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Russia-Ukraine War का आधिकारिक ऐलान कर सकते हैं पुतिन, ऐसा हुआ तो क्या बदलेगा?

9 मई 2022 को रूस आधिकारिक तौर पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर सकता है. आखिर 9 मई को ऐसा क्या खास है?

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यूक्रेन पर रूसी हमलों को शुरू हुए 74 दिन हो चुके हैं. लेकिन ध्यान देने की बात है कि पुतिन सरकार ने यूक्रेन के खिलाफ इन हमलों को ‘युद्ध’ नहीं 'विशेष सैन्य अभियान' का नाम दिया है. पश्चिमी देशों ने चेतावनी दी है कि 9 मई 2022 को रूस आधिकारिक तौर पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध (Russia-Ukraine War) की घोषणा कर सकता है.

कई एक्सपर्ट्स ने भी यह आशंका व्यक्त की है कि रूस 9 मई के मौके का उपयोग आधिकारिक तौर पर युद्ध की घोषणा के लिए कर सकता है. ऐसे में कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब जरूरी हो जाता है-

  • 9 मई में ऐसा क्या खास है?

  • रूसी राष्ट्रपति पुतिन आखिर 9 मई को ही क्यों चुन सकते हैं?

  • रूस ने अबतक आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा क्यों नहीं की?

  • अगर रूस ने आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा की तो क्या बदलेगा?

Russia-Ukraine War का आधिकारिक ऐलान कर सकते हैं पुतिन, ऐसा हुआ तो क्या बदलेगा?

  1. 1. 9 मई को ऐसा क्या खास है?

    9 मई को रूस में विजय दिवस के रूप में जाना जाता है. 1945 में इसी दिन नाजी जर्मनी ने औपचारिक तौर पर अपना आत्मसमर्पण किया था.

    वैसे तो रूस में विजय दिवस का समारोह 1960 के दशक से मनाया जाता है लेकिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मौके को अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए भुनाते रहे हैं.
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  2. 2. रूसी राष्ट्रपति पुतिन आखिर 9 मई को ही क्यों चुन सकते हैं?

    अब सवाल है कि यूक्रेन पर हमला शुरू होने के 2 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने पर व्लादिमीर पुतिन आखिर 9 मई के दिन को ही युद्ध की आधिकारिक घोषणा के लिए क्यों चुन सकते हैं. इसका एक प्रमुख कारण यह है कि पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ इस युद्ध को रूसी सेना और जनता के सामने नाजियों के खिलाफ युद्ध के रूप में परोसा है. पुतिन तर्क देते रहे हैं कि यूक्रेन को ‘नाजी’ चलाते हैं.

    दूसरी ओर अमेरिकी अधिकारियों का मानना ​​​​है कि पुतिन 2022 में यूक्रेन में जीत की घोषणा करके विजय दिवस मनाना चाहते थे. यूक्रेनी खुफिया विभाग को उम्मीद है कि रूस पूर्वी यूक्रेनी शहर मारियुपोल पर कब्जे को 9 मई के विजय दिवस समारोह के हिस्से के रूप में प्रदर्शित कर सकता है.
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  3. 3. रूस ने अबतक आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा क्यों नहीं की?

    युद्ध की आधिकारिक रूप घोषणा करना यह साबित करता है उस देश का कानूनी रूप से स्टैंड युद्ध का था. आज तक के इतिहास में कुछ ही देशों ने कानूनी रूप से युद्ध की घोषणा की है.

    उदाहरण के लिए वैसे तो अमेरिका ने 1816 से अबतक 13 युद्ध लड़े हैं, लेकिन वहां की संसद ने उनमें से केवल चार संघर्षों को ही आधिकारिक रूप से युद्ध बताया है.

    देश आमतौर पर कई कारणों से युद्ध की आधिकारिक घोषणा करने से बचते हैं. इस बात की कम भी संभावना होती है कि देश की जनता किसी संघर्ष का समर्थन उस स्थिति में करना जारी रखेगी अगर वह महंगा साबित हो रहा हो या इसके कारण सैनिकों और आम नागरिकों की मौत हो.

    दूसरी तरफ अगर देश की सरकार आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा न करके किसी दुश्मन देश के साथ संघर्ष को सीमित रूप में दिखाती है तो आम लोगों द्वारा इसका समर्थन करने की अधिक संभावना होती है.

    रूस अगर आधिकारिक रूप से युद्ध की स्थिति को स्वीकार करता है तो वह अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय जांच को न्योता दे सकता है. कुछ अंतरराष्ट्रीय संधियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने यह परिभाषित करने की कोशिश की है कि कोई युद्ध कब वैध है और कब अवैध है.

    अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार एक संप्रभु देश के खिलाफ युद्ध एक देश द्वारा किए जाने वाले सबसे बड़े अपराधों में से एक है. UN चार्टर और इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट दोनों ही युद्धों को गैरकानूनी घोषित करने का प्रयास करते हैं.

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  4. 4. अगर रूस ने आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा की तो क्या बदलेगा?

    अगर यूक्रेन में संघर्ष को ‘विशेष सैन्य अभियान’ की जगह पुतिन इसको आधिकारिक रूप से युद्ध बता देते हैं तो, इसका मतलब यह होगा कि पुतिन अपनी सेना में भर्ती को बढ़ाने के लिए अपनी संसद में ड्राफ्ट पेश कर सकते हैं.

