Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Delhi Riots के आरोपी, UAPA के तहत जेल में बंद 'अनजान चेहरों' की कहानी

Delhi Riots के आरोपी, UAPA के तहत जेल में बंद 'अनजान चेहरों' की कहानी

दिल्ली दंगों के आरोप में कई लोग सालों से जेल में बंद हैं.

शादाब मोइज़ी
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<div class="paragraphs"><p>साल 2020 में दिल्ली में भड़की थी हिंसा</p></div>
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साल 2020 में दिल्ली में भड़की थी हिंसा

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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12 दिसम्बर को भारत के राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) को अपनी स्वीकृति दी. फिर इसे देश और दुनिया नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के नाम से जानने लगी. एक तरफ कहा गया कि इस कानून से अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से आए मुसलमानों को छोड़ हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाइयों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है. वहीं दूसरी तरफ भारत में इस कानून के विरोध में सड़कों पर लाखों लोग उतरने लगे. नागरिकता धर्म के आधार पर? ये सवाल उठने लगा.

इसी दौरान फरवरी के महीने में अचानक दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए. सड़क जाम के विरोध में सड़क जाम. फिर क्या था देखते देखते दिल्ली आग के हवाले थी. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा भड़की, 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. फिर पुलिस ने हिंसा भड़काने से लेकर इसमें शामिल होने के नाम पर कई लोगों को गिरफ्तार किया. कई लोगों पर गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम UAPA लगाया गया. UAPA कई ऐसे लोगों पर लगा जो ऐक्टिविजम या स्टूडेंट पॉलिटिक्स से जुड़े हुए थे, लेकिन कई ऐसे लोगों का भी नाम आया जो ना तो ऐक्टिविजम में थे ना ही पॉलिटिक्स में.

इस डॉक्युमेंटरी के बनाने के पीछे सबसे बड़ा मकसद यही था कि ये कौन लोग हैं जिनपर UAPA लगा है? ये लोग कितने दिनों से जेल में बंद हैं? मीडिया की सुर्खियों से दूर रहने वाले इन लोगों के परिवार का क्या कहना है?

कहानी नंबर एक- सलीम खान

दिल्ली दंगे के आरोप में सलीम खान 13 मार्च 2020 से जेल में बंद हैं. सलीम खान को 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश रचने के लिए UAPA के तहत आरोपी बनाया गया है. इस दौरान सलीम खान कभी जज को चिट्ठी लिखते हैं तो कभी अपने परिवार को. जेल में रहते हुए उन्होंने सैकड़ों पन्नों पर अपनी जिंदगी का दर्द उकेर दिया है. सलीम खान की पत्नी शबीना खान इन्हीं पन्नों को समेटते हुए कहती हैं- मेरे शौहर सलीम खान बेगुनाह हैं.

दिल्ली हिंसा के बाद 25 फरवरी, 5 मार्च और 6 मार्च को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई तीन एफआईआर में सलीम खान को एक आरोपी के रूप में नामित किया गया था. इनमें से दो प्राथमिकी में आपराधिक साजिश, गैर इरादतन हत्या, और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने सहित दंडात्मक आरोप हैं, साथ ही ऑर्म्स एक्ट के तहत भी आरोप हैं.

सलीम खान के खिलाफ एफआईआर में UAPA की धारा 13, 16, 17, 18, आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और सार्वजनिक नुकसान की रोकथाम संपत्ति अधिनियम, 1984 की धारा 3 और 4 सहित कड़े आरोप शामिल हैं.
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कहानी नंबर दो- तसलीम खान

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों (Delhi Riots) की साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत गिरफ्तार तसलीम अहमद (Tasleem Ahmed) सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होते थे. तसलीम को पहली बार FIR रिपोर्ट 48/2020 से जुड़े एक मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रदर्शनकारियों ने 22 फरवरी 2020 की रात को जाफराबाद में सड़क पर कब्जा करने के लिए पुलिस की अवहेलना की.

