एक्रो योग एक्सरसाइज का एक ऐसा रूप है, जिससे एक्रोबेटिक्स और योग दोनों का फायदा मिलता है. योग टीचर भाविनी शर्मा बताती हैं कि एक्सरसाइज का ये तरीका आपको ना केवल ताकत और आत्मविश्वास पैदा करने में मदद करता है, बल्कि भरोसा और ध्यान केंद्रित करने में भी सहायक होता है.
इस योग की शुरुआत करने से पहले अपने शरीर की फिटनेस और ताकत को समझना महत्वपूर्ण है. इन बातों पर ध्यान देने के साथ, आप एक्रो योग आसानी से शुरू कर सकते हैं. सही तकनीक और एक अच्छे पार्टनर के साथ आपको एक्रो योग के जरिए उड़ान भरने से कोई नहीं रोक सकता.
हम यहां कुछ बेसिक एक्रो योग आसन के बारे में बता रहे हैं, जिसे आप शुरुआती फेज में आसानी से कर सकते हैं.
1. बर्ड पोज
- सबसे पहले आप एक मैट पर लेट जाएं.
- अब फर्श से ऊपर की ओर अपने पैरों को उठाएं.
- इसके बाद (फ्लायर) यानी कि जो ऊपर की ओर उठेगा उसके पैरों की उंगलियां दूसरे पार्टनर की उंगलियों को छूना चाहिए.
- फिर यह फ्लायर की जिम्मेदारी है कि दूसरे पार्टनर के पैरों के बाहरी हिस्से को अपने कूल्हे की हड्डी पर सही तरीके से रखें.
- अब अपनी हथेली को आगे की तरफ फैलाएं.
- मैट पर लेटे हुए पार्टनर भी अपनी हथेली को ऊपर की तरफ उठाएं और फ्लायर की हथेली को थाम लें.
- इस पोज में जाने से पहले, वजन घटाने के एक्सरसाइज की प्रैक्टिस करें ताकि आप ये महसूस कर सकें कि पक्षी की तरह ऊपर उठने में कैसा महसूस होगा.
- ऐसा करने के बाद, सांस अंदर लेते हुए अपने घुटनों को मोड़ लें.
- फिर सांस बाहर छोड़ते हुए, अपने पैरों को सीधा करें.
- साथ ही अपनी बाहों को सीधा रखें.
- कंधे का भार कलाइयों पर दें, ध्यान रखें कि आपके और फ्लायर के कंधे एक सीध में होना चाहिए.
- इस पोज से बाहर आने के लिए, अपने घुटनों और कोहनी को झुकाएं और धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं.
2. फोल्डेड लीफ
- इस पोज को करने के लिए, अपने पैरों को उठाएं और पार्टनर के कूल्हे की हड्डी पर नहीं बल्कि कूल्हे के अंदर की तरफ मुड़ाव पर रखें.
- अपनी हथेलियों को आगे की तरफ ले जाएं.
- धीरे-धीरे अपने घुटनों को झुकाएं और पार्टनर (फ्लायर) को उठाएं.
- फिर अपनी बाहों को आराम दें और पीछे की ओर जाएं.
- अगर आप अपने पैरों को व्यस्त रखते हैं, तो वे आकाश की तरफ होंगे. पैरों को आराम से रखें.
- अपने पैरों को फर्श की तरफ रखें और पूरी ऊपरी बॉडी को आराम देने के लिये खुद को लटका दें.
- यह पोज स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी फायदेमंद है क्योंकि फ्लायर की रीढ़ पूरी तरह से आराम की मुद्रा में होती है और उन्हें मांसपेशियों में किसी भी तरह का खिंचाव करने की जरूरत नहीं होती है.
- इस पोज से बाहर आने के लिये धीरे-धीरे अपनी हथेलियों का सहारा लेते हुए पार्टनर को पकड़ें , फिर अपने घुटनों को झुकाएं और धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं.
3. स्ट्रैडल थ्रोन
- इस पोज के लिए, फ्लायर को अपने पैरों के बीच दूरी बनाते हुए अपने घुटनों को झुकाना होगा.
- दूसरा पार्टनर जो मैट पर लेटा होगा उसे फ्लायर के जांघों के अंदरूनी किनारे पर अपने पैरों को रखना चाहिए.
- इसके बाद हथेलियों को पकड़ने के लिये हाथ आगे करें.
- फिर सांस अंदर लेते हुए अपने घुटनों को मोड़ें.
- सांस बाहर छोड़ते हुए दबाव दें.
- यहां से, धीरे-धीरे पैर को फंसाएं.
- फ्लायर यानी जो पार्टनर ऊपर है, उसकी पीठ सीधी होनी चाहिए.
- अपने पैरों को ऊपर की तरफ करते हुए सांस लेना जारी रखें.
- फिर सांस लेते हुए अपनी बाहों को मोड़ें.
- सांस छोड़ने के दौरान हथेलियों को केंद्र में लाएं.
- पोज से बाहर आने के लिये अपनी हथेलियों का सहारा लेते हुए फ्लायर को धीरे-धीरे फ्लोर पर लेकर आएं.
सुरक्षा के लिये जरूरी टिप्स
- एक्रो योग के इन पोज की प्रैक्टिस करने से पहले आपको कुछ बातों पर ध्यान देने की जरूरत है.
- एक ऐसे शब्द पर दोनों पार्टनर पहले से बात कर लें, जो फ्लायर के असहज महसूस होने पर इस्तेमाल किया जाए और दूसरा पार्टनर उसे समझ कर पोज से बाहर निकलने या पार्टनर को सहज महसूस कराने की कोशिश करें.
- दूसरा टिप - एक्सरसाइज से पहले अपने पैरों को साफ रखें.
- गिरने से डरे नहीं, संतुलन बनाना सीखें और कभी गिर जाने पर भी परेशान होने की बजाए इसका मजा लें.
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