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भारत-पाकिस्तान के बीच मैचों के खिलाड़ियों के लिए क्या मायने हैं?

भारत टी20 वर्ल्ड कप 2021 में रविवार 24 अक्टूबर को पाकिस्तान से भिड़ेगा

अमृत माथुर
नजरिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>भारत और पाकिस्तान के बीच टी-20 मुकाबला</p></div>
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भारत और पाकिस्तान के बीच टी-20 मुकाबला

(फोटो- AlteredbyQuint)

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जब विराट कोहली (Virat Kohli) कहते हैं कि पाकिस्तान (Pakistan) का खेल किसी अन्य मैच से अलग नहीं है, तो उन्हें पता है कि कोई भी उन पर विश्वास नहीं करता है, ना ही वो खुद ऐसा मानते हैं. लेकिन यह राजनीतिक रूप से सही बात है, वह शोर को कम करना चाहते हैं और मैच के आसपास के तनाव को कम करना चाहते हैं.

भारतीय खिलाड़ियों के लिए सिर्फ एक मैच 

'इट्स वन मोर गेम' कुछ समय से भारत के पाकिस्तान (Pakistan) से खेलने के बारे में आधिकारिक लाइन रही है. एक बार, जब एक पत्रकार ने पाकिस्तान के एक मैच से पहले द्रविड़ को बदनाम करने की कोशिश की, तो द्रविड़ ने, अपने नाम के अनुसार इस प्रकरण को एक बयान से बंद कर दिया. उन्होंने कहा "कुछ अलग नहीं है, यह क्रिकेट मैच अभी भी 11 खिलाड़ियों द्वारा बल्ले और गेंद का उपयोग करके खेला जाता है."

विश्व कप (World Cup) के आयोजनों में, भारत का पाकिस्तान पर प्रभुत्व है लेकिन यह प्रतियोगिता कभी भी सामान्य खेल नहीं है. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के सेंचुरियन में 2003 के महा मुकाबले से ठीक पहले, भारतीय कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने एक शाम खाने पर बात करते हुए कहा था, कि "बहुत अधिक तनाव है, जो स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. " किसी को दिल का दौरा भी पड़ सकता है.”

उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा, लेकिन खिलाड़ी बड़े खेल के बारे में सोचकर नींद खो देते हैं. तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने नसों, घबराहट, दबाव और रातों की नींद हराम करना स्वीकार किया था. लेकिन वो जानते थे कि दबाव को कैसे कम करना है. पाकिस्तान के खिलाफ 75 गेंदो पर 98 रनों की पारी खेलने के बाद तेंदुलकर ने कहा था कि उन्होंने उस दिन वसीम और वकार को खेलने के लिए एक साल से तैयारी की थी.

हार और जीत के मायने अलग

भारत-पाकिस्तान के खेल की प्रतिद्वंदिता का एक कारण है. हमारे राजनीतिक इतिहास को देखते हुए, देशों के बीच कोई भी आमना-सामना, चाहे कारगिल में हो या क्रिकेट में, इज्जत से जुड़ जाता है और एक अलग लेवल पर पहुंच जाता है. इस पृष्ठभूमि में, एक जीत राष्ट्र के मनोबल को बढ़ाती है और एक हार, आजीवन का धब्बा हो सकता है. उदाहरण के लिए शारजाह में जावेद मियांदाद का आखिरी गेंद पर छक्का.

मुझे 2004 में पाकिस्तान की ऐतिहासिक यात्रा पर कराची में पहला वनडे याद है, जब एक बहुत ही कड़े मुकाबले में, नेहरा ने आखिरी ओवर में भारत के लिए 8 रन का बचाव किया था.

खेल के बाद, राहत से भरे नेहरा ने समझाया कि महत्वपूर्ण समय पर उनके दिमाग में क्या चल रहा था. उन्होंने कहा, 'मेरे दिमाग में एक ही विचार था कि कहीं चेतन शर्मा ना बन जाऊं.' चेतन 1986 में मियांदाद (Javed miandad) से आखिरी गेंद पर छक्का खाने वाले गेंदबाज थे.

भारतीय टीम 'मस्ट विन' पाकिस्तान गेम की अहमियत से वाकिफ है. दबाव और अपेक्षा तो है लेकिन एक उम्मीद की किरण भी है. 'ये हीरो बनने का मौका है', एक खिलाड़ी ने मुझसे बात करते हुए कहा था. यदि आप भारत को जीत दिलाते हैं, तो हर कोई आपको याद करेगा और आप अपने पोते-पोतियों को कहानी सुना सकते हैं.

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लेकिन इसके लिए टीम के नजरिये से योजना और अभ्यास की जरूरत होती है और व्यक्तिगत नजरिये से गर्व और जुनून की जरूरत होती है.

एक बार, एक टीम मीटिंग में, कोच जॉन राइट ने मैच के संदर्भ में कहा था, 'हम उन्हें बुद्धिमत्ता, मजबूत रणनीति और बेहतर खेल से हरा देंगे. उन्होंने खिलाड़ियों को पाकिस्तान के फंसने और सेल्फ डिस्ट्रक्शन की प्रवृत्ति के बारे में भी याद दिलाया था.

इस रविवार के खेल में पाकिस्तान की पारंपरिक उथल-पुथल काफी हद तक स्पष्ट है, हाल ही में पीसीबी ने थोक में बदलाव किए हैं. अध्यक्ष एहसान मानी ने रमीज राजा के लिए रास्ता बनाया है और उनके सीईओ वसीम खान भी चले गए हैं. कोच मिस्बाह और वकार यूनुस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और उनकी जगह एक पूरी तरह से नए कोचिंग स्टाफ - मैथ्यू हेडन, वर्नोन फिलेंडर और सकलैन मुश्ताक ने ज्वाइन किया है.

अतीत की तुलना में, भारत-पाकिस्तान के खेल में अब वो दम नहीं रह गया है, तापमान में गिरावट आई है और हार अब राष्ट्रीय आपदा के बराबर नहीं है.

अहम मुकाबले में जाने पर दोनों टीमें सकारात्मक नजर आ सकती हैं. पाकिस्तान अपने दूसरे घर संयुक्त अरब अमीरात की स्थितियों से परिचित है. भारत प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है, उसने आईपीएल का दूसरा भाग वहीं खेला है.

लेकिन दोनों को चिंता है, पाकिस्तान का शीर्ष क्रम कमजोर है, भारत को भुवनेश्वर कुमार की फॉर्म और हार्दिक पांड्या की फिटनेस को लेकर चिंता है.

क्या भारत फेवरेट के रूप में उतरेगा?

पिछले विश्व कप के रिकॉर्ड विराट कोहली की टीम के पक्ष में हैं, लेकिन टी20 मैच में तकनीकी अंतर कम हो जाता है और अपने दिन पर कोई भी किसी पर भारी पड़ सकता है. क्रिकेट की ये सच्चाई टी20 वर्ल्ड कप क्वालीफायर में बांग्लादेश को भी पता चली, जब वो स्कॉटलैंड से हार गया.

(अमृत माथुर वरिष्ठ पत्रकार, बीसीसीआई के पूर्व जीएम और भारतीय क्रिकेट टीम के प्रबंधक हैं. उनसे @AmritMathur1 पर संपर्क किया जा सकता है. व्यक्त की गई राय लेखक की अपनी है, क्विंट का इससे सहमत होना जरूरी नहीं है)

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Published: 22 Oct 2021,10:31 PM IST

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