रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध(Russia Ukraine War) को 2 महीने होने जा रहे हैं. रूस(Russia) ने 24 फरवरी को यूक्रेन(Ukraine) पर हमला किया था. आज 57 दिन हो चुके हैं. इन दिनों में रूस के जरिए यूक्रेन पर हमलों ने यूक्रेनी नागरिकों को तबाही, मौत और पलायन का दर्द दिखाया.
यूक्रेन ने सड़कों पर शव, सामूहिक कब्रें, वीरान बनते शहर के शहर और खंडहर होती अपने कई इमारतों की भयावह तस्वीरें देखी. रूस के हमलों से पूरा यूक्रेन दहल चुका है. राजधानी कीव अभी किसी तरह खड़ी हुई है, लेकिन कब क्या हो जाए खतरा बना रहता है. मायकोलीव शहर की प्रशासनिक इमारत पर मिसाइलों से हमले किए गए.
20 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार हाई कमीश्नर के जरिए जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन में अब तक 2224 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 2897 लोग घायल हुए हैं. मरने वालो में 70 बच्चे और 383 महिलाएं शामिल हैं.
पलायन को मजबूर शहर के शहर
रूसी हमलों से तबाह हुए यूक्रेन के कई शहरों से नागरिक पलायन करने को मजबूर हैं. रूसी हमलों ने मारियुपोल, इर्पिन, बूचा और मायकोलीव जैसे यूक्रेन के प्रमुख शहरों में खतरनाक तबाही मचाई है. यूक्रेन के नागरिक अपना शहर, अपना वतन छोड़ पलायन करने को मजबूर हैं.
संयुक्त राष्ट्र की रिफ्यूजी एजेंसी के मुताबिक यूक्रेन में अब तक 49 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. ये संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है.
तबाह होता यूक्रेन और खामोश खड़ी ‘आधुनिक’ दुनिया
अपने आपको को शांति प्रिय आधुनिक और तरक्की पसंद कहने वाली दुनिया आज यूक्रेन में मची तबाही को चुपचाप देख रही है.
आने वाली पीढ़ियां इस बात को जरूर पूछेंगी कि क्या 21वीं सदी में एक शख्स ने अपने दंभ के आगे मानवता को इस तरह से कुचला था और लोकतंत्र के झंडाबरदार देशों ने ऐसा होने दिया था?
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