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Darya Dugina Killing: रूसी जासूसों पर भारी पड़ी एक अकेली यूक्रेनी महिला जासूस?

20 अगस्त की शाम रूस की राजधानी मॉस्को में पुतिन के करीबी अलेक्जेंडर डूगिन की बेटी डारया डुगिना की हत्या कर दी गई.

अज़हर अंसार
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>Who Killed Darya Dugina: रूसी जासूसों पर भारी पड़ी एक अकेली यूक्रेनी महिला जासूस?</p></div>
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Who Killed Darya Dugina: रूसी जासूसों पर भारी पड़ी एक अकेली यूक्रेनी महिला जासूस?

फोटो: Altered By Quint Hindi

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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध(Russia-Ukraine War) चल रहा है. जाहिर है रूस यूक्रेन से काफी ताकतवर है. लेकिन इस बीच 'कमजोर' यूक्रेन से कोई 'सुपरपावर' रूस में घुसता है. रूस की सत्ता के केंद्र मास्को में एक बड़ी शख्सियत की हत्या(Darya Dugina Assassination) करता है और बड़े आराम से रूस से निकल भी जाता है. हत्याकांड के पीछे रूस की पूरी थ्योरी सुनेंगे तो और भी अचरज होगा. क्योंकि रूस के मुताबिक डारया डूगिना नाम की महिला को एक यूक्रेनी महिला ने मारा है. वो अपनी बेटी के साथ रूस में घुसी. करीब दो महीने से डारया का पीछा कर रही थी.

डारिया के अपार्टमेंट के पास ही रही और जिस कार्यक्रम के बाद डूगिना की हत्या हुई उसमें वो भी गई थी. पूरी कहानी किसी हॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं है.

रूस इसलिए बौखलाया हुआ है क्योंकि मारी तो गई डारिया लेकिन निशाने पर थे राष्ट्रपति पुतिन के सबसे खास लोगों में से एक अलेक्जेंडर डूगिन(Alexander Dugin) 20 अगस्त को डारया डूगिना अपने पिता अलेक्जेंडर डूगिन के साथ कला और साहित्य से जुड़े एक कार्यक्रम में गई थी. दोनों को साथ निकलना था लेकिन आखिरी वक्त में अलेक्जेंडर रुक गए और डूगिना को अपनी कार में भेज दिया. डूगिना घर पहुंचती इससे पहले ही उसकी कार में एक धमाका हुआ और कार के साथ उसके भी परखच्चे उड़ गए.

कौन हैं अलेक्जेंडर डूगिन?

अलेक्जेंडर डूगिन का जन्म 1962 में हुआ था. उनके पिता सोवियत संघ की सेना में अधिकारी थे. डूगिन सोवियत संघ के विघटन के बाद चर्चा में आए थे. उन्होंने अपने कई लेखों में आने वाले समय में रूस कैसा होगा इसकी कल्पना की है. उनका दावा है कि रूस ही इकलौता देश है, जो पश्चिमी देशों को टक्कर दे सकता है. डूगिन 30 से अधिक किताबें लिख चुके हैं और रूस के जाने माने विचारक हैं. वो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आक्रामक रवैये का प्रचार भी करते हैं और समर्थन भी.

डूगिन ने 2014 में बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई को कोई नहीं रोक सकता. ये होना ही है. ये भी कहा था कि रूस को मॉरल अथॉरिटी बचाए रखने के लिए यूक्रेन पर हमला कर देना चाहिए. और जब फरवरी 2022 में पुतिन ने यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया तो इन्होंने उसका खूब समर्थन भी किया और इनकी बेटी ने भी.

वैसे तो अलेक्जेंडर डूगिन को रूसी सरकार में किसी भी तरह का कोई अधिकारिक पद नहीं मिला हुआ है. लेकिन डूगिन पुतिन के बेहद करीबी माने जाते हैं. उन्हें Putin’s Brain यानी पुतिन का दिमाग कहा जाता है.

जानकार कहते हैं अगर आप पुतिन के अगले कदम का अंदाजा लगाना चाहते हैं तो डूगिन क्या लिख रहे हैं इस पर नजर रखिए. डूगिन को पुतिन के रास्पुतिन के तौर पर भी पेश किया जाता है. रास्पुतिन रूस के आखिरी सम्राट निकोलस द्वितीय का आध्यात्मिक गुरु था. कहते हैं कि उसके इशारे के बगैर रूस में पत्ता भी नहीं हिलता था.

