''मुझे अभी निकाला गया है. चिड़िया वाला ऐप. इस टीम, इस संस्कृति का हिस्सा रहना सबसे बड़े गर्व की बात रही''
भारत के यश अग्रवाल ने ट्विटर (Twitter) से निकाले जाने के बाद ये ट्वीट किया. साथ में शेयर की अपनी हैप्पी-हैप्पी तस्वीर. यश अग्रवाल की इस दिलदारी पर ट्विटर और सोशल मीडिया का दिल आ गया लेकिन ट्विटर से निकाले जा रहे सभी लोगों की प्रतिक्रिया ऐसी नहीं है. ज्यादादर ट्विटर कर्मचारी इस वक्त तनाव में हैं. खासकर भारत में मौहाल बेहद खराब है क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग पूरी इंडिया टीम को नौकरी से निकाल दिया है. तनाव की एक बड़ी वजह ये भी है कि कंपनी की तरफ से एकदम साफ सूचना नहीं है. काफी कन्फ्यूजन है. लेकिन ये सब हो क्यों हो रहा है?
एलन का ऐलान? जैसे ही एलन मस्क ने ट्विटर की कमान अपने हाथ में ली उन्होंने छंटनी के संकेत दिए. न तो मस्क ने और न ही कंपनी ने आधिकारिक तौर पर ऐलान किया कि छंटनी होगी और इतने बड़े पैमाने पर होगी? मगर ये छंटनी कितने बड़े पैमाने पर हो रही है? 50%. मीडिया रिपोर्ट्स तो यही बता रही है कि कंपनी दुनिया भर के अपने 7500 कर्मचारियों में से आधे की छंटनी करना चाहती है. भारत में हड़कंप क्यों है?
सारे गए! मिंट ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारत की लगभग पूरी टीम की साफ कर दी गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक अब भारत में कंपनी के महज 10 कर्मचारी रह गए हैं. यहां उसके 250 कर्मचारी थे. लेकिन किन टीमों में छंटनी की गई है?
हर जगह!
क्यूरेशन टीम को हटा दिया गया है. कम्युनिकेशन, ग्लोबल कंटेंट पार्टनरशिप, सेल्स और रेवेन्यू की टीमों में आधे लोग हटा दिए गए हैं. अप्रैल 2021 में ट्विटर ने भारत में अपनी इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट टीम को बढ़ाने का ऐलान किया था लेकिन यहां भी छंटनी की गई है. ये टीमें बेंगलुरु के दफ्तर से काम करती हैं. भारत में और कहां हैं ट्विटर के दफ्तर?
तीन जगह. बेंगलुरु के अलावा गुरुग्राम और मुंबई में. तो क्या अब भारत में ट्विटर का कारोबार मंदा है?
नहीं. स्टैस्टिका डॉट.कॉम के मुताबिक भारत में ट्विटर के करीब 2.3 करोड़ यूजर हैं और ये कंपनी के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार है. तो फिर मगर ऐसा हो क्यों रहा है?
महंगी डील, कमाई की चिंता
मस्क ने ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में लिया है. अब मस्क लागत घटाकर और कमाई बढ़ाकर इसकी भरपाई करना चाहते हैं. मस्क ने इंफ्रा लागत में कम से कम 1 बिलियन डॉलर की कटौती का लक्ष्य दिया है. इसी क्रम में छंटनी भी हो रही है.
इसके अलावा ट्विटर ब्लू टिक मार्क वालों से वसूली करने जा रहा है. ब्लू टिक यूजर्स को अब हर महीने करीब 656 रुपये देने होंगे. इससे ट्विटर को हर माह करीब 13 करोड़ की कमाई हो सकती है. ट्विटर पर करीब 4.5 लाख ब्लू टिक वाले हैं. इनमें से कई ने कहा है कि वो पैसा नहीं देंगे लेकिन आधे ने भी पैसा दिया तो मस्क मालामाल होने वाले हैं. लेकिन कंपनियों में छंटनी तो होती रहती है. ये इतना बुरा क्यों है?
खराब रवैया, कन्फ्यूजन, बेकद्री
अचानक दफ्तर बंद कर दिए जाते हैं. लोगों को एक ईमेल आता है कि घर पर ही रहिए, बाद में बताएंगे किसको रखेंगे किसको निकालेंगे. जो मेल आता है उसमें किसी को नाम से संबोधित भी नहीं किया जाता, बस लिखा जाता है टीम. जैसे कि किसी की कोई व्यक्गित पहचान या वजूद ही ना हो. नीचे मस्क का हस्ताक्षर नहीं, बल्कि ट्विटर लिखा है. जबकि सब जानते हैं ये सब मस्क का फैलाया हुआ रायता लेकिन शायद वो जिम्मेदारी लेने से बच रहे हैं. नाराज कर्मचारियों ने मुकदमा भी किया है कि नियमों के मुताबिक 60 दिन का नोटिस देना चाहिए ऐसे सिर पर आसमान गिराना ठीक नहीं. कर्मचारियों ने ट्विटर के खिलाफ 3 नवंबर को एक क्लास एक्शन मुकदमा दायर किया है, जिन्होंने तर्क दिया था कि कंपनी ने संघीय और कैलिफोर्निया कानून का उल्लंघन करते हुए आवश्यक 60-दिन की अग्रिम सूचना दिए बिना बड़े पैमाने पर छंटनी की है. इससे पहले मस्क ने कंपनी लेते ही सीईओ पराग अग्रवाल को हटा दिया. लीगल और पॉलिसी हेड विजया गाडे और सीएफओ नेड सेगल को भी हटाया. ट्विटर के कर्मचारियों ने #OneTeam भी शुरू किया. यहां वो एक दूसरे का दुख दर्द बांट रहे हैं. तो क्या कर्मचारियों को कुछ नहीं मिलेगा?
दो महीने की सैलरी मिलेगी? खबर तो यही है कि दो महीने की सैलरी देंगे लेकिन मस्क के मन की बात कौन जाने. खबरें छपी हैं कि जिन कर्मचारियों ने शेयर ऑफ्शन को अवेल नहीं किया है, वो आगे शेयर लेना भी चाहें तो मस्क कोई रोड़ा लगा सकते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)