advertisement
आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका क्रिकेट के दीवानों को लंबे समय से इंतजार था. आईपीएल में रविवार को दो ऐसी टीमों के बीच खिताबी जंग होने होने जा रही है, जो लीग मैचों के बाद प्वाइंट्स टेबल में भी पहले और दूसरे नंबर पर थीं. दोनों टीमों ने अब तक ये खिताब तीन-तीन बार जीता है. दोनों ही टीमों के पास देसी और विदेशी स्टार खिलाड़ियों की भरमार है. दोनों ही टीमों में ऐसे खिलाड़ी हैं, जो मैच को किसी भी मोड़ से पलटने की कुव्वत रखते हैं.
एक तरफ धोनी हैं दूसरी तरफ रोहित शर्मा. रोहित की कप्तानी में बहुत सारी बातें धोनी जैसी ही हैं. जो उन्होंने धोनी से ही सीखी भी हैं. लंबे समय तक वो टीम इंडिया के लिए धोनी की कप्तानी में ही खेले हैं. लिहाजा वो उनकी आदतों को ‘कॉपी’ भी करते हैं.
रोहित शर्मा मैच को आसान बनाकर खेलते हैं. बड़े से बड़े मैच को ज्यादा ‘कॉम्प्लीकेटेड’ नहीं बनाते. आज लड़ाई बड़ी है. आज इस बात का इम्तिहान भी है कि मैदान में अपनी भावनाओं को काबू रखने के मामले में उन्होंने धोनी की कॉपी जरूर की, लेकिन क्या अब वो उनकी बराबरी पर पहुंच गए हैं या कहीं उनसे आगे तो नहीं निकल गए हैं?
बात सिर्फ इस सीजन की ही नहीं है. खिताबी टक्कर के मामले में भी ये दोनों टीमें तीन बार आमने सामने हुई हैं. वहां भी पलड़ा मुंबई का ही भारी है. चेन्नई ने 2010 में पहली बार मुंबई को हराकर ही चैंपियन का खिताब जीता जरूर था, लेकिन तब मुंबई इंडियंस की कप्तानी सचिन तेंदुलकर किया करते थे. इसके बाद अगली बार 2013 में जब मुंबई और चेन्नई की टीमें फाइनल में आमने सामने हुईं तो रोहित शर्मा मुंबई की कमान संभाल चुके थे.
2017 में भी जब मुंबई की टीम ने खिताब जीता था, तब फाइनल में हार और जीत का अंतर सिर्फ एक रन था. जो ये बताने के लिए काफी है कि मैच में आखिरी मिनट तक रोहित शर्मा किस तरह अपनी भावनाओं को काबू में रखते हैं.
2019 का फाइनल शायद दो लिहाज से अलग है, एक तो धोनी की टीम मौजूदा चैंपियन है. दूसरा ये शायद धोनी का आखिरी आईपीएल है. अपनी ‘ ओरिजिनल कैप्टेन कूल’ की छवि को वो भी बरकरार रखना चाहेंगे.
यह भी पढ़ें: ये धोनी की कप्तानी है साहब.. उम्रदराजों को भी जवान बना देती है
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)