वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहीम
राजधानी दिल्ली से हर रोज खबरें आ रही हैं कि कोरोना मरीजों को बेड की कमी का हवाला देकर कई हॉस्पिटल के चक्कर कटवाए जा रहे हैं. लेकिन अगर दिल्ली सरकार की ओर से जारी दिल्ली कोरोना ऐप (Delhi Corona) की मानें तो सरकारी हॉस्पिटल में 70 प्रतिशत तक बेड खाली हैं.
फिट ने सच्चाई जानने के लिए रियलिटी चेक किया. 9-10 जून को अलग-अलग सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में हमने फोन कर जाना कि वहां कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड उपलब्ध हैं या नहीं. लेकिन ऐप के मुताबिक जिन अस्पतालों में बेड खाली बताए जा रहे थे वहां फोन करने पर स्थिति अलग नजर आ रही थी. हमें फोन पर जवाब मिला कि बेड उपलब्ध नहीं हैं.
Delhi Corona ऐप उन सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को लिस्ट करता है जो COVID-19 मरीजों का इलाज करते हैं. ये कुल बेड के साथ-साथ अस्पताल में इस्तेमाल हो रहे और खाली पड़े बेड और वेंटिलेटर की संख्या की जानकारी भी देता है.
दिल्ली कोरोना ऐप पर 10 जून को कोविड डेजिगनेटेड 104 अस्पतालों की जानकारी उपलब्ध थी. इन अस्पतालों में 4128 बेड खाली थे. वहीं वेंटिलेटर्स की संख्या 234 थी, जो ऑक्यूपाइड नहीं थे. हाल ही, कोविड डेजिगनेटेड अस्पतालों की संख्या भी बढ़ाई गई है.
हमने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के कई अस्पतालों को फोन किया. माता चानन देवी हॉस्पिटल, संत परमानंद हॉस्पिटल, जग प्रवेश चंद्र हॉस्पिटल में फोन करने पर जवाब मिला कि बेड खाली नहीं हैं, जबकि ऐप पर बताया गया था कि इन अस्पतालों में बेड उपलब्ध हैं.
सरकारी हॉस्पिटल जग प्रवेश चंद्र ने कहा कि उनके यहां कोविड मरीज का इलाज नहीं किया जा रहा.
कोरोना ऐप पर दी गई जानकारी, अस्पताल में फोन करने पर सही साबित नहीं होती. आंकड़ों को लेकर अंतर दिखाई देता है. इसके पीछे रियल टाइम डेटा का उपलब्ध न होना एक बड़ी वजह हो सकती है.
हमने अस्पताल प्रशासन से इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी है, हालांकि अब तक जवाब नहीं मिला है. जवाब मिलने पर स्टोरी अपडेट कर दी जाएगी.
दिल्ली भयानक रूप से कोरोना वायरस की चपेट में आती जा रही है. कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 37 हजार के करीब पहुंच गया है. मौत का कुल आंकड़ा 1214 हो गया है.
देखिए ये पूरी रिपोर्ट.
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