देश में कोरोना वायरस संक्रमण का कुल आंकड़ा 1,03,05,788 हो गया है, COVID-19 से कुल 1,49,218 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक, 99,06,387 लोग संक्रमण से उबरे हैं.
कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनिया भर में वैक्सीन को लेकर बड़ी तेजी से काम हुआ है और कई देशों में कुछ कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी भी दे दी गई है.
भारत में भी जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने की उम्मीद है और कोरोना वैक्सीन कैंडिडेट को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन देने की प्रक्रिया पर काम जारी है.
एक्सपर्ट पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ओर से 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक द्वारा 'कोवैक्सीन' के लिए मांगे गए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन पर निर्णय लेने के लिए 1 जनवरी और 2 जनवरी को बैठक बुलाई थी.
कोविशील्ड के लिए इमरजेंसी यूज की सिफारिश, DCGI की अनुमति का इंतजार
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की 10 सदस्य वाली सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने शुक्रवार 1 जनवरी, 2021 को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोविशील्ड' को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की मंजूरी देने की सिफारिश की है, हालांकि अभी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से मंजूरी मिलना बाकी है.
अंतिम अनुमोदन के लिए आवेदन भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) वी. जी. सोमानी को भेज दिया गया है.
ब्रिटेन और अर्जेंटीना पहले ही कोविशील्ड को मंजूरी दे चुके हैं.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने क्लीनिकल ट्रायल और 'कोविशील्ड' के निर्माण के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ भागीदारी की है.
'कोवैक्सीन' को इमरजेंसी यूज की मंजूरी देने की सिफारिश
आईएएनएस के अनुसार भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विषय विशेषज्ञ समिति ने शनिवार 2 जनवरी, 2021 को भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को इमरजेंसी में रिस्ट्रिक्टेड यूज की मंजूरी देने के लिए सिफारिश की है.
भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर 'कोवैक्सीन' बनाई है.
अमेरिका की फाइजर पहली वैक्सीन थी, जिसने चार दिसंबर को त्वरित मंजूरी के लिए आवेदन किया था. इसके बाद 6 और 7 दिसंबर को सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने आवेदन किया था. फाइजर ने हालांकि अभी डेटा पेश करने के लिए और समय मांगा है.
देश में कोविड वैक्सीनेशन को लेकर ड्राई रन
दिसंबर के अंत में चार राज्यों में एक मिनी ड्रिल सफल होने के बाद शनिवार 2 जनवरी, 2021 को वैक्सीन प्रक्रिया का देशव्यापी पूर्वाभ्यास चला.
अधिकारियों ने शनिवार 2 जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 259 जगहों पर एक मेगा ड्रिल का आयोजन किया.
ड्राई रन से मतलब है कि बिना वैक्सीन लगाए उस पूरी प्रक्रिया का पालन करना, जो वैक्सीनेशन के लिए की जानी है. ड्राई रन के जरिए प्रकिया की जांच की जाती है कि पूरा सिस्टम सही से काम कर रहा है या नहीं.
ड्राई रन के जरिए यह सुनिश्चित करना है कि जब असल टीकाकरण कार्यक्रम लॉन्च होगा तो वह आसानी से और पूरे सुरक्षा प्रोटोकॉल के पूरा हो जाएगा.
वैक्सीनेशन को लेकर क्या है केंद्र की योजना?
केंद्र सरकार ने वैक्सीन अभियान के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना बनाई है.
वैक्सीन सबसे पहले एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ ही दो करोड़ फ्रंटलाइन और आवश्यक वर्कर्स और 27 करोड़ बुजुर्गों को दी जाएगी. वैक्सीन के लिए पहले से बीमारियों का सामना कर रहे 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि COVID-19 वैक्सीन पूरे देश में फ्री होगी. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक हर्षवर्धन से जब पूछा गया कि 'कोरोना वैक्सीन जैसी दिल्ली में फ्री होगी क्या वैसे ही सभी राज्यों में फ्री होगी', तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, ''दिल्ली में ही नहीं, पूरे देश में फ्री होगी.''
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन के मुताबिक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया जल्द ही आवेदनों पर अपनी सिफारिश देगा. सरकार के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, टीकाकरण की प्रक्रिया 6 जनवरी से शुरू हो सकती है.
एक्सपर्ट्स ने कहा है कि लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वैक्सीनेशन का मतलब यह नहीं है कि वे कोरोनावायरस से सुरक्षित हैं और वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना छोड़ दें. उन्हें अभी भी मास्क, स्वच्छता, सोशल डिस्टेन्सिंग जैसे मानदंडों का पालन करना होगा.
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