोपे जा रहे नए खेल में तोप के चारे और बलि के बकरे के रूप में इस्तेमाल किए जाने से इनकार कर दिया है.

2022 के दिसंबर में सबसे ज्यादा आतंकी हमले

पिछले साल का दिसंबर पाकिस्तान के लिए बेहद खतरनाक साबिह हुआ है. देश में 2022 के दौरान 376 आतंकवादी हमले हुए, जिसके परिणामस्वरूप खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हताहतों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है.

सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में हुए ज्यादातर हमलों की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है.

नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाने वाले इन आतंकवादी हमलों में ज्यादातर पाकिस्तान-अफगान सीमा क्षेत्रों में बमों और आत्मघाती हमलों के जरिए घात लगाना शामिल था.

खैबर पख्तूनख्वा में सबसे ज्यादा (64%) मौतें

रिपोर्ट में कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा में घात लगाकर किए जाने वाले हमलों में बढ़ोतरी हुई है. इन हमलों में मृत्यु दर काफी ज्यादा रही है. हिंसा के सबसे ज्यादा शिकार नागरिक, सरकारी अधिकारी और सुरक्षाकर्मी थे. मारे गए नागरिकों में कुछ विदेशी भी थे.

सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) ने कहा कि 28 नवंबर के बाद खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी हिंसा का नया दौर शुरू हुआ, जिसमें अकेले दिसंबर के महीने में दो दर्जन से अधिक हमले किए गए.

खैबर पख्तूनख्वा में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं, जो पाकिस्तान में हुई मौतों का 64 प्रतिशत है. इसके बाद दूसरे नंबर पर बलूचिस्तान है, जहां आतंकी हमलों से संबंधित 26 फीसदी मौतें रिपोर्ट की गई हैं.
CRSS रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर आतंकवादी हिंसा पूर्वी अफगानिस्तान से उत्पन्न हुई. अधिकारियों ने बताया है कि टीटीपी से संबंधित इस तरह की एक्टिविटीज अफगानिस्तान से संचालित हो रही हैं.

CRSS रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर आतंकवादी हमले बन्नू, वजीरिस्तान, बाजौर और कुर्रम जिलों में केंद्रित थे. ये जिले कुनार, नांगरहार, पक्तिया, पक्तिका के अफगान प्रांतों से सीधे सटे हुए हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT