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बीकेएस अयंगर, एक योगी जिसने धीरे-धीरे बढ़ते हुए अपने जादू से पूरी दुनिया को प्रभावित किया. उनके 'ब्रांडेड' योग को न केवल अमेरिका में स्वीकार किया गया, बल्कि उसे बतौर 'क्रिया' ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भी जगह दी गई.
साल 2004 में मशहूर 'टाइम' मैगजीन ने उन्हें दुनिया के 100 सबसे अधिक प्रभावित करने वाले लोगों की सूची में स्थान दिया.
बीकेएस अयंगर को गुजरे करीब चार साल हो चुके हैं, लेकिन उनके योगासन आज भी दुनिया के लाखों लोगों की जिंदगियों को प्रभावित कर रहे हैं. आखिर अयंगर के योग में ऐसा क्या है, जो उन्हें योग के 'बिजनेस' में दूसरों से अलग करता है?
अयंगर का योग बेहद सरल है. उनके योग के मुख्य रूप से चार तत्व हैं: परिशुद्धि, एकत्रीकरण, अनुक्रमण, समय और योग में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और चीजें. 200 तरह के आसन और 14 प्रकार के प्राणायाम उनके योग के तहत आते हैं, जिनसे लचीलापन, ध्यान और संतुलन विकसित करने में मदद मिलती है.
आसनों को सटीक तरीके से करना ही अयंगर के योग का सार है. ये योग इसे करने वाले को अपना शरीर समझने में मदद करता है, जिसके बाद एक शख्स अपनी दैहिक सीमाओं को बढ़ाते हुए एकदम सही बिंदु तक पहुंच सकता है.
अयंगर योग में किसी क्रिया को तब तक आसन की श्रेणी में नहीं रखा जाता, जब तक कि शरीर उसे बिल्कुल सटीक तरीके से स्वीकार न कर लें. है न जादू जैसा!
अयंगर का मानना था कि रिवर्सिंग ग्रेविटी से अभ्यास करने वाले को कई तरह के लाभ होते हैं. अयंगर योग में अभ्यास करने वाले को नियमित रूप से गुरुत्वाकर्षण के विपरीत जाकर आसन करने होते हैं. रस्सियों के अलावा अभ्यास को परफेक्ट करने के लिए कई तरह के प्रॉप्स और चीजों का इस्तेमाल किया जाता है.
अयंगर योग में सब कुछ सीक्वेंस से जुड़ा हुआ है. अयंगर आसनों का अभ्यास करने वाले को अपने सीक्वेंस का विशेष ध्यान रखना होता है.
सब कुछ नियत समय पर सटीक तरीके से होना चाहिए. एक बिल्कुल सटीक योग अनुक्रमण और समय से बंधा होता है. अयंगर का मानना था कि योग की हर मुद्रा स्थिरता और सुख का सूचक होती है.
खास बात ये है कि अयंगर ने 60 के दशक में ही पश्चिमी देशों में योग को प्रसारित करने का काम किया था. उनकी किताब 'लाइट ऑन योगा' पहली बार 1996 में आई. उस वक्त से अब तक ये लगातार पाठकों द्वारा खरीदी जा रही है. और ये सब - किसी सरकारी मदद या अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के शोर-शराबे के बगैर.
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