कोरोना वायरस से पहले संक्रमित हो चुके लोगों पर फाइजर वैक्सीन की एक खुराक का काफी प्रभावशाली असर देखने को मिला है.
एक नए अध्ययन से पता चला है कि वैक्सीन असरदार पाई गई है, भले ही उन्हें संक्रमण पहले कभी भी हुआ हो और वैक्सीन लगवाने से पहले उनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुई हो या नहीं.
वैक्सीन की एक खुराक के बाद मजबूत प्रतिक्रिया
हालिया स्टडी में पाया गया कि स्वस्थ लोगों के साथ ही पहले से कोरोना संक्रमित लोगों में फाइजर वैक्सीन की पहली खुराक के बाद कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को लेकर भी काफी असरदार प्रभाव देखने को मिला है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, पहले से संक्रमित लोगों में वैक्सीन की एक खुराक के बाद मजबूत प्रतिक्रिया एक अच्छी खबर है.
क्या हैं इस स्टडी के मायने?
बार-इलन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता माइकल एडेलस्टीन ने कहा, "यह खोज वैक्सीन नीति के बारे में विभिन्न देशों को निर्णय लेने में मदद कर सकती है."
उदाहरण के लिए, क्या पहले से संक्रमित लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाना चाहिए और अगर ऐसा है तो उन्हें कितनी खुराक देनी चाहिए.
अध्ययन के लिए जर्नल यूरोसर्विलांस में प्रकाशित शोध टीम में 514 प्रतिभागी शामिल थे. वैक्सीन की पहली खुराक लेने से पहले एक से दस महीने के बीच उनमें से 17 लोग कोरोना संक्रमित थे.
क्या कोरोना से पहले संक्रमित हो चुके लोगों के लिए वैक्सीन की एक डोज काफी है?
स्टडी में शामिल लोगों पर एंटीबॉडी के स्तर की भी जांच की गई. उनमें टीकाकरण से पहले और उसके बाद वैक्सीन की प्रतिक्रिया पर नजर रखी गई.
स्टडी में निकले निष्कर्षों का अध्ययन करने के बाद टीम का कहना है कि पहले से संक्रमित लोगों के बीच प्रतिक्रिया इतनी प्रभावी रही कि इससे यह बहस फिर से शुरू हो गई है कि क्या टीके की एक ही खुराक पर्याप्त हो सकती है.
हालांकि, शोधकर्ता इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि निश्चित निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले इसकी पुष्टि एक बड़े स्तर पर की जानी चाहिए.
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