“जब तिरंगा ऊपर जा रहा था, मैं आंसू रोक नहीं पाई...”

सिंधु ने अपनी जीत के बाद अपने कोच और फैंस को शुक्रिया कहा

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सिंधु और प्रणीत को ईनाम देगा बैडमिंटन एसोसिएशन
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सिंधु और प्रणीत को ईनाम देगा बैडमिंटन एसोसिएशन
(फोटोः AP)

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“जब तिरंगा ऊपर जा रहा था और राष्ट्रगान चल रहा था तो मैं अपने आंसू रोक नहीं पाई...”

42 साल के इंतजार के बाद भारत को वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाली पीवी सिंधु ने जीत के बाद अपनी भावनाओं का इजहार किया. सिंधु ने रविवार 25 अगस्त को स्विट्जरलैंड के बासेल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर ये खिताब जीता.

अपनी ऐतिहासिक जीत के बाद सिंधु ने सोमवार 26 अगस्त को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने दिल की बात जाहिर की.

सिंधु ने कहा कि इस जीत के लिए वो लंबे समय से तैयारी कर रही थी और अब इसे बयां करने लिए शब्द नहीं हैं.

“वर्ल्ड चैंपियनशिप में कल की जीत पर अपने जज्बातों को शब्दों में बयां नहीं कर सकती. मैं इसके लिए लंबे समय से तैयारी कर रही थी. आखिरकार इंतजार खत्म हुआ.”
पीवी सिंधु

सिंधु की जीत में बड़ा योगदान उनके कोच पुलेला गोपीचंद का भी है, जिन्होंने बचपन से अभी तक सिंधु के खेल को निखारा है. गोपी के अलावा हाल के दिनों में सिंधु ने कोचिंग के लिए साउथ कोरिया की किम जी ह्युन का भी सहारा लिया. किम पूरे टूर्नामेंट के दौरान सिंधु के साथ रहीं.

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सिंधु ने अपनी पोस्ट में अपने दोनों कोच का धन्यवाद दिया और साथ ही फैंस और स्पॉन्सर्स को सपोर्ट के लिए शुक्रिया कहा.

“मेरे माता-पिता, मेरे कोच (गोपी सर और किम) और मेरे ट्रेनर (श्रीकांत वर्मा) के सपोर्ट के बिना ये सब संभव नहीं हो पाता. और सबसे बढ़कर मैं अपने स्पॉन्सर्स और अपने सभी फैंस को धन्यवाद कहना चाहती हूं, जो हमेशा मुझे समर्थन देते रहे. आखिरकार वर्ल्ड चैंपियन 2019.”
पीवी सिंधु

2017 और 2018 के फाइनल की निराशा के बाद सिंधु ने आखिरकार तीसरी कोशिश में अपना पहला खिताब जीत लिया. इस जीत के साथ ही सिंधु ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के तीनों मेडल, गोल्ड-सिल्वर-ब्रॉन्ज अपने नाम कर लिए हैं.

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Published: 26 Aug 2019,07:14 PM IST

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