एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों को COVID-19 हो चुका है, उनके लिए Pfizer/BioNTech वैक्सीन की एक डोज काफी हो सकती है.
स्टडी में पाया गया कि ऐसे लोगों को वैक्सीन की एक डोज फिर से संक्रमण यानी रीइन्फेक्शन के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा दे सकती है, इस तरह लाखों अतिरिक्त डोज उपलब्ध हो सकते हैं.
अमेरिका के शिकागो में रश यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन में डिविजन ऑफ एलर्जी एंड इम्यूनोलॉजी से अयसन रेवने ने कहा, "हमने कोरोना से पहले संक्रमित हो चुके लोगों में BNT162b2 (Pfizer/BioNTech vaccine) की पहली डोज के बाद उन व्यक्तियों के मुकाबले SARS-CoV-2 के खिलाफ ज्यादा एंटीबॉडी लेवल देखा जो वैक्सीन की दो डोज ले चुके थे और जो पहले कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए थे."
इसके अलावा, टीम ने नोट किया कि पॉजिटिव SARS-CoV-2 स्पाइक IgG लेवल वाले पहले से संक्रमित व्यक्तियों में, "दूसरी डोज से पहली डोज की तुलना में IgG के लेवल में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई, ऐसे में इस ग्रुप के लिए 1 डोज स्वीकार्य हो सकती है."
जामा नेटवर्क ओपन में छपी ये स्टडी शिकागो क्षेत्र के 59 लोगों पर आधारित है. इसमें 29 लोगों का एक ग्रुप वो था जो पहले कोविड पॉजिटिव रहा था और दूसरा 30 लोगों का ग्रुप जिनके पहले कोविड पॉजिटिव होने की रिपोर्ट नहीं थी.
टीम ने SARS-CoV-2 स्पाइक इम्युनोग्लोबुलिन (Ig) G एंटीबॉडी लेवल का मूल्यांकन पहले संक्रमित हुए व्यक्तियों में पहली और दूसरी डोज के बाद की और इसकी तुलना वैक्सीन लेने वाले उन लोगों से की जो पहले कोरोना संक्रमित नहीं हुए थे.
कोरोना संक्रमित हो चुके जिन चार प्रतिभागियों में S-प्रोटीन एंटीबॉडी डेवलप नहीं हुआ था, उनमें वैक्सीन की पहली डोज के लिए वैसा ही रिस्पॉन्स रहा, जैसा पहले संक्रमित न होने वालों में देखा गया.
शोधकर्ताओं ने कहा, "ये स्टडी कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के लिए एक डोज की सिफारिश की संभावना पर प्रकाश डालती है और टीकाकरण नीति के बारे में चर्चा के लिए उपयोगी हो सकती है."
हालांकि ये स्टडी एक छोटे सैंपल पर आधारित है और न्यूट्रलाइजेशन व T-सेल रिस्पॉन्स पर स्टडी की कमी इसे सीमित करती हैं.
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