हालांकि 10 जून 2020 को अहमद को इस मामले में जमानत मिल गई थी. लेकिन कुछ ही दिन बाद फिर से पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाना शुरू किया और 23 जून को दोबारा गिरफ्तार कर लिया.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तसलीम को दंगों की साजिश के मामले एफआईआर संख्या 59/2020 में गिरफ्तार किया था.

तस्लीम के पत्नी पूछती हैं

क्या नागिरकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल होना गुनाह है? मेरे पति विरोध प्रदर्शन में अपने हक के लिए जाते थे. अपने हक के लिए प्रोटेस्ट करना कोई गलत बात तो है नहीं."

कहानी नंबर तीन- अतहर खान

नाम- अतहर खान

उम्र- 26 साल

काम- एक्टिविस्ट, छात्र

अतहर के पिता अफजल खान कहते हैं, "2 जुलाई 2020 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने जांच के लिए बुलाया था लेकिन वो फिर घर नहीं आया, पुलिस का कॉल आया कि हमने अतहर को रोक लिया है. दो दिन बाद न्यूज में हेडलाइन आई कि तीन जुलाई को अतहर को चांदबाग में उनके घर से गिरफ्तार किया गया है.

अतहर के पिता पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि अतहर तो खुद पेश हुआ था जांच के लिए. फिर पुलिस ने कौन से घर से गिरफ्तार कर लिया? जाहिर बात है पुलिस ने झूठ फैलाया है.

दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), शस्त्र अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम (पीडीपीपी) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर 59/2020 में 17,500 पन्नों की चार्जशीट दायर की. चार्ज-शीट में अतहर खान पर फरवरी 2020 के दिल्ली दंगे को आयोजित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया, जिसमें 53 लोगों की जान गई थी.

अतहर के पिता अफजल खान कहते हैं,

अतहर आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता था और कपिल मिश्रा का साथी था, कपिल मिश्रा ने पिछला चुनाव जो जीता था उसमें अतहर का अहम रोल था, इस बार जब चुनाव हुए अतहर को कपिल मिश्रा का फोन आया था तो अतहर ने उसे मना कर दिया. जब दंगा भड़का तब उसके दो दिन बाद कपिल मिश्रा ने अतहर की पुरानी फोटो को ट्वीट किया और कहा कि ये चांदबाग का लड़का दंगा कराने का मास्टर माइंड है, कपिल मिश्रा ने अतहर से बदला लिया है.

27 साल के अतहर के पिता अपने समाज से भी नाराज हैं. वो कहते हैं, "समाज से शिकायत है कि अतहर के गिरफ्तार होने के बाद से समाज मुर्दा सा हो गया. मुझे लगता है ये सब डर की वजह से हुआ है. हमारे रिश्तेदार हमारे पास आने को तैयार नहीं, पूछने को तैयार नहीं, कई रिश्तेदारों ने तो हमारा फोन नंबर ब्लॉक कर दिया. शायद इसी डर से कि कहीं हम भी गिरफ्तार न हो जाए. ये तो सब जानते हैं कि आंदोलन को खत्म करने के लिए किस तरह से दंगे कराए गए, किस ने भड़काऊ भाषण दिए."

कहानी नंबर चार- शादाब अहमद

साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों (Delhi Riots) की साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत दिल्ली पुलिस ने 6 अप्रैल 2020 को शादाब को गिरफ्तार किया था.

शादाब को हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या से जुड़े एफआईआर 60/20 के तहत गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, मई में शादाब को कड़े आतंकी कानून - गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एफआईआर 59/20 में नामित किया गया था. शादाब पर दिल्ली हिंसा के 'साजिशकर्ता' के रूप में आरोप लगाया गया .

हालांकि शादाब के पिता कहते हैं, "आप मेरे बेटे के किसी भी वीडियो को उठाकर देख लीजिए कहीं ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी को भड़काने वाला हो. सिर्फ संविधान के दायरे में बात कही थी."

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