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लखीमपुर हिंसा: अजय मिश्र के इस्तीफे के बाद ही हो सकती है निष्पक्ष जांच- चश्मदीद

इस घटना के चशमदीद जसवीर सिंह ने बताया कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुआ क्या था

पीयूष राय
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Published:
<div class="paragraphs"><p>अजय मिश्र टेनी</p></div>
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अजय मिश्र टेनी

(फोटो: Altered by Quint)

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यूपी के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. इसका आरोप केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) पर लगा है. आशीष पर आरोप है कि उसने अपनी कार एसयूवी से किसानों को नीचे कुचल दिया. इस घटना पर एक चश्मदीद ने क्विंट से बातचीत में कहा कि- मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचला है. मंत्री जी को इस्तीफा देना चाहिए ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो.

चश्मदीद ने दी घटना की पूरी जानकारी

इस घटना के चश्मदीद जसवीर सिंह ने बताया कि, 3 अक्टूबर रविवार को अजय टेनी मिश्र के यहां एक कार्यक्रम था, जिसमें यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को आना था. किसानों का उनको काले झड़े दिखाने का कार्यक्रम था. केशव प्रसाद की हेलीकॉप्टर से आने की सूचना थी, तो पास के ही एक ग्राउंड में हेलीपेड बनाया था. जहां पर किसान जमा हो गए. इसके बाद केशव प्रसाद की बाई रोड आने की सूचना मिली.

चश्मदीद ने बताया कि, लगभग 3 बजे हमें लगा कि शायद उप-मुख्यमंत्री नहीं आएंगे, तो हम बापस घर की ओर जाने लगे, जब हम ग्राउंड से रोड पर जाने लगे इस दौरान अजय मिश्र का बेटा अपनी तीनों गाड़ियो को इतनी स्पीड से लेकर आते हैं, और आगे जो किसानों का रैला जा रहा था, उन पर चढ़ा दिया. जिसमें 12 से 15 किसान घायल हो गए, 2 की मौके पर ही मौत हो गई.

चशमदीद जसवीर सिंह ने बताया कि, इसके बाद जब इनकी गाड़ी पलट जाती है, तो अजय मिश्र टेनी का लड़का मोनू उर्फ आशीष मिश्र टेनी फायर करता हुआ, गन्ने के खेत की तरफ भाग गया, उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने कवर फायर देकर उसको वहां से भगाया.

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मृतकों को 45 लाख और सरकारी नौकरी

जसवीर सिंह ने बताया कि प्रशासन से बातचीत के दौरान तय हुआ कि मृतकों को 45 लाख रूपये और परिवार से किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी और जो घायल हैं, उनको 10 लाख की मदद की बात हुई. वहीं, आरोपी आशीष मिश्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.

उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के एक जज के नेतृत्व में एक कमेटी गठित होगी, जो इस मामले की जांच करेगी. यह सब प्रशासन के साथ हुई बातचीत में तय हुआ. इसके बाद धरना खत्म करके चारों बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.

मंत्री के परिवार की गिरफ्तारी मुश्किल

चश्मदीद ने बताया कि एक विधायक के परिवार की गिरफ्तारी होना मुश्किल है, लेकिन यह तो केंद्र में मंत्री है, जिनके नीचे पूरी फोर्स है. इनसे मिलने जो आ रहे थे, वो इस प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री हैं. जंहा पर इतनी बड़ी-बड़ी तोपें हों, तो वंहा पुलिस इतनी जल्दी कैसे हाथ डाल सकती है. उन्होंने आगे बताया कि आशीष मिश्र ये सब अकेला नहीं कर सकता, इसमें उसके पिता अजय मिश्र की सहमति थी. बिना अपने पिता की सहमति से आशीष में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह इस तरह से किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा देता.

जसवीर ने बताया कि हमने इसी बात से डरते हुए प्रशासन से कहा था कि आप उन्हीं के अधीन है. जब तक वह मंत्री पद पर है, तो हमें नहीं लगता आप उन पर इतनी जल्दी कार्रवाई कर सकते हो. इसी के चलते हमने पत्र लिखा है जिसमें हमने इनके इस्तीफे की मांग की है. तभी हमको इसमें राहत मिल सकती है और मामले की जांच आगे बढ़ सकती है.

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भी दर्ज करवाई FIR

बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल की शिकायत पर भी मामला दर्ज किया गया है. सुमित ने बताया कि हम उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद के स्वागत की तैयारी कर रहे थे. रास्ते में तिकुनियां के पास काले कपड़ो के भेष में ये उपद्रवी इकट्ठा थे. इन लोगों ने हमारी गाड़ियों पर सीधे हमला किया. इन्होंने पत्थरबाजी करना शुरू कर दिया. जिसमें ड्राइवर घायल हो गया, और हमारी गाड़ी किनारे से रुक गई, उस ड्राइवर को इन लोगों ने वहां से खींच लिया. गाड़ी में मेरे साथ तीन अन्य साथी भी थे. सोशल मीडिया से मुझे अपने दो साथियों की हत्या का पता चला.

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