    रूस इस समय बड़ी संख्या में सैनिकों की मौत के कारण सैन्य बलों की गंभीर कमी का सामना कर रहा है. रिपोर्टों के अनुसार अप्रैल की शुरुआत तक ही अनुमानित रूप से रूस के 7,000 से 15,000 सैनिकों की मारे जाने की खबर थी.

    रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए अभी तीन महीने भी नहीं हुए हैं और रूस ने 1979 में शुरू हुए 10 साल के अफगानिस्तान युद्ध की तुलना में अधिक सैनिकों को खो दिया है.

    युद्ध की आधिकारिक घोषणा रूस को एक लंबी लड़ाई लड़ने के लिए सैन्य बलों को जुटाने की अनुमति देगी, जिसे पुतिन ने समझा था कि वह अब तक जीत जाएंगे. युद्ध की आधिकारिक घोषणा से पुतिन को पहले से ही महंगे युद्ध को और लम्बा खींचने में मदद मिलेगी.

    (क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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9 मई को ऐसा क्या खास है?

9 मई को रूस में विजय दिवस के रूप में जाना जाता है. 1945 में इसी दिन नाजी जर्मनी ने औपचारिक तौर पर अपना आत्मसमर्पण किया था.

वैसे तो रूस में विजय दिवस का समारोह 1960 के दशक से मनाया जाता है लेकिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मौके को अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए भुनाते रहे हैं.
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रूसी राष्ट्रपति पुतिन आखिर 9 मई को ही क्यों चुन सकते हैं?

अब सवाल है कि यूक्रेन पर हमला शुरू होने के 2 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने पर व्लादिमीर पुतिन आखिर 9 मई के दिन को ही युद्ध की आधिकारिक घोषणा के लिए क्यों चुन सकते हैं. इसका एक प्रमुख कारण यह है कि पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ इस युद्ध को रूसी सेना और जनता के सामने नाजियों के खिलाफ युद्ध के रूप में परोसा है. पुतिन तर्क देते रहे हैं कि यूक्रेन को ‘नाजी’ चलाते हैं.

दूसरी ओर अमेरिकी अधिकारियों का मानना ​​​​है कि पुतिन 2022 में यूक्रेन में जीत की घोषणा करके विजय दिवस मनाना चाहते थे. यूक्रेनी खुफिया विभाग को उम्मीद है कि रूस पूर्वी यूक्रेनी शहर मारियुपोल पर कब्जे को 9 मई के विजय दिवस समारोह के हिस्से के रूप में प्रदर्शित कर सकता है.

रूस ने अबतक आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा क्यों नहीं की?

युद्ध की आधिकारिक रूप घोषणा करना यह साबित करता है उस देश का कानूनी रूप से स्टैंड युद्ध का था. आज तक के इतिहास में कुछ ही देशों ने कानूनी रूप से युद्ध की घोषणा की है.

उदाहरण के लिए वैसे तो अमेरिका ने 1816 से अबतक 13 युद्ध लड़े हैं, लेकिन वहां की संसद ने उनमें से केवल चार संघर्षों को ही आधिकारिक रूप से युद्ध बताया है.

देश आमतौर पर कई कारणों से युद्ध की आधिकारिक घोषणा करने से बचते हैं. इस बात की कम भी संभावना होती है कि देश की जनता किसी संघर्ष का समर्थन उस स्थिति में करना जारी रखेगी अगर वह महंगा साबित हो रहा हो या इसके कारण सैनिकों और आम नागरिकों की मौत हो.

दूसरी तरफ अगर देश की सरकार आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा न करके किसी दुश्मन देश के साथ संघर्ष को सीमित रूप में दिखाती है तो आम लोगों द्वारा इसका समर्थन करने की अधिक संभावना होती है.

रूस अगर आधिकारिक रूप से युद्ध की स्थिति को स्वीकार करता है तो वह अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय जांच को न्योता दे सकता है. कुछ अंतरराष्ट्रीय संधियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने यह परिभाषित करने की कोशिश की है कि कोई युद्ध कब वैध है और कब अवैध है.

अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार एक संप्रभु देश के खिलाफ युद्ध एक देश द्वारा किए जाने वाले सबसे बड़े अपराधों में से एक है. UN चार्टर और इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट दोनों ही युद्धों को गैरकानूनी घोषित करने का प्रयास करते हैं.

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अगर रूस ने आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा की तो क्या बदलेगा?

अगर यूक्रेन में संघर्ष को ‘विशेष सैन्य अभियान’ की जगह पुतिन इसको आधिकारिक रूप से युद्ध बता देते हैं तो, इसका मतलब यह होगा कि पुतिन अपनी सेना में भर्ती को बढ़ाने के लिए अपनी संसद में ड्राफ्ट पेश कर सकते हैं.

रूस इस समय बड़ी संख्या में सैनिकों की मौत के कारण सैन्य बलों की गंभीर कमी का सामना कर रहा है. रिपोर्टों के अनुसार अप्रैल की शुरुआत तक ही अनुमानित रूप से रूस के 7,000 से 15,000 सैनिकों की मारे जाने की खबर थी.

रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए अभी तीन महीने भी नहीं हुए हैं और रूस ने 1979 में शुरू हुए 10 साल के अफगानिस्तान युद्ध की तुलना में अधिक सैनिकों को खो दिया है.

युद्ध की आधिकारिक घोषणा रूस को एक लंबी लड़ाई लड़ने के लिए सैन्य बलों को जुटाने की अनुमति देगी, जिसे पुतिन ने समझा था कि वह अब तक जीत जाएंगे. युद्ध की आधिकारिक घोषणा से पुतिन को पहले से ही महंगे युद्ध को और लम्बा खींचने में मदद मिलेगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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