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9 करोड़ में बिका एक लैपटॉप, खूबी नहीं खामियों के कारण मिली कीमत

इसे इंटरनेट कनेक्शन से रखा गया है दूर

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टेक और ऑटो
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यही वो लैपटॉप है जिसमें दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस है.
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यही वो लैपटॉप है जिसमें दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस है.
(फोटो: abc.net.au)

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एक लैपटॉप की कीमत कितनी हो सकती है? 15 हजार रुपये से शुरू होकर बहुत ज्यादा तो 10 लाख रुपये. लेकिन अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक लैपटॉप की नीलामी करीब 10 लाख पाउंड, मतलब करीब 9 करोड़ रुपए में हुई है. अब सवाल उठता है कि ऐसा क्या है इस लैपटॉप में, जो इसकी कीमत लग्जरी कारों से भी ज्यादा है?

दरअसल, बिल्कुल साधारण-सा दिखने वाला यह लैपटॉप आम नहीं है, बल्कि सैमसंग कंपनी के इस लैपटॉप में दुनिया के 6 सबसे खतरनाक वायरस हैं. ये लैपटॉप करीब 6.64 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा चुके खतरनाक डिजिटल वायरस से भरा है.

इस लैपटॉप से दुनियाभर के 74 देशों के कंप्यूटर खराब हो चुके हैं. इस Windows XP लैपटॉप को आर्ट वर्क के तौर पर बेचा गया है.

इसमें मौजूद हैं 6 सबसे खतरनाक वायरस

Samsung NC10 लैपटॉप में मौजूद 6 मोस्ट डैंजरस वायरस ने दुनियाभर में करीब 95 अरब डॉलर का नुकसान किया है. इस लैपटॉप में Wanna Cry रैनसमवेयर जैसे खतरनाक वायरस हैं.

Wanna Cry वही वायरस है, जिसकी वजह से 2017 में यूके के नेशनल हेल्थ सर्विस (स्वास्थ्य सेवाएं) पूरी तरह ठप पड़ गई थी. इसके अलावा डिवाइस में आई लव यू, माई डूम, डार्क तकीला, सो बिग और ब्लैक एनर्जी वायरस भी फीड हैं.

इसे इंटरनेट कनेक्शन से रखा गया है दूर

ये लैपटॉप इतना खतनाक है कि इसे इंटरनेट से अलग और एयर-गैप्ड रखा गया है. मतलब यह सीधे तौर पर इंटरनेट से जुड़ा नहीं है. इस वजह से दूसरे नेटवर्क में वायरस नहीं फैल सकते हैं. इसे केबल कनेक्शन से दूर वैक्यूम में रखा गया है.

साथ ही, इस लैपटॉप को सेफ रखने के लिए इसमें दिए गए पोर्ट को डिसेबल कर दिया गया है. ताकि वायरस किसी भी तरह किसी और लैपटॉप या सिस्टम में ट्रांसफर न हो.

बता दें कि खरीदने वाले शख्स के बारे में जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन इंटरनेट आर्टिस्ट गुओ ओ डॉन्‍ग ने साइबर सिक्‍योरिटी कंपनी डीप इन्स्टिंक्‍ट के साथ मिलकर इसे तैयार किया है.

बताया गया है कि ये लैपटॉप जो कि एक आर्टवर्क है, वो सिर्फ रिसर्च के इस्तेमाल के लिए है. जिस किसी ने भी नीलामी में हिस्सा लिया था, उसने पहले ही इस बात पर सहमति जताई थी कि किसी भी तरह से वो इसके वायरस को फैलाने के मकसद से नहीं खरीदेगा.

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