उत्तराखंड में डेंगू दिन-पर-दिन विकराल होता जा रहा है. इस बीमारी की चपेट में कितने लोग हैं, इसका सही आंकड़ा बताने को कोई तैयार नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि डेंगू से बीमार लोगों की संख्या हजारों में है.
उत्तराखंड के स्वास्थ्य निदेशालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "पूरे प्रदेश में डेंगू ने अपने पैर पसार रखे हैं. निचले क्षेत्र में इसका असर ज्यादा है. प्रदेश में अभी करीब हजारों की संख्या में लोग इसकी चपेट में आ गए हैं. स्थिति इतनी भयावह हो चली है कि आम आदमी के साथ स्वास्थ्य विभाग, सचिवालय परिसर और पुलिस महकमा कोई भी इससे अछूता नहीं है."
अधिकारी ने बताया, "ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जो नीचे से लोग पहुंचे हैं, वहां भी इसका असर दिख रहा है. हालांकि ये मच्छर इतनी ऊंचाई और खासकर ठंडे इलाके में नहीं रह पाता है. इस कारण जिन-जिन पहाड़ी क्षेत्रों के लोग इसकी चपेट में हैं, वे निश्चित तौर पर यहीं से ही पीड़ित होकर पहुंचे हैं."
शुरुआत में डेंगू के मच्छर ने रायपुर और इससे सटे इलाकों में कहर बरपाया था, लेकिन अब शायद ही कोई ऐसा इलाका हो, जो डेंगू के कहर से बचा हो. शहर के पॉश इलाके में स्थित एक नामी स्कूल में तो अनिश्चितकालीन छुट्टी तक कर दी गई है. शहर का कोई ऐसा अस्पताल नहीं, जहां पर डेंगू के मरीज भर्ती न हों. इसके अलावा सैकड़ों मरीज घर पर ही इलाज करा रहे हैं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस.के. गुप्ता ने बताया, "डेंगू के प्रकोप को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. स्कूलों के माध्यम से प्रचार-प्रसार के साथ-साथ दूसरे कदम भी उठाए जा रहे हैं. इसके साथ ही नगर निगम की टीमें लगातार शहर में फॉगिंग कर रही हैं."
राजधानी देहरादून के पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी सहित अन्य कई थानेदार भी इससे अछूते नहीं हैं. कई इंस्पेक्टर भी डेंगू और वायरल फीवर की चपेट में हैं, जिनका इलाज चल रहा है. डेंगू के डंक से डरकर अब पुलिस मुख्यालय से भी बीमार पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट तैयार होने लगी है और जब रिपोर्ट सामने आई तो संख्या पुलिस विभाग में 120 पार पहुंची हुई मिली.
वहीं, देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा, "देहरादून के हर वार्ड में जाकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. इसमें लोगों को डेंगू की पहचान बताने के साथ ही सावधानी बरतने के संबंध में जानकारी दी जा रही है."
उन्होंने बताया, “जहां भी पानी के इकट्ठा होने को लेकर सूचना सामने आएगी, वहां तुरंत साफ -सफाई का काम किया जा रहा है. हालांकि स्वास्थ्य महकमा डेंगू पर रोक लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है और डेंगू महामारी के रूप में लगातार पैर पसार रहा है.”
स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने बताया, "जहां पर डेंगू का प्रकोप ज्यादा है, वहां विशेष कदम उठाए जा रहे हैं. डेंगू से निपटने के लिए सरकार ने अतिरिक्त डॉक्टर तैनात करने का निर्णय लिया है. शहरों में नए ब्लड सैंपल कलेक्शन सेंटर भी बनाए जा रहे हैं. गढ़वाल के जिलों से आठ डॉक्टर देहरादून, जबकि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में तैनात 22 डॉक्टरों को हल्द्वानी में तैनात किया किया गया है. दून अस्पताल, गांधी अस्पताल और कोरोनेशन अस्पताल में 18-18 स्टाफ नर्स तैनात करने के भी निर्देश दिए हैं."
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