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कैमरा पर्सन: अभय शर्मा
वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
हरियाणा में हम दो नए शादीशुदा जोड़ों से मिले जो अपने घर से भाग आए हैं. वो एक कमरे में रह रहे हैं जहां ठीक से उजाला भी नहीं आता, लेकिन उनके लिए ये सबसे सुरक्षित जगह है. इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए न ही हम इनका नाम बताएंगे और न ही ये बताएंगे कि ये किस जगह रह रहे हैं.
पहले जोड़े ने हमसे बात करते हुए कहा:
इस जोड़े में से नौजवान लड़का बोलता है, ''अगर ये पंडित होती और मैं भी पंडित होता, तो इसके परिवार को कोई परेशानी नहीं होती.''
इसी कमरे में रह रहे दूसरे जोड़े से हमने पूछा कि वो यहां कैसे पहुंचे तो उन्होंने बताया-
एक गांव से दूसरे गांव जाते हुए हमने कई लोगों से बात की और पूछा कि प्यार जुर्म क्यों कहलाता है? नौजवान लड़के और लड़कियों को अपने घर से भागना पड़ता है. उन्हें अपने ही परिवार और खाप से छिपना पड़ता है. उनकी सिर्फ ये गलती है कि वो उसके साथ रहना चाहते हैं जिससे वो प्यार करते हैं.
जींद में जब हमने एक महिला से बात की तो उन्होंने बताया -
पहले, जोड़ा जब घर से भागा तो लड़की के घर वालों ने कहा कि वापस आ जाओ और वो समझौता कर लेंगे. लड़के ने बताया, ‘‘परिवार ने कॉल किया और घर वापस आने के लिए. उन्होंने कहा कि यहां तुम दोनों की शादी करा देंगे.’’
जब हमने पूछा कि क्या इस बात पर तुमको विश्वास हुआ?
तब लड़की ने आगे बताया, ''मैंने कुछ हद तक उन पर विश्वास कर लिया था. लेकिन मुझे काफी डर भी लग रहा था. इसलिए मैं घर नहीं गई.
लड़के ने बताया कि मैंने अपने घर वालों को कहा कि लड़की के घर जाओ, शादी से पहले की तैयारियां करो और हम घर वापस आ जाएंगे.
लेकिन जब परिवार आपस में मिले. तो कुछ और ही हुआ.
हरियाणा की खाप पंचायत भारतीय संविधान के खिलाफ काम करती आई है. आपको मनोज और बबली याद हैं? जून 2007 में खाप के आदेश के बाद बबली के घर वालों ने इन दोनों को मार दिया था. इनका जुर्म ये था कि दोनों ने एक गोत्र में शादी की थी.
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इस जनवरी में जब सुप्रीम कोर्ट ने खाप को दोबारा फटकार लगाई तो देखिए उन्होंने इस पर क्या कहा?
2011 में सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायतों को अवैध कंगारू कोर्ट कहा था और कहा कि इनको हटाने की जरूरत है. लेकिन आज भी ये खाप जारी हैं.
चरखी दादरी के एक स्थानीय निवासी ने हमें बताया कि खाप अभी भी चलती हैं. समाज के हिसाब से ये पंचायते बनी हैं. जैसे मुस्लिम खाप और हिंदू खाप. इनकी बातों को लोग अब भी मान रहे हैं.
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