सवाल ये है कि अगर डूगिन इतने अहम शख्स थे, तो रूस उनकी सुरक्षा में इतनी बड़ी कोताही कैसे बरत रहा है कि दुश्मन देश से एक महिला आकर डूगिन की बेटी की हत्या कर फरार हो गई? रूस की खूफिया एजेंसी FSB की कहानी रोमांचक तो है लेकिन अविश्वसनीय भी है.

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रूस की खूफिया एजेंसी FSB ने क्या कहानी बताई

FSB ने डारया डूगिना की हत्या के पीछे यूक्रेन की स्पेशल सर्विसेज का हाथ बताया है उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने एक महिला जासूस को डारया की हत्या करने के लिए जुलाई में रूस भेजा था. इस महिला का नाम है नताल्या वोव्क. जो जुलाई में अपनी बेटी के साथ रूस में इंटर हुई थी. FSB ने इसका वीडियो भी जारी किया और नताल्या के अलग-अलग जगह के वीडियोज भी.

FSB के मुताबिक नताल्या ने मोस्को में आकर डारया के घर के पास ही एक अपार्टमेंट किराए पर लिया और डारया पर कई हफ्तों तक नजर रखी. 20 अगस्त की शाम जिस इवेंट के बाद डारया की हत्या हुई, उसमें नताल्या भी शामिल हुई थी. और उसी ने कार में 800 ग्राम का विस्फोटक डिवाइस सेट किया था. जिसे कुछ देर बाद एक रिमोट के जरिए डेटोनेट किया गया.

डारया की हत्या के बाद नताल्या सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हुए मास्को से पस्कोव शहर निकल गई और वहां से यूरोप के देश एस्टोनिया में घुस गई जो NATO का सदस्य है.

FSB ने ये भी बताया कि नताल्या ने मोस्को से निकलने के बाद कई बार अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट को बदला, पहले कझाक में, फिर दोनेतस्क में और फिर पस्कोव में. और जब वो सीमा पर पहुंची तो उसने अपनी यूक्रेनी पहचान का इस्तेमाल किया और एस्टोनिया में एक शरणार्थी के रूप में घुस गई.

रूस के अधिकारियों ने कहा कि डारया की कातिल, यूक्रेनी नागरिक नताल्या को वांटेड लिस्ट में डाला जाएगा और उसे अपनी सजा भुगतने के लिए जरूर वापस लौटना होगा.

हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस की, या FSB की इस पड़ताल को एक काल्पनिक कहानी बताया. उन्होंने कहा कि हमारा इस हमले में कोई हाथ नहीं है. यूक्रेन रूस की तरह कोई क्रिमिनल स्टेट नहीं है. हम इस तरह के अपराधों में शामिल नहीं होते.

डारया डूगिना की हत्या को लेकर अन्य मत

रूस इस हत्याकांड के लिए यूक्रेन पर उंगली उठा रहा है तो रूस के ही कुछ लोग खुद रूसियों को ही हत्याकांड का जिम्मेदार मानते हैं

रूसी इतिहासकार डॉ यूरी फेलशिंस्की का कहना है कि हमला जिस तरह हुआ उसे देखकर लगता है कि मानो इसे रूसी एजेंसी के ही सदस्य ने कराया है. इस थ्योरी को मानने वाले कहते हैं कि रूस के सिक्योरिटी एजेंट पुतिन को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं. लिहाजा जासूसी एजेंसी के लोगों ने ही डुगिन की कार में बम लगाया होगा.

एक तीसरी थ्योरी भी है- द गार्जियन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रूस के एक पूर्व सांसद इल्या पोनोमारेव (Ilya Ponomarev) जिन्हें सरकार विरोधी गतिविधियों के आरोप के बाद संसद से बर्खास्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि डारया की हत्या के पीछे एक अंडरग्राउंड समूह ‘नेशनल रिपब्लिकन आर्मी’ का हाथ है. जो पुतिन को सत्ता से बेदखल करना चाहता है.

सच क्या है ये हम नहीं जानते हैं, लेकिन अगर तीनों में से कोई भी थ्योरी सही है तो सवाल उठता है कि क्या पूरी दुनिया में जासूसी के लिए बदनाम रूस का खुफिया तंत्र इतना खोखला हो चुका है कि अपने ही देश में चल रही इस बड़ी साजिश का पता नहीं लगा पाया? हत्यारा बाहर देश से आया था. कम से कम 'पुतिन के दिमाग' पर हमले की साजिश का सुराग तो उसे होना ही चाहिए था?

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