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क्या चीज Coronavirus के डेल्टा और Delta प्लस वैरिएंट को ज्यादा खतरनाक बनाती है?

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Health News
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COVID-19 बीमारी करने वाले SARS-CoV-2 के डेल्टा (Delta) और डेल्टा प्लस (Delta Plus) वैरिएंट ज्यादा खतरनाक क्यों है और कैसे ये दुनिया भर में तेजी से फैले, इस पर हुई एक स्टडी के मुताबिक संक्रमित लोगों और वैक्सीन लगवा चुके लोगों में वायरस के इन वैरिएंट के खिलाफ बनी एंटीबॉडी इन्हें मूल वायरस की तुलना में उतने बेहतर तरीके से बेअसर नहीं कर पाती.

डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) की पहचान सबसे पहले साल 2020 के दौरान भारत में की गई और ये वैरिएंट दुनिया भर में तेजी से फैला. डेल्टा के अलावा, डेल्टा प्लस सब-वेरिएंट देखा गया, जो अतिरिक्त म्यूटेशन के कारण अधिक खतरनाक बन सकता है.

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जर्नल 'सेल रिपोर्ट्स' में आई स्टडी में, शोधकर्ताओं ने दिखाया कि डेल्टा और डेल्टा प्लस दोनों फेफड़ों की कोशिकाओं को मूल वायरस (महामारी के शुरुआती चरण के दौरान प्रसारित होने वाले वायरस) की तुलना में ज्यादा दक्षता के साथ संक्रमित करते हैं.

डेल्टा वैरिएंट मूल वायरस की तुलना में फेफड़ों की कोशिकाओं में प्रवेश करने और असंक्रमित कोशिकाओं के साथ संक्रमित कोशिकाओं को फ्यूज करने में भी बेहतर पाया गया.

इस वजह से ये वैरिएंट व्यापक रूप से फैलने और अधिक लोगों को संक्रमित करने के सक्षम रहा.

जर्मन प्राइमेट सेंटर के वैज्ञानिक अरोड़ा प्रेरणा ने कहा, "ऐसा समझा जा सकता है कि श्वसन पथ में कोशिकाओं को फ्यूज करके, डेल्टा वैरिएंट अधिक कुशलता से फैल सकता है और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है. यह अधिक गंभीर COVID-19 में योगदान कर सकता है."

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इसके अलावा, COVID-19 ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किए जाने वाले चार एंटीबॉडी में से एक (बामलानिविमैब) डेल्टा के खिलाफ प्रभावी नहीं था और डेल्टा प्लस दो थेरप्यूटिक एंटीबॉडी (बामलानिविमैब और एटेसेविमैब) के खिलाफ प्रतिरोधी रहा.

इसी तरह, BioNTech-Pfizer और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से उत्पन्न एंटीबॉडी भी मूल वायरस की तुलना में डेल्टा और डेल्टा प्लस के खिलाफ कम प्रभावी रहे.

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जर्मन प्राइमेट सेंटर के स्टीफन पोहलमैन ने कहा, "हमारे परिणाम इस अवलोकन के अनुरूप हैं कि टीकाकरण प्रभावी रूप से डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण के बाद गंभीर बीमारी के विकास से बचाता है, लेकिन अक्सर संक्रमण को पूरी तरह से दबाने में विफल रहता है. वैक्सीन से गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा को देखते हुए टीकाकरण बढ़ाने का लक्ष्य जारी है."

(इनपुट- IANS)

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