advertisement
वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
‘बिहार में लोग मर रहे हैं और सत्ताधारी गठबंधन को चुनाव की चिंता है’- ये आरोप है बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का. क्विंट हिंदी से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में राष्ट्रीय जनता दल के युवा नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. राज्य मे कोविड-19 के इंतजाम और चुनावों की तैयारी पर तेजस्वी ने हमारे साथ खरी-खरी बात की.
कोरोना महामारी फैलने के बाद देश में पहले विधानसभा चुनाव बिहार में होना है. लिहाजा वहां राजनीति गरम है.
बिहार में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार की एक चिट्ठी को हथियार बनाकर तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. चिट्ठी में कहा गया है कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के बिहार आने से कानून व्यवस्था खराब हो सकती है. हालंकि विवाद खड़ा होने के बाद इस चिट्ठी को वापस ले लिया गया लेकिन तेजस्वी ने इसे मुद्दा बना लिया है. 6 जून को उन्होंने बाकायदा पटना की दीवारों पर इस चिट्ठी के पोस्टर बनाकर लगा दिए.
क्विंट हिंदी से बात करते हुए तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चिट्ठी का मजमून बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर लिखा गया.
7 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार में वर्चुअल रैली के जरिए चुनाव प्रचार की शुरुआत कर रहे हैं. हालांकि, तेजस्वी की पार्टी आरजेडी भी इसी दिन ‘गरीब अधिकार रैली’ कर रही है लेकिन बीजेपी की रैली को उन्होंने सत्ता की भूख करार दिया.
आरजेडी की रैली ‘गरीब अधिकार रैली’ को तेजस्वी ने विपक्ष की जवाबदेही के तौर पर उठाया जाने वाला कदम बताया.
बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने हैं. कोरोना महामारी के बीच ये देश में होने वाला पहला विधानसभा चुनाव है. तेजस्वी के मुताबिक चुनाव आयोग को सभी दलों को यकीन में लेकर इसका वक्त तय करना चाहिए.
आरजेडी के युवा नेता ने आरोप लगाया कि देश के संवैधानिक संस्थान स्वतंत्र नहीं हैं क्योंकि बीजेपी के आईटीसेल को चुनाव आयोग से पहले पता होता है कि चुनाव कब होने हैं. हालांकि उन्होंने दावा किया कि चुनाव की चिंता जेडीयू-बीजेपी गठबंधन को है, उन्हें नहीं. कोरोना से निपटने के इंतजामों के सवार पर तेजस्वी ने कहा कि बिहार की व्यवस्था भगवान भरोसे है.
चुनावी रणनीति संभावित गठबंधनों पर बात करते हुए तेजस्वी ने कहा:
तेजस्वी यादव ने ये आरोप भी लगाया कि कोविड के साथ बिहार को बदइंतजामी और कनून-व्यवस्था के साथ भी लड़ना पड़ रहा है. उन्होंने बिहार में उपलब्ध वैंटिलेटर्स, पीपीई किट, टेस्टिंग किटकी संख्या और लोगों की जांच को लेकर भी सवाल उठाए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)