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रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine War) की जंग का आज दसवां दिन है लेकिन यह युद्ध कब रुकेगा, इसे लेकर अभी कोई ऐसा उम्मीद नजर आ रही है. अब भी बड़ी संख्या में अंतर्राष्ट्रीय समेत भारतीय छात्र वहां फंसे हुए हैं और बमबारी में आम लोग मारे जा रहे हैं.
इस बीच जंग को लेकर कई अपडेट्स आ रहे हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री ने मॉस्को जा कर रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की और यूक्रेन संकट पर चर्चा की. दिनभर में ऐसे कौन से बड़े अपडेट्स हैं, यहां पढ़िए.
रॉयटर की रिपोर्ट के अनुसार, इस जंग के बीच यूक्रेन संकट पर चर्चा करने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने शनिवार को मास्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. इजरायल ने पहले भी संघर्ष में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी लेकिन अधिकारियों ने सफलता की उम्मीदों को कम कर दिया.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेटरों के साथ लगभग एक घंटे का वीडियो कॉल किया. इस कॉल में उन्होंने रूस के आक्रमण से अपने देश की रक्षा के लिए और अधिक समर्थन की मांग की.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र निगरानी मिशन ने एक बयान में कहा कि 10 दिन पहले शुरू रूस के आक्रमण में अबतक यूक्रेन में मारे गए नागरिकों की संख्या कम से कम 351 तक पहुंच गई है, जबकि 707 घायल हो गए हैं. असल आंकड़े इससे ज्यादा हो सकते हैें.
वोल्नोवाखा और मारियुपोल शहरों में आंशिक युद्धविराम को लेकर वार्ता जारी है जबकि यूक्रेन ने रूस पर नागरिकों के रेस्क्यू की अनुमति देने के बावजूद हमले जारी रखने का आरोप लगाया है.
यूक्रेन ने कहा है कि शहरों पर हमले शनिवार को भी जारी रहे, जिसका अर्थ है कि नागरिकों के रेस्क्यू को रोकना पड़ा.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि हफ्तेभर में रूसी आक्रमण की वजह देश से भागने वाले शरणार्थियों की संख्या 15 लाख तक पहुंच सकती है. यह आंकड़ा फिलहाल 1.3 मिलियन से ऊपर है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि NATO ने नो-फ्लाई जोन से इनकार करके यूक्रेन पर और बमबारी के लिए ग्रीन सिगनल दिया है. जेलेंस्की ने कहा, "जो लोग अब से मरेंगे, वे भी आपकी वजह से, आपकी कमजोरी के कारण, आपकी एकता की कमी के कारण मरेंगे."
NATO ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि नो-फ्लाई जोन लगाने से यूरोप में परमाणु हथियारों से लैस रूस के साथ पूर्ण युद्ध छिड़ सकता है. NATO प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, "नो फ्लाई जोन को लागू करने का एकमात्र तरीका यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में नेटो लड़ाकू विमानों को भेजना है, और फिर रूसी विमानों को मारकर उस नो-फ्लाई जोन को लागू करना है."
ब्रिटेन ने अपने के नागरिकों से यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के बाद रूस छोड़ने पर विचार करने का आग्रह किया है. ब्रिटेन ने कहा, यदि रूस में आपकी उपस्थिति आवश्यक नहीं है, तो हम आपको सलाह देते हैं कि आप वापस ब्रिटेन लौटने पर विचार करें."
वहीं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस पर पश्चिम देशों द्वारा प्रतिबंध लगाना युद्ध की घोषणा के समान है.
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