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पोर्नोग्राफी केस: राज कुंद्रा ने मांगी जमानत, बोले- 'बलि का बकरा बनाया जा रहा'

Raj Kundra Porn Case: मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने हाल ही में मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया था

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पोर्नोग्राफिक कंटेंट मामले (Pornographic Content) में आरोपी बिजनेसमैन राज कुंद्रा (Raj Kundra) ने 18 सितंबर को कोर्ट में जमानत याचिका दायर करते हुए कहा कि उन्हें "बलि का बकरा" बनाया जा रहा है और कथित संदिग्ध कंटेंट बनाने में दायर की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में उनके सक्रिय रूप से शामिल होने का एक भी सबूत नहीं है.

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मामले में हाल ही में क्या हुआ?

मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने हाल ही में कुंद्रा और तीन अन्य के खिलाफ कथित तौर पर अश्लील फिल्में बनाने और कुछ ऐप्स के जरिए उन्हें पब्लिश करने के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट (पूरक आरोप पत्र) दायर किया था.

इसके बाद राज कुंद्रा ने जमानत के लिए मेट्रोपॉलिटिन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि मामले की जांच, प्रैक्टिकली समाप्त हो गई है.

बॉलीवुड एक्टर शिल्पा शेट्टी के पति कुंद्रा को 19 जुलाई को IPC के तहत संबंधित धाराओं और आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था.

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फिलहाल वो न्यायिक हिरासत में है. अधिवक्ता प्रशांत पाटिल के माध्यम से दायर जमानत में, कुंद्रा ने दावा किया कि अभियोजन पक्ष (Prosecution) के पास आज तक एक भी सबूत नहीं है, जिससे कि 'हॉटशॉट्स (Hotshots)' ऐप को कानूनन अपराध से जोड़ा जा सके.

राज कुंद्रा द्वारा दायर की गई जमानत याचिका में यह भी कहा गया है कि वास्तव में, ये व्यक्तिगत कलाकारों का फैसला है कि वे अपने कंटेंट को ऐप पर अपलोड करें.

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जांच में हॉटशॉट्स (Hotshots) ऐप का नाम आया था

जांच एजेंसी के मुताबिक, आरोपी द्वारा अश्लील कंटेंट अपलोड करने और स्ट्रीमिंग के लिए हॉटशॉट्स ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा था.

हालिया आवेदन में कहा गया है कि शिकायत का कंटेंट कुंद्रा के खिलाफ किसी भी प्रथम दृष्टया अपराध को नहीं दर्शाती है और कुंद्रा को मामले में झूठा फंसाया गया था.

जमानत याचिका में आगे कहा गया है कि FIR में राज कुंद्रा का नाम नहीं था और कुंद्रा को प्रतिवादी (पुलिस) ने मामले में घसीटा है. जांच एजेंसियों को पता वजहों के लिए, उन्हें "बलि का बकरा" बनाया जा रहा है.

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अब तक की जांच से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि कुंद्रा कथित "संदिग्ध कंटेंट" बनाने में दूर से भी किसी अपराध में शामिल नहीं थे. साथ ही, वो कथित संदिग्ध कंटेंट को अपलोड करने या प्रसारित करने के प्रोसेस तक से संबंध नहीं रखते हैं. कोर्ट 20 सितंबर को जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगा.

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