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कैमरापर्सन: सुमित बडोला
वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
वो राजनीति में आना चाहती थी. फेल हो गई तो नेताओं को ब्लैकमेल करने की साजिश रच डाली. ऐसा जाल बिछाया कि बड़े-बड़े नेता और नौकरशाह उसकी ऊंगलियों पर नाचने लगे.
मध्य प्रदेश हनीट्रैप का जाल इतना बड़ा है कि पुलिस भी हैरान है. 4000 से ज्यादा फाइलें, 1000 से ज्यादा अश्लील वीडियो क्लिप और तीन राज्यों में फैला इसका जाल. ऐसे-ऐसे रसूखदारों के नाम जुड़ रहे हैं कि मध्य प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया है.
मामला तब खुला जब इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने पुलिस में शिकायत की कि उन्हें तीन करोड़ रुपयों के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा है. पुलिस ने पांच महिलाओं और एक शख्स को गिरफ्तार किया. पूछताछ शुरू हुई तो गंदगी बाहर आनी शुरू हो गई. मामला इतना बड़ा था कि जांच आम पुलिस के बूते न रही और SIT बनानी पड़ी.
25 सितंबर SIT ने जांच शुरू की. चंद घंटों में SIT का हेड भी बदल गया. SIT ने अब तक जो जांच की है, उससे यही लगता है कि ये देश का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल है.
वीडियो लीक करने की धमकी देकर न सिर्फ कैश, लग्जरी गाड़ियां और प्रॉपर्टी बल्कि सरकारी ठेके तक हासिल किए जाते थे. IANS के मुताबिक सरगना महिला ने कबूल किया है कि उसके पति के एनजीओ को भोपाल नगर निगम से 8 करोड़ रुपये के ठेके मिले. ऐसे कई ठेके राज्य सरकार के जनसंपर्क, कृषि, वन, संस्कृति, जल संसाधन, लेबर डिपार्टमेंट PWD और आवास विभागों से लिए गए.
सरगना ने माना है कि मध्य प्रदेश के एक पूर्व सीएम ने पॉश भोपाल क्षेत्र में मीनल रेजीडेंसी में एक बंगला भेंट किया है. रैकेट से जुड़ी एक महिला ने पूछताछ में बताया कि वो एमपी कैडर के एक सीनियर IAS अधिकारी के संपर्क में आई थी जिसने गिरोह को कई मंत्रियों से कनेक्ट करवाया. इसी IAS अफसर ने गिरोह के लिए भोपाल में एक फ्लैट का इंतजाम किया. इस फ्लैट में भी हनी ट्रैप बिछाया गया और नेताओं और नौकरशाहों के वीडियो बनाए गए. गिरोह के पास अश्लील वीडियो का जखीरा जमा हो गया तो उसने कॉरपोरेट्स और ठेकेदारों को टेंडर दिलवाने शुरू किए.
इस सेक्स स्कैंडल से एमपी में सियासी भूचाल मच गया है. IANS को एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्राने कहा है “चूंकि ब्लैकमेलिंग का ये खेल कई सालों से चल रहा था इसलिए इसमें शामिल 80 फीसदी नेता बीजेपी के हैं और 20 फीसदी कांग्रेस के....” हालांकि उन्होंने किसी का नाम लेने से मना कर दिया.
एमपी के गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा है, “सही समय आने दीजिये, इस मामले में सभी नामों का खुलासा किया जायेगा...”
एमपी बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा “जांच पूरी तरह पारदर्शी व निष्पक्ष होनी चाहिए, मगर सरकार जांच को अपनी मर्जी के अनुसार दिशा देने का प्रयास कर रही है...”
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर चुके हैं. हालांकि कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह का आरोप है कि बीजेपी के लोग व्यापम की तरह सीबीआई के जरिए इस मामले की जांच को प्रभावित करना चाहते हैं.
सियासी आरोप-प्रत्यारोप देखकर लग यही रहा है कि दाग सबके दामन पर हैं. SIT के पास अभी 4000 ऑडियो और वीडियो क्लिप हैंदेखिए कहां-कहां छींटे पड़ते हैं!
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