ADVERTISEMENTREMOVE AD

कंधे के दर्द को नजरअंदाज ना करें, ये डायबिटीज हो सकता है

फ्रोजन शोल्डर के लिए एक्सरसाइज, जिन्हें आप घर पर कर सकते हैं.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जब मेरे 57 साल के बॉस को कंधे में गंभीर परेशानी हुई, तो शुरुआत में उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने सोचा कि यह शायद पूरे दिन फोन या लैपटॉप पर काम करने की वजह से हो सकता है.

उन्होंने कुछ दिन परेशानी के साथ ही काम किया. लेकिन दर्द फिर भी खत्म नहीं हुआ. इसके बाद वह अपने एक डॉक्टर दोस्त के पास इसकी जांच कराने गए. उनके डॉक्टर दोस्त ने उनसे कहा कि यह फ्रोजन शोल्डर (कंधे की अकड़न) जैसा लग रहा है. उन्होंने कहा, ‘और हां, तुमको डायबिटीज (मधुमेह) हो सकता है. तुम अपने शुगर की जांच करा लो.’

इसके बाद मेरे बॉस का माथा ठनका. उन्होंने जो सुना उसकी दो बार तस्दीक की. पता चला कि फ्रोजन शोल्डर और डायबिटीज का आपस में संबंध है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

डायबिटीज और जोड़ों में विकार का संबंध

फ्रोजन शोल्डर यानी कंधे की अकड़न एक ऐसी स्थिति है, जो आपके कंधों के जोड़ को प्रभावित करती है. इससे आमतौर पर कंधे में दर्द होता है और इसमें कंधा सख्त महसूस होता है. कंधे में दर्द धीरे-धीरे बढ़ता जाता है. कंधे को हिलाना तक मुश्किल हो जाता है. एक से तीन साल की अवधि में आपका कंधा सामान्य स्थिति में आ जाता है.

किस्मत से मेरे बॉस के टेस्ट में डायबिटीज बिल्कुल बॉर्डर लाइन पर थी. लेकिन अपने डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने सावधानी बरतनी शुरू कर दी. उन्होंने अपने खानपान में हेल्दी बदलाव किए और एक्सरसाइज करना शुरू कर दिया.

डायबिटीज की परेशानी के रूप में फ्रोजन शोल्डर बहुत कम जाना जाता है. यह ऐसा लक्षण है जिसके बारे में आंखों की रोशनी चली जाना, नर्व डैमेज होना, किडनी समस्या या अन्य की तुलना में चर्चा कम ही होती है.

डायबिटीज और डिजेनरेटिव जॉइंट डिसऑर्डर या ऑस्टियोआर्थराइटिस के मामले बहुत आम हैं. ये एक दूसरे के बिल्कुल समानांतर चलते हैं. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि डायबिटीज का सीधा संबंध विटामिन डी और कैल्शियम की कमी, प्रतिरक्षा (इम्यून) प्रतिक्रिया में कमी और ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) से है.
डॉ एस के वांगनू, सीनियर कंसल्टेंट एंडो क्राइनोलॉजिस्ट, अपोलो हॉस्पिटल.

हाई शुगर हड्डियों के निर्माण को प्रभावित करता है और अनियंत्रित डायबिटीज कंधों में अकड़न की वजह हो सकता है.

50 साल या इससे अधिक की उम्र वाले लोग जिन्हें फ्रोजन शोल्डर की शिकायत हो. उन्हें निश्चित रूप से डायबिटीज की जांच करा लेनी चाहिए. वास्तव में शरीर में किसी भी प्रकार की दिक्कत हो, तो आपको ब्लड शुगर की जांच करा लेनी चाहिए.
डॉ. सुजीत झा, डायरेक्टर,एंडोक्राइनोलॉजी, डायबिटीज एंड ओबेसिटी, मैक्स हॉस्पिटल

डॉ. झा बताते हैं कि डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में फ्रोजन शोल्डर होने का खतरा अधिक होता है. यह अधिक उम्र वाले लोगों में आम है.

डॉ. वांगनू भी कहते हैं कि फ्रोजन शोल्डर डायबिटीज में काफी आम बात है. 100 रोगियों में 50 की उम्र के 40 फीसदी लोगों में फ्रोजन शोल्डर होगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आपको क्या करना चाहिए?

डॉ. झा बताते हैं, कंधों में अकड़ या फ्रोजन शोल्डर इसलिए होता है क्योंकि आप इसका प्रयोग नहीं करते. अधिकतर लोग जो एक्सरसाइज करते हैं, उन्हें कभी फ्रोजन शोल्डर नहीं होगा.

इसलिए, आपको तुरंत डायबिटीज की जांच करानी चाहिए. इसका इलाज काफी आसान है- शुगर व डाइट कंट्रोल और फिजियोथेरेपी.

जब तक अत्यंत गंभीर मामला न हो दवाई या सर्जरी की जरूरत नहीं होती है. इसमें बिना किसी सुधार के सालों तक चला जा सकता है. आराम के लिए दर्द वाली जगह पर 15 मिनट के लिए हीटिंग पैड का दिन में दो या तीन बार प्रयोग कर सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फ्रोजन शोल्डर के लिए एक्सरसाइज

फीजियोथेरेपिस्ट की सलाह के अनुसार यहां कुछ आसान एक्सरसाइज हैं, जिन्हें आप घर पर कर सकते हैं.

तौलिये को खींचना

  1. तीन फीट लंबे तौलिये के एक सिरे को अपने पीछे से पकड़ें और इसके विपरीत सिरे को दूसरे हाथ से पकड़ें.
  2. तौलिये को आड़ा (हॉरिजोंटल) स्थिति में पकड़ें.
  3. बिना दर्द वाले बाजू से दूसरे प्रभावित बाजू को ऊपर की तरफ ले जाएं.

क्रॉस बॉडी रिच

  1. बैठकर या खड़े होकर.
  2. अपने बिना दर्द वाली बाजू से प्रभावित बाजू को कोहनी से उठाएं. इसे अपने शरीर से ऊपर की तरफ लाएं. अपने कंधे को खींचने में हल्का दबाव डालें.
  3. इसे करीब 15 से 20 सेकंड तक खींच कर रखें.

आर्मपिट स्ट्रैच

  1. अपने बिना दर्द वाली बाजू का प्रयोग कर प्रभावित बाजू को छाती की ऊंचाई तक लाएं. अपने घुटनों को आराम से मोड़ें, अपने बगल (आर्मपिट) को खोलें.
  2. अपने घुटनों के मोड़ को हल्के से और नीचे की तरफ करें. आराम से बगल को फैलाएं, इसके बाद सीधा करें. प्रत्येक घुटनों को मोड़ने के दौरान अपने फैलाव को थोड़ा बढ़ाएं, लेकिन इस पर बल न लगाएं.
  3. इस बात को निश्चित कर लें कि आपको हल्का स्ट्रेच करना है जिससे कि आपके कंधों में ज्यादा खिंचाव न आए. यदि इसके बाद भी दर्द बना रहता है या बढ़ता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×