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BJP नेता शाहीन बाग को बता रहे ‘कांटा’, ताकि वोट के ‘फूल’ खिलें?

दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ कई हफ्तों से महिलाएं सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर रही हैं.

शादाब मोइज़ी
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दिल्ली में क्या शाहीन बाग के नाम पर होगा चुनाव? 
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दिल्ली में क्या शाहीन बाग के नाम पर होगा चुनाव? 
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

पाकिस्तान, हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद के बाद इस बार चुनाव में नेताओं ने शाहीन बाग को ही जंग का मैदान बना दिया है. बिजली, पानी, साफ हवा, रोजगार, कानून व्यवस्था सब मुद्दे हवा हो गए...बात हो रही है तो सिर्फ शाहीनबाग की. दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की पूरी मंडली शाहीन बाग-शाहीन बाग का रट लगाए हुए है. कोई करंट लगा रहा है तो कोई रेप के नाम पर डरा रहा है. अब अगर काम छोड़कर डराकर वोट मांगेंगे तो जनता तो पूछेगी ही... जनाब ऐसे कैसे?

दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ कई हफ्तों से महिलाएं सर्द रातों में भी सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर रही है. फिलहाल एक महीने से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी सरकार का एक भी नुमाइंदा इनसे बात तक करने नहीं गया.

लेकिन चुनाव से ठीक पहले एक के बाद एक बीजेपी नेता शाहीन बाग को कभी मिनी पाकिस्तान तो कभी करंट लगाने की ख्वाइश जाहिर कर रहे हैं. मानो शाहीन बाग ना हो गया 'वोट बाग' हो गया. जिसका नाम लेते ही वोट के फूल खिल जाएंगे. गृह मंत्री ने दिल्ली में एक चुनावी रैली में शाहीन बाग के लोगों को सबक सिखाने के लिए वोट मांगे हैं. उन्होंने कहा,

“EVM का बटन इतने गुस्से में दबाना कि करंट शाहीन बाग में लगे.”
अमित शाह, गृह मंत्री

अब कोई ये बताए कि दिल्ली के चुनाव से शाहीन बाग की महिलाओं को करंट कैसे लगेगा? गृह मंत्री भारत माता की बात करते हैं फिर वो भारत में रहने वाली माताओं को करंट लगाने की बात क्यों कर रहे हैं? क्या जो सरकार की नीतियों का विरोध करेगा उसे करंट लगा दिया जाएगा?

सीएम केजरीवाल भी अब इस शाहीन बाग के मुद्दे में कूद पड़े हैं. वो इन सबके लिए बीजेपी को दोषी मान रहे हैं. उन्होंने कहा, “शाहीन बाग में बंद रास्ते की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. और बीजेपी नहीं चाहती कि रास्ते खुलें." हालांकि सीएम साहब ने खुद शाहीन बाग जाने की जहमत नहीं उठाई.

शाहीन बाग को चुनावी हॉट केक बनाने वालों की लिस्ट लंबी है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान, संबित पात्रा, प्रवेश वर्मा और भी कई हैं.
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बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने तो सारी हदें पार कर दीं. उन्होंने वोट के लिए रेप जैसे रूह कंपा देने वाले अपराध की चर्चा करने से भी गुरेज नहीं किया. प्रवेश वर्मा कह रहे हैं कि दिल्ली वालों को सोच समझकर फैसला लेना पड़ेगा. वे आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहनों और बेटियों को उठाएंगे, बलात्कार करेंगे. उन्होंने कहा,

“वहां पर लाखों लोग इकट्ठे हो जाते हैं, वो आग कभी भी दिल्ली के घरों तक पहुंच सकती है. हमारे घर में पहुंच सकती है. दिल्ली वालों को सोच समझकर फैसला लेना पड़ेगा. वे आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहनों और बेटियों को उठाएंगे, बलात्कार करेंगे, उनको मारेंगे. इसलिए आज समय है, कल मोदी जी और अमित नहीं आएंगे बचाने. आज अगर दिल्ली के लोग जाग जाएंगे तो अच्छा रहेगा.”

सांसद साहब से वोट के लिए क्या आप कुछ भी बोल जाएंगे? चुनाव जीतने के लिए आप क्या खुलेआम एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ भड़काएंगे? और क्या चुनाव आयोग प्रवेश वर्मा पर कोई कार्रवाई करेगा? जिस तरह से उसने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर एक्शन लिया. रैली में, वित्त राज्य मंत्री ठाकुर ने कहा “ देश के गद्दारों को”, जिसपर भीड़ ने कहा, “ गोली मारो स***को.” अनुराग ठाकुर ने ये नारे लगवाने से पहले शाहीन बाग का जिक्र किया था. चुनाव आयोग ने इस बयान पर रिपोर्ट मांगी है.

प्रवेश वर्मा ये भी कह रहे हैं कि बीजेपी को जिताइए एक घंटे में शाहीन बाग का प्रदर्शन खत्म कर देंगे. लेकिन सवाल ये है कि जब केंद्र में बीजेपी की सरकार और दिल्ली पुलिस भी उसी के पास है तो फिर विधानसभा चुनाव में जीत से ऐसा क्या हो जाएगा, आप प्रदर्शन बंद करा देंगे?

साफ है कि अगर आप प्रदर्शन बंद कराना चाहते तो वहां जाते, नाराज लोगों से बात करते, उन्हें समझाते... सच तो ये है कि चुनावी जीत के फल के लिए भड़काऊ बयान की खाद और नफरत की पेस्टीसाइड डालकर शाहीन बाग को 'वोट बाग' में बदलने की कोशिश हो रही है. अगर असल मुद्दों पर चुनाव नहीं होंगे तो जनता पूछेगी जरूर जनाब ऐसे कैसे?

जनाब ऐसे कैसे के पिछले एपिसोड को देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-

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