इसमें कोई शक नहीं कि सोशल मीडिया ने हमें बहुत सुविधाएं दी हैं, सूचनाओं का आदान-प्रदान जितना आसान हो गया है उससे अधिक मुश्किल ये हो गया है कि कौन सी बात सही और कौन सी फेक हैं.
व्हाट्सएप के जिन मैसेजेस को आप सच और सही समझ कर आगे भेज देते हैं, क्या आप कभी ये जानने की कोशिश करते हैं कि वो कितने सही हैं?
हम स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही संदेश जिन्हें व्हाट्सएप पर भेजा जाता है, उनकी वैधता जांचते हैं और आप को उनसे जुड़े तथ्य बताते हैं.
फिल्म अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे को कैंसर होने की खबर आने के बाद व्हाट्सएप पर ब्रेस्ट कैंसर होने से जुड़े कुछ संदेश भेजे जाने लगे. इन संदेशों में ब्रेस्ट कैंसर से बचने के जो तरीके बताए गए हैं, वो कुछ इस तरह हैं.
- काली ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर हो जाता है.
- जिन ब्रा में तार लगे रहते हैं, उन्हें पहनने से कैंसर हो जाता है.
- काली ब्रा गर्मियों में पहनने से कैंसर हो जाता है.
- सोते वक्त ब्रा नहीं पहनते.
- जब सूरज के नीचे जाएं तो अपने स्तनों को अच्छी तरह दुपट्टे से ढकें.
- डियोड्रेंट इस्तेमाल करें, ना की एंटी-पर्सपिरेंट का.
क्या सचमुच इस तरह का संदेश हॉस्पिटल ने तैयार किया है?
इस मैसेज में लिखा है कि इसको टाटा कैंसर हॉस्पिटल की तरफ से जनहित में जारी किया गया है.
फिट ने टाटा कैंसर हॉस्पिटल में फोन कर के ये पता करने की कोशिश की कि क्या सचमुच ये मैसेज उनकी तरफ से तैयार किया गया है. इस पर उनका कहना था:
टाटा कैंसर हॉस्पिटल हेल्थ से जुड़े किसी भी तरह के संदेश सोशल मीडिया पर नहीं डालता है.
मैसेज में लिखी बातें कितनी सही हैं?
ये जानने के बाद कि कैंसर हॉस्पिटल ने इस संदेश को नहीं भेजा या तैयार किया है, हमने इस मैसेज में लिखी बातों की वैधता जांचने के लिए मैक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर प्रमोद कुमार जुल्का से बात की. डॉक्टर का कहना था:
ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी ये सभी बातें ऐसी हैं, जिनका ब्रेस्ट कैंसर से कोई लेना-देना नहीं है.
डॉक्टर जुल्का के अनुसार ब्रा काली पहनें या सफेद इसका ब्रेस्ट कैंसर से कोई लेना-देना नहीं है.
जहां तक रात में ब्रा उतार के सोने के लिए कहा गया है, उस बारे में ये कहा जाता है कि रात में बिना ब्रा के सोना फायदेमंद होता है. लेकिन इसका ब्रेस्ट कैंसर से कोई लेना-देना नहीं है.
डॉ जुल्का के अनुसार कुछ दिनों पहले भी ये बात चर्चा में आई थी कि एंटी-पर्सपिरेंट लगाने से ब्रेस्ट कैंसर हो जाता है.
डियोड्रेंट या एंटीपर्सपिरेंट लगाने के बारे में ये कहा जाता है कि इसे स्किन के ऊपर सीधे नहीं लगाना चाहिए, लगाना है तो कपड़ों के ऊपर से लगाएं. लेकिन इसका ब्रेस्ट कैंसर से कोई संबंध नहीं है.
धूप से तो हर कोई बचने की कोशिश करता है. लेकिन धूप में छाती को दुपट्टे से ढक कर निकलने की बात का भी ब्रेस्ट कैंसर से कोई लेना-देना नहीं है.
व्हाट्सएप पर स्वास्थ्य से जुड़े इस तरह के अनगिनत मैसेज आते हैं, लेकिन किसी की कोई वैधता नहीं होती है.डॉक्टर प्रमोद कुमार जुल्का
ब्रेस्ट कैंसर होने के कारण
डॉक्टर्स के अनुसार कैंसर क्यों होता है, इसकी ठोस वजह किसी को नहीं मालूम. लेकिन रिसर्च और डॉक्टर के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर होने की वजहों में से कुछ वजहें ये हैं.
- आनुवांशिक यानी genetic ( (इसकी संख्या बहुत कम है)
- स्तनपान नहीं कराने से
- हार्मोनल बदलाव
- लाइफस्टाइल
- स्तनों में गांठ
- समय से पहले मासिक धर्म शुरू होना
- 55 साल की उम्र के बाद मेनोपॉज
सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य से जुड़ी सभी बातें या कोई भी नुस्खा जरूरी नहीं कि सही हो. इसलिए किसी मैसेज को आगे भेजने या खुद अमल करने से पहले कई बार सोचें.
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