Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elon Musk के Twitter खरीदने के बाद से ट्विटर 'आजाद' नहीं 'आहत' हो रहा है?

Elon Musk के Twitter खरीदने के बाद से ट्विटर 'आजाद' नहीं 'आहत' हो रहा है?

एलन मस्क’ होने का क्या मतबल है? आसान भाषा में कहें तो बोलो कुछ और करो कुछ और..

आशुतोष कुमार सिंह
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<div class="paragraphs"><p>Elon Musk Twitter Deal </p></div>
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Elon Musk Twitter Deal

(फोटो- Altered By Quint)

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‘एलन मस्क’ (Elon Musk) होने का क्या मतबल है? आसान भाषा में कहें तो, बोलो कुछ और करो कुछ और.. 'डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है' वाला दौर बीत चुका है. आज के दौर का नया डायलॉग है- 'एलन मस्क को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है'. कल तक जो एलन मस्क ट्विटर डील पूरी करने में टाल-मटोल कर रहे थे, दस तरह के बहाने बना रहे थे, उन्होंने डील पूरी होते ही बदलावों की आंधी ला दी है. इतना ही नहीं वो जो बदलाव ला रहे हैं या लाने का दावा कर रहे हैं, उसपर भी बार-बार पलटी मार रहे हैं.

हजारों को निकाला, कुछ को फिर बुलाने लगे 

जैसे ही एलन मस्क ने 27 अक्टूबर को ट्विटर की कमान अपने हाथ में ली उन्होंने छंटनी के संकेत दिए. न तो मस्क ने और न ही कंपनी ने आधिकारिक तौर पर ऐलान किया कि छंटनी होगी और इतने बड़े पैमाने पर होगी? कंपनी मिलने के तुरंत बाद उन्होंने इसके भारतीय मूल के CEO पराग अग्रवाल, इसकी पॉलिसी हेड विजया गड्डे और ट्विटर CFO नेड सहगल को बाहर निकाल दिया. इसके बाद बारी थी कंपनी के आम कर्मचारियों की.

अचानक दफ्तर बंद कर दिए जाते हैं. कर्मचारियों को एक ईमेल आता है कि घर पर ही रहिए, बाद में बताएंगे किसको रखेंगे किसको निकालेंगे. कर्मचारियों को जो मेल आया उसमें किसी को नाम से संबोधित भी नहीं किया गया, बस सबके लिए लिखा गया- टीम. जैसे कि किसी की कोई व्यक्गित पहचान या वजूद ही ना हो. नीचे मस्क का हस्ताक्षर नहीं, बल्कि ट्विटर लिखा है. जबकि सब जानते हैं ये सब मस्क का फैलाया हुआ रायता है, लेकिन शायद वो जिम्मेदारी लेने से बच रहे हैं.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 3 हजार 700 कर्मचारियों को अबतक बाहर निकाला गया है. नाराज कर्मचारियों ने मुकदमा भी किया है कि नियमों के मुताबिक 60 दिन का नोटिस देना चाहिए, ऐसे सिर पर आसमान गिराना ठीक नहीं. लेकिन अभी एलन मस्क का एक मूड स्विंग बाकी था.

ट्विटर ने कंपनी से निकाले गए दर्जनों कर्मचारियों को वापस बुलाया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ट्विटर को अब अंदाजा लगा है कि उन्होंने गलती से जल्दबाजी में इन कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया था और एलन मस्क की ‘सपने वाली ट्विटर’ को खड़ा करने के लिए इनके अनुभवों की जरूरत होगी.

चिड़िया आजाद हो गयी?

अब आते हैं एलन मस्क के ‘फ्री स्पीच’ वाले दावे पर. एलन मस्क ने खुद को "फ्री स्पीच अब्सोल्यूटिस्ट" कहा है, यानी उनका मानना है कि बोलने पर किसी प्रकार की पाबंदी नहीं होनी चाहिए, कोई भी फिल्टर नहीं होना चाहिए. एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने के लिए ऑफर देने से पहले भी कई बार इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फ्री स्पीच की वकालत की थी. जब उन्होंने 44 बिलियन डॉलर की यह डील पूरी की थी तो उन्होंने अपने ट्वीट में दावा किया था कि ट्विटर वाली चिड़िया आजाद हो गयी है. लेकिन क्या ऐसा है. क्या ट्विटर खुद एलन मस्क के शाही फरमानों से आजाद है?

मिस्टर फ्री स्पीच अब कह रहे हैं कि "ट्विटर साफ तौर पर एक फ्री-फॉर-ऑल हेलस्केप नहीं बन सकता है, जहां बिना किसी परिणाम या महत्व के कुछ भी कहा जा सकता है!"

मस्क ने कहा है कि "ट्विटर को दुनिया के बारे में जानकारी का अब तक का सबसे एक्यूरेट सोर्स बनने की आवश्यकता है". इसपर ट्विटर के फाउंडर और कंपनी के पूर्व CEO जैक डोर्सी ने पूछा है कि “एक्यूरेट, लेकिन किसके लिए?”

एलन मस्क ने कहा है कि ट्विटर की कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी नहीं बदली है. बैन किए गए ट्विटर अकाउंट्स को बहाल करने के निर्णय सहित कोई भी नीतिगत परिवर्तन अब "कंटेंट मॉडरेशन काउंसिल" द्वारा किया जाएगा जिसे स्थापित करने का प्लान ट्विटर बना रहा है.

यह "कंटेंट मॉडरेशन काउंसिल" कबतक तैयार होगा और यह डोनाल्ड ट्रंप और कंगना रनौत जैसे बैन किए गए विवादित एकाउंट्स पर क्या फैसला लेगा? यह सवाल बना हुआ है. खैर मस्क की माया मस्क ही जाने.

पैरोडी अकाउंट पर एक्शन लेकिन फेक अकाउंट ने दे दिया मस्क को झटका 

एलन मस्क के आने के पहले अगर कोई पैरोडी अकाउंट अपने नाम या बायो में अपने पैरोडी होने का साफ जिक्र नहीं करता था तो ट्विटर उसपर 3 तरह से एक्शन लेता था. प्रोफ़ाइल में कुछ बदलाव लाया जाता था, या कुछ समय के लिए प्रोफाइल को ससपेंड किया जाता था, तीसरे और सबसे कठोर एक्शन में उस अकाउंट को पर्मानेंटली बैन कर दिया जाता था.

लेकिन खुद को फ्री स्पीच का मसीहा बताने वाले मस्क भैया दो कदम आगे निकले. मस्क ने रविवार को लिखा कि अगर किसी पैरोडी एकाउंट ने साफ नहीं लिखा कि वह पैरोडी अकाउंट है तो ट्विटर अब बिना किसी चेतावनी के उसे पर्मानेंटली बैन कर देगा. ये फैसला गलत है या सही ये बहस का विषय हो सकता है लेकिन जिस तरीके से ये फैसला आया है उसपर सवाल जरूर है.

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