फेसबुक पर अपने समूहों में यूजर्स के संवेदनशील स्वास्थ्य डेटा की सुरक्षा में नाकाम रहने का आरोप लगा है.
फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) में सोमवार 18 फरवरी 2019 को दायर एक शिकायत में कहा, ‘फेसबुक ने इन उत्पादों की मार्केटिंग पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड बोलकर किया था और जिन मरीजों ने इस पर अपने डेटा रखे, उन्हें पब्लिक कर दिया.’
द वर्ज की रिपोर्ट में कहा गया कि सबसे पहले ये मामला जुलाई में सामने आया था, जब महिलाओं के ग्रुप की एक सदस्य जो जीन म्यूटेशन से पीड़ित थी, उन्होंने पाया कि बड़ी आसानी से यूजर्स के नाम और ईमेल पते एक साथ भारी संख्या में डाउनलोड हो गए, इसे मैनुअली और क्रोम एक्सटेंशन के माध्यम से डाउनलोड किया गया.
उसके बाद, सोशल नेटवर्किंग दिग्गज ने दावा किया था कि उसने 'ग्रुप्स' में बदलाव किया है और उसे 'सीक्रेट ग्रुप्स' में बदल दिया है. हालांकि अब इसे ज्वाइन करना मुश्किल हो गया है क्योंकि इसे खोजना भी मुश्किल हो गया है.
हालांकि, शिकायत में कहा गया है कि निजी रूप से पोस्ट की गई स्वास्थ्य जानकारियों को पब्लिकली शेयर करना कानून का उल्लंघन है, जोकि फेसबुक के प्राइवेसी प्रैक्टिस के तरीकों की गंभीर समस्या है.
द वर्ज ने कहा कि फेसबुक पहले से ही निजता चूक को लेकर एफटीसी के साथ अरबों डॉलर के जुर्माने को लेकर बातचीत कर रहा है और जुर्माने की रकम को घटाने का आग्रह कर रहा है.
इस मुद्दे पर अभी तक कंपनी ने कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है.
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