Haryana Elections 2024: हरियाणा में एक जिला जहां कांग्रेस ने भारी अंतर से जीत हासिल की है, वह है नूंह और उस जिले में आने वाली सीट फिरोजपुर झिरका और पुनहाना.
मुस्लिम बहुल नूंह में कांग्रेस के विधायक आफताब अहमद ने 46,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. जबकि फिरोजपुर झिरका में विधायक मम्मन खान की जीत का अंतर 95,000 से अधिक वोटों का रहा है और पुनाहाना में मोहम्मद इलियास ने 30,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की है.
नूंह में कांग्रेस की जीत नूंह के स्थानीय लोगों की भावनाओं से जुड़ी हुई है. यहां जमीनी स्तर पर, बेरोजगारी, बीजेपी द्वारा हर तरह के विकास की कमी और 'गौरक्षकों' द्वारा की जाने वाली हिंसा और उत्पीड़न को लेकर नाराजगी और गुस्सा था.
आफताब अहमद की जीत अहम क्यों है ?
आफताब अहमद ने पिछले विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद नूंह में दूसरी जीत का सिलसिला बनाए रखा है. ऐसा पहली बार हुआ है.
2019 में विधायक आफताब अहमद ने 4,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी लेकिन 2014 में वह बीजेपी के जाकिर हुसैन से 32,000 वोटों के अंतर से हार गए थे. 2009 में, उन्होंने बीजेपी के खिलाफ 17,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. 2005 में आफताब अहमद एक निर्दलीय उम्मीदवार से 4,000 से अधिक वोटों से हार गए थे.
मम्मन खान ने फिरोजपुर झिरका सीट बरकरार रखी
90 विधानसभा क्षेत्रों में से एक नूंह में ऐतिहासिक रूप से ज्यादातर कांग्रेस या स्वतंत्र उम्मीदवार ही जीतते आए हैं. कुछ ही बार इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के उम्मीदवार जीते हैं. जब क्विंट ने चुनाव कवरेज के लिए नूंह का दौरा किया, तो ज्यादातर स्थानीय लोगों ने लगभग पूर्वानुमानित तरीके से कहा था कि नूंह में कांग्रेस जीतेगी, जिसके मुख्य कारण दो कारक हैं: बीजेपी द्वारा ध्रुवीकरण को बढ़ावा देना और क्षेत्र में विकास की कमी.
बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत भावना
पंचायत नेताओं सहित स्थानीय लोगों ने कहा कि "बीजेपी केवल धर्म और जाति पर लड़ रही है, वे समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने नूंह में कोई विकास नहीं किया है और इसलिए उनके पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है."
इस बीच विधायक मम्मन खान - जो पिछले साल हुए नूंह हिंसा में आरोपी थे - उन्होंने फिरोजपुर झिरका में 70,000 से ज्यादा वोटों के भारी अंतर से दूसरी बार जीत हासिल की है.
इस साल की शुरुआत में, 31 जुलाई 2023 को ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा के लगभग 6 महीने बाद, उनके खिलाफ यूएपीए (UAPA) के आरोप लगाए गए थे.
2019 में उन्होंने बीजेपी के नसीम अहमद के खिलाफ 37,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. हालांकि, 2014 में जब वह उसी सीट पर इनेलो (INLD) के साथ थे, तब वे नसीम से हार गए थे.
इस बार, 5 अक्टूबर को मतदान के दौरान नूंह जिले में हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबरें आईं.
पुनाहाना से कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद इलियास और निर्दलीय उम्मीदवार रईस खान के समर्थकों के बीच कथित तौर पर हाथापाई हुई थी.
नूंह के इस तीसरे उपजिले में मोहम्मद इलियास ने दूसरी बार भी 30,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. पिछली बार उन्हें 2014 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार रहीश खान ने हराया था.
नूंह जिले में मतदान 72.1 प्रतिशत रहा - जो पिछले विधानसभा चुनाव के 71.42 प्रतिशत मतदान से थोड़ा ज्यादा है. कुल मिलाकर, नूंह विधानसभा क्षेत्र में 73.9 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना में क्रमशः 72.9 प्रतिशत और 69.5 प्रतिशत मतदान हुआ.
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