ब्लड शुगर का संतुलन शरीर की कोशिकाओं और अंगों को एनर्जी देता है. शुगर लेवल को नॉर्मल रेंज में रखने के लिए शरीर को इंसुलिन की जरूरत होती है.
इंसुलिन एक हार्मोन है, जिसके जरिए बॉडी सेल्स ग्लूकोज लेती और स्टोर करती हैं. अगर इंसुलिन के काम में कोई गड़बड़ी हो जाए तो ब्लड शुगर का लेवल बढ़ या घट सकता है. इन दोनों ही कंडिशन को कंट्रोल करना जरूरी है.
हाई ब्लड ग्लूकोज यानी रक्त में ग्लूकोज की अधिक मात्रा. जब ब्लड में ग्लूकोज लेवल नॉर्मल रेंज से ज्यादा हो जाता है और ये लगातार हाई रहता है, तब इसे हाइपरग्लाइसेमिया कहते हैं. इसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है.
हाइपरग्लाइसेमिया के कारण?
- अगर आपको टाइप 1 डायबिटीज है, तो हो सकता है कि आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन की पूर्ति न हो रही हो.
- अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है, तो हो सकता है कि आपके शरीर में इंसुलिन भले ही पर्याप्त मात्रा में हो, लेकिन उतना इफेक्टिव न हो, जितना होना चाहिए.
- आपने जरूरत से ज्यादा खा लिया हो या एक्सरसाइज कम की हो.
- किसी बीमारी जैसे कोल्ड या फ्लू के कारण आपको स्ट्रेस हो.
- किसी और वजह से आपको स्ट्रेस हो.
हाई ब्लड शुगर लेवल के लक्षण क्या हैं?
अगर किसी में बल्ड शुगर का लेवल हाई है, तो उसमें ये लक्षण देखे जा सकते हैं:
- बार-बार भूख और प्यास लगना
- जल्दी-जल्दी पेशाब जाना
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक हाइपरग्लाइसेमिया के ये दो मुख्य लक्षण हैं. ब्लड में हाई शुगर किडनी और यूरिन तक पहुंचता है, जो ज्यादा पानी की जरूरत पैदा करता है, जिससे जल्दी-जल्दी पेशाब जाना पड़ता है. इस वजह से पर्याप्त पानी पीने के बाद भी प्यास लगती है.
- सिर दर्द और दूसरे दर्द होना
- थकान महसूस होना
- वजन कम होना
हाई ब्लड शुगर से अचानक वजन कम होने लग सकता है, जिसका कारण पता नहीं चलता. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर की कोशिकाओं को जरूरत के मुताबिक ग्लूकोज नहीं मिलता, इसलिए ऊर्जा के लिए स्टोर हुए फैट का इस्तेमाल होने लगता है.
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना
- धुंधला दिखाई देना
ब्लड ग्लूकोज जितने लंबे समय तक हाई रहता है, इसके लक्षण उतने ही गंभीर होते जाते हैं. अगर ब्लड शुगर लेवल लगातार बढ़ा रहता है, तो ये दिक्कतें हो सकती हैं:
- स्किन इंफेक्शन
- घाव भरने में देरी
- दिखाई देने में दिक्कतें बढ़ जाना
- पेट की दिक्कतें जैसे लंबे समय से कब्ज या डायरिया
- किडनी को नुकसान
हाई ब्लड ग्लूकोज यानी हाइपरग्लाइसेमिया का इलाज न कराने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इसलिए जैसे ही इसके बारे में पता चले, इलाज जरूर कराएं. हाइपरग्लाइसेमिया का ट्रीटमेंट न होने से डायबिटीक कोमा तक बात बिगड़ सकती है.
डायबिटीज के मरीजों में अगर इसका कोई लक्षण दिखता है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डायबिटीक लोगों में हाइपरग्लाइसेमिया से बचने का सबसे बेहतर तरीका डायबिटीज मैनेजमेंट है.
डायबिटीज न होने पर भी गंभीर बीमारियों के दौरान हाइपरग्लाइसेमिया हो सकता है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों को किसी बीमारी या स्ट्रेस के दौरान ब्लड ग्लूकोज लेवल पर खास ध्यान देना चाहिए.
इन बातों का रखें ख्याल
पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं
पानी शुगर की ज्यादा मात्रा को यूरिन के जरिए बाहर करने में मददगार होता है और साथ ही डीहाइड्रेशन का खतरा भी नहीं रहता.
डॉक्टर की सलाह पर ही करें कोई एक्सरसाइज
अक्सर हाई ब्लड ग्लूकोज को कम करने के लिए एक्सरसाइज करने को कह दिया जाता है, लेकिन अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक अगर ब्लड ग्लूकोज 240 mg/dl से ऊपर है, तब यूरिन में कीटोन्स चेक कराना चाहिए. अगर कीटोन्स निकलते हैं, तो एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए.
कीटोन्स की मौजूदगी में एक्सरसाइज करने से ब्लड ग्लूकोज और हाई हो सकता है. ब्लड ग्लूकोज लो करने के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
इसके अलावा डायटीशियन की मदद से खानपान में बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है.
(इनपुट: मायो क्लिनिक, वेबएमडी, अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन)
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