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इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार हैं ये आयुर्वेदिक हर्बल वाटर

जड़ी बूटियों को पानी में मिलाकर घर में तैयार कर सकते हैं हर्बल वाटर.

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आज हम सब ऐसे दौर में जी रहे हैं, जहां हमें किसी भी मामले में इंतजार करना पसंद नहीं. हर चीज फटाफट होनी चाहिए. एक तरह से त्वरित संतुष्टि का युग है. सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए हमें तुरंत गोली या कैप्सूल लेना बेहतर लगता है. वहीं दूसरी ओर आयुर्वेद घर में ही उपलब्ध रहने वाली सामग्रियों से ठीक होने का विकल्प देता है.

जड़ी बूटियों से तैयार किया जाने वाला पानी

इंफ्यूज्ड वाटर ऐसा ही एक तरीका है, जो बीमारियों को दूर करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने और आपके शरीर में पानी का उचित स्तर बनाए रखने में मदद करता है.

आयुर्वेद में हर्ब्स यानी जड़ी बूटियों, सब्जियों और फलों से उपचार जल (इंफ्यूज्ड वाटर) तैयार करना सामान्य क्रिया है. कहा जाता है कि कुछ निश्चित हर्ब्स को जब पानी में डुबाया जाता है, तो उस पानी में आपका कायाकल्प करने के साथ ही बीमारियों को दूर रखने की क्षमता आ जाती है.

जब आप निश्चित हर्ब्स, सब्जियों या फलों को पानी में डालते हैं, तो आप उस पौधे के औषधीय गुणों को निकाल लेते हैं. इससे पानी की हीलिंग पावर बढ़ जाती है.

त्रिफला का पानी

 जड़ी बूटियों को पानी में मिलाकर घर में तैयार कर सकते हैं हर्बल वाटर.
त्रिफला का पानी पूरे दिन किसी भी समय पी सकते हैं
(फोटो: iStock)

त्रिफला तीन फलों या हर्ब्स- आंवला, बहेड़ और हरड़ का मिश्रण है. इसलिए इसका नाम त्रिफला है. त्रिफला को धूप में अच्छी तरह से सूखाकर और पीस कर पाउडर तैयार किया जाता है. यह उन हर्ब्स में से एक है, जिनमें बहुत अधिक पानी नहीं मिलाया जाता है. यह अधिकतर पाउडर के रूप में ही मिलता है.

आप एक गिलास गर्म पानी में एक टीस्पून त्रिफला पाउडर मिला लें. इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें. इसके बाद आप इस पानी को पूरे दिन में किसी भी समय पी सकते हैं.

त्रिफला का पानी किस तरह फायदेमंद है?

आयुर्वेद में त्रिफला को सुपरफूड माना गया है क्योंकि इसमें तीन दोषों वात, पित्त और कफ को नियंत्रित करने की क्षमता है.

  • यह पाचन प्रक्रिया में सुधार और पेट साफ रखता है.
  • यह आंत को साफ करता है और पाचन तंत्र से विषाक्त (टॉक्सिंस) पदार्थ बाहर निकालने में मददगार है.
  • त्रिफला को नियमित रूप से लेने से यह खून साफ करने और गॉल ब्लैडर, लिवर व किडनी साफ करने में भी मदद करता है.
  • क्या आपको अपनी इम्यूनिटी का स्तर बढ़ाने की जरूरत है? फिर आप रोज एक गिलास त्रिफला का पानी पीएं.

मेथी का पानी

 जड़ी बूटियों को पानी में मिलाकर घर में तैयार कर सकते हैं हर्बल वाटर.
मेथी दाने की तासीर गर्म होती है
(फोटो: iStock)

दाल में तड़का लगाने और अचार में डालने के अलावा भी मेथी दाना कई रूप में प्रयोग किया जाता है. छोटे-छोटे ये पीले दाने, जो स्वाद में थोड़े कड़वे लगते है, औषधीय गुणों का पावरहाउस हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं.

मेथी दाने की तासीर गर्म होने के कारण इसे शुरुआत में कम मात्रा में प्रयोग में लाना चाहिए. धीरे-धीरे इसकी बताई गई मात्रा को बढ़ाया जा सकता है. आयुर्वेद में रोजाना एक चम्मच मेथी दाने का प्रयोग करने की बात कही गई है.

मेथी दाने को गुनगुने पानी में रातभर भिगो दें. इस पानी को सुबह पी लें.

मेथी का पानी किस तरह से फायदेमंद है?

  • मेथी दाने का पानी सूजन से बचाव करता है.
  • यह वजन कम करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार है.
  • मेथी के पानी में अमीनो एसिड कंपाउंड होता है, जो पैंक्रियाज में इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाता है.
  • यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है.

पथीमुगम (इंडियन रेडवुड) जल

 जड़ी बूटियों को पानी में मिलाकर घर में तैयार कर सकते हैं हर्बल वाटर.
इंडियन रेडवुड वाटर न सिर्फ आपकी प्यास बुझाता है बल्कि डिहाइड्रेशन से भी बचाता है
(फोटो: विकिपीडिया)

मैंने पथीमुगम जल के बारे में सबसे पहले उस समय जाना, जब मैं एक महीने के लिए केरल में थी. पथीमुगम या इंडियन रेडवुड एक इंफ्यूज्ड ड्रिंक है, जो केरल के अधिकतर घरों में पीते हैं.

इंडियन रेडवुड वाटर न सिर्फ आपकी प्यास बुझाता है बल्कि डिहाइड्रेशन से भी बचाता है. 

इसमें पेड़ की छाल को छोटे टुकड़ों में काटकर उसे पानी में पांच मिनट से भी कम समय तक उबाल लिया जाता है. जब यह पानी हल्का गुलाबी हो जाए तो यह पीने योग्य हो जाता है. इसे खाने के साथ या दिन में किसी भी समय लिया जा सकता है.

पथीमुगम जल किस तरह से मददगार है?

प्यास बुझाने के साथ ही इंडियन रेडवुड पेड़ की छाल औषधीय गुणों से भरपूर है. इसका पानी खून को साफ करने और टॉक्सिंस को बाहर निकालने के लिए जाना जाता है. इससे हेल्दी स्किन, कॉलेस्ट्रोल लेवल और शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है.

तुलसी का पानी

 जड़ी बूटियों को पानी में मिलाकर घर में तैयार कर सकते हैं हर्बल वाटर.
तुलसी का पानी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
(फोटो: iStock)

यह एक ऐसा पौधा है, जो हर भारतीय घरों में पाया जाता है. तुलसी या पवित्र तुलसी त्वचा के साथ ही बालों के लिए भी चमत्कारिक रूप से काम करता है. यही कारण था बाजार में पैकेज्ड मास्क पैक के आने से बहुत पहले ही हमारी माताएं तुलसी और नीम को पीसकर चेहरे पर लगाने के फायदे बताती थीं.

मुट्ठीभर तुलसी के पत्ते को लेकर उसे एक जग पानी में डाल दें. इसे रातभर छोड़ दें.

तुलसी का पानी किस तरह फायदेमंद है?

  • हेल्दी स्किन और बालों के अलावा तुलसी अपने एंटीबायोटिक, एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुणों के लिए भी जानी जाती है.
  • तुलसी का पानी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और फ्लू दूर रहता है.
  • यह किडनी में यूरिक एसिड के लेवल को कम करने और उसे साफ करने में मदद करता है.

यदि आप अपनी लाइफस्टाइल में कोई नई चीज को शामिल करना चाहते हैं, तो इसके लिए बेहतर होगा कि आप पूरी तरह से आश्वस्त हो जाएं कि ये इंफ्यूज्ड वाटर आपको सूट करे.

यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है, तो इस इंफ्यूज वाटर को पीने से पहले आप जनरल फिजिशियन से जरूर सलाह लें.

तो बेहतर स्वास्थ्य के लिए आप कब से एक सिप लेने के लिए तैयार हो रहे हैं.

(आप प्रतिभा पाल का ब्लॉग www.pratsmusings.com पर पढ़ सकते हैं